तेजी से बढ़ रहा सपर क्‍लब का ट्रेंड, स्‍वाद-सोशल के तड़के से कपल मालामाल

1 day ago

Last Updated:July 24, 2025, 22:14 IST

New Business Idea: भारत में सपर क्लब्स का ट्रेंड बढ़ रहा है, जो खाने के शौकीनों को अनोखा अनुभव और उद्यमियों को कम लागत में लाखों की कमाई का मौका दे रहा है. बेंगलुरु में माला किचन हर महीने 6 लाख रुपये तक कमा रहा...और पढ़ें

तेजी से बढ़ रहा सपर क्‍लब का ट्रेंड, स्‍वाद-सोशल के तड़के से कपल मालामालयह नया ट्रेंड तेजी से वायरल हो रहा है. (Representational Picture)

हाइलाइट्स

भारत में सपर क्लब्स का ट्रेंड नया है और तेजी ये ये बढ़ रहा है,खाने के शौकीनों को अनोखा अनुभव, कम लागत में लाखों की कमाई का मौकाबेंगलुरु में माला किचन हर महीने 6 लाख रुपये तक कमा रहा है.

नई दिल्‍ली. भारत की गलियों में खाने का जुनून अब नए रूप में उभर रहा है. सपर क्लब्स का ट्रेंड तेजी से लोगों के बीच अपनी जगह बना रहा है. इसे एक्स-कॉमर्स (Experience+ Community) का नाम दिया जा रहा है. यह ट्रेंड न केवल खाने का शौक पूरा करता है बल्कि उद्यमियों के लिए कम लागत में लाखों की कमाई का रास्ता भी खोल रहा है. बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली और गुरुग्राम जैसे शहरों में सपर क्लब्स खाने के शौकीनों को अनोखा अनुभव और समुदाय का हिस्सा बनने का मौका दे रहे हैं. यह पारंपरिक रेस्तरां से अलग हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि ये निजी घरों में आयोजित छोटे, चुनिंदा डिनर हैं, जहां कहानियां, संस्कृति और स्वाद एक साथ मिलते हैं.

6 लाख तक कमाई
सपर क्लब्स का बिजनेस मॉडल आकर्षक है. उदाहरण के लिए, बेंगलुरु में आदित्य रामकृष्णन और डोंगली झांग का माला किचन हर महीने 6 लाख रुपये तक कमा रहा है. सात कोर्स का सिचुआन मेन्यू, घर का आत्मीय माहौल और चीनी मिथकों की कहानियां मेहमानों को लुभाती हैं. इसी तरह, गुरुग्राम में द लॉस्ट टेबल ने इंस्टाग्राम से शुरू होकर मिनटों में बिकने वाला ब्रांड बन गया. इनकी सफलता का राज है कम लागत और ज्यादा मार्जिन.

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रेस्तरां खोलने की तुलना में किफायती
रेस्तरां खोलने की तुलना में सपर क्लब्स में किराया, स्टाफ और नियमों की जटिलताएं कम हैं. एक इवेंट की कीमत 2,500 से 4,200 रुपये प्रति व्यक्ति हो सकती है, और 6-14 मेहमानों के साथ हर सेशन में अच्छा मुनाफा संभव है. यह बिजनेस मॉडल सोशल मीडिया पर फलता-फूलता है. इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के जरिए बुकिंग और प्रमोशन आसान है. सीमित सीटें और गुप्त लोकेशन उत्साह बढ़ाते हैं. मेहमान न केवल खाने के लिए आते हैं, बल्कि अनुभव और नए दोस्त बनाने के लिए भी.

8 अरब डॉलर का खाने का बाजार
जाहवी जैसे क्लब कोरियाई व्यंजनों के साथ कहानियां परोसते हैं, तो हाउस ऑफ माला शाकाहारी सिचुआन व्यंजनों से दिल जीतता है. एक्स-कॉमर्स का भविष्य उज्ज्वल है. 2025 में भारत में खाने का बाजार 8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. सपर क्लब्स कम निवेश, रचनात्मक स्वतंत्रता और समुदाय निर्माण के जरिए इस बाजार का हिस्सा बन रहे हैं. अगर आप खाने के शौकीन हैं और उद्यमी बनना चाहते हैं तो सपर क्लब्स शुरू करना एक आकर्षक विकल्प है. बस जुनून, एक अच्छा मेन्यू और सोशल मीडिया की ताकत चाहिए.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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