तेजस MK-1A के 2 स्क्वाड्रन रेडी, रॉकेट की रफ्तार से प्रोडक्शन, हर माह 2 जेट!

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Last Updated:September 16, 2025, 12:07 IST

तेजस MK-1A के 2 स्क्वाड्रन रेडी, रॉकेट की रफ्तार से प्रोडक्शन, हर माह 2 जेट!एचएएल चीफ ने दावा किया है कि तेजस MK-1A के 34 विमान करीब-करीब रेडी हैं.

इंडियन एयरफोर्स लड़ाकू विमानों की कमी से जूझ रही है. इसको लेकर वह बार-बार चिंता भी जारिह करती रही है. लेकिन, अब उसकी सबसे बड़ी चिंता जल्द दूर होने वाली है. क्योंकि देसी विमान निर्माता कंपनी एचएएल ने स्वदेसी फाइटर जेट तेजस MK-1A के प्रोडक्शन को रॉकेट की रफ्तार दे दी है. अमेरिकी कंपनी जीई की ओर से इंजन की सप्लाई में देरी और अन्य कारणों से इस फाइटर जेट की सप्लाई सुचारु नहीं हो पाई है.

दरअसल, तेजस MK-1A देश में विकसित एक शानदार फाइटर जेट है. भारत सरकार ने एचएलए को 180 तेजस MK-1A विमानों का ऑर्डर दिया है. ये ऑर्डर दो बार में दिए गए. पहला ऑर्डर 83 विमानों का था. पिछले दिनों केंद्रीय कैबिनेट ने फिर से ऐसे 97 विमानों का ऑर्डर दिया था. इन विमानों की डिलिवरी मार्च 2024 में शुरू होने वाली थी. लेकिन, अभी तक एयरफोर्स को एक भी विमान की आपूर्ति नहीं हो पाई है. लेकिन, एचएएल अब अगले माह हर साल में कम से कम दो विमान की आपूर्ति करने वाली है. इन विमानों में मिसाइलों का टेस्ट परीक्षण किया जा रहा है. मिसाइलों के टेस्ट परीक्षण के बाद ये जेट एयरफोर्स को सौंप दिए जाएंगे. आज की तारीख में तेजस MK-1A को लेकर यही अपडेट है.

अब आते हैं दूसरे मसले पर. आप हेडिंग पढ़कर कह रहे होंगे कि अब एक भी विमान की आपूर्ति नहीं और हम कह रहे हैं कि तेजस MK-1A के दो स्क्वाड्रन तैयार हैं. यह बात कुछ जमी नहीं. इसके लिए हम आपको एचएएल के प्रमुख डीके सुनील के बयान का जिक्र कर रहा हूं. डीके सुनील ने तेजस MK-1A प्रोग्राम को लेकर हिंदुस्तान टाइम्स से एक लंबी बातचीत की है. उन्होंने ही तेजस MK-1A के बारे कई सारी बातें बताई जिसके बारे में मीडिया में अभी तक कोई खास रिपोर्ट नहीं है.

डीके सुनील का कहना है कि यह बात सही है कि तेजस MK-1A की सप्लाई में देरी हुई है. लेकिन, सप्लाई चेन की समस्या पूरी दुनिया में है. दुनिया में विमान इंजन बनाने वाली केवल तीन कंपनियां हैं. इनके नाम है जीई, सैफ्रान और हनीवेल. दुनिया के तमाम विमान निर्माता इनके पास ही लाइन लगाकर खड़े हैं. ऐसे में एचएएल को टारगेट करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अमेरिकी से भारतीय सेना के लिए खरीदे गए अपाचे हेलीकॉप्टरों की सप्लाई में भी इसी तरह की देरी हुई. इस वक्त पूरी दुनिया सप्लाई चेन की समस्या से जूझ रही है. अभी तक एचएएल को जीई से केवल तीन इंजन मिले हैं. इस साल दिसंबर तक सात इंजन मिल जाएंगे. फिर अगले साल 20 इंजन मिलने की संभावना है. इस तरह 2026 के अंत तक उम्मीद की जा रही है कि एयरफोर्स को करीब 30 फाइटर जेट्स मिल जाएंगे.

इस बातचीत में डीके सुनील ने बताया कि एचएएल अगले माह दो फाइटर जेट्स की सप्लाई करने जा रही है. उसके पास 10 तेजस MK-1A तैयार हैं. उसमें केवल इंजन फिट करना है. इसके अलावा 24 तेजस MK-1A का पूरा ढांचा तैयार कर लिया गया है. यानी एचएएल के पास करीब 34 फाइटर जेट तैयार मोड में आ गए हैं. ये करीब एयरफोर्स के दो स्क्वाड्रन के बराबर हैं. एक स्क्वाड्रन में 18 विमान होते हैं. जहां तक इंजन सप्लाई की बात है तो एचएएल का दावा है कि शुरुआत में दिक्कत आती है. एक बार चीजें पटरी पर आने के बाद सप्लाई रफ्तार पकड़ लेगी और एचएएल की ओर से डिविलरी भी तेज हो जाएगी. उन्होंने बताया कि इस वक्त एचएएल के पास सालाना 24 फाइटर जेट बनाने की क्षमता आ गई है. यानी हर माह दो फाइटर जेट्स एयरफोर्स को सौंपे जाएंगे. इसके लिए एचएएल ने करीब पांच प्राइवेट कंपनियों के साथ समझौता किया है. इसमें टाटा और एलएंडटी जैसी कंपनियां हैं, जो विंग से लेकर विमान के अलग-अलग हिस्सों की निर्माण कर रही हैं.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 16, 2025, 12:07 IST

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