Last Updated:September 04, 2025, 08:26 IST
Delhi Flood News: हिमाचल और उत्तराखंड में लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से कई नदियां उफान पर हैं. यमुना भी रौद्र रूप धारण कर चुकी है, जिसका असर अब देश की राजधानी दिल्ली पर भी दिखने लगा है.

Delhi Flood News: देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हो रही है. इस वजह से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. यमुना नदी ने 207 मीटर के मार्क को तोड़ दिया है, ऐसे में निचले इलाकों में पानी भर गया है. नोएडा और गाजियाबाद के कई रिहायशी इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. प्रभावित इलाकों के लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. दूसरी तरफ, श्मशान घाट से लेकर रेल सर्विस तक प्रभावित हुई है. लोहा पुल को ट्रेनों की आवाजाही के लिए रोक दिया गया है. देश के सबसे पुराने श्मशान नगिमबोध घाट में भी कामकाज रोकना पड़ा है, क्योंकि यहां भी यमुना का पानी घुस गया है.
राजधानी दिल्ली में यमुना नदी बुधवार को 207 मीटर का स्तर पार कर गई. अधिकारियों के मुताबिक यह पांचवीं बार है जब 1963 के बाद से नदी इस ऊंचाई पर पहुंची है. यमुना का जलस्तर रात 8 बजे तक बढ़कर 207.39 मीटर दर्ज किया गया और इसके आगे भी बढ़ने की आशंका जताई गई थी जो गुरुवार सुबह को सच साबित हुई, जब नदी का वॉटर लेवल 207.49 मीटर तक पहुंच गया. बढ़ते जलस्तर से शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया है. घरों में बाढ़ का पानी घुस गया, दुकानें डूब गईं और यातायात व्यवस्था चरमरा गई. रोजमर्रा की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित हो रही है.
ट्रेनों की आवाजाही पर असर
सबसे बड़ी मुश्किल रेल यातायात पर पड़ी. पुराना लोहे का पुल (Old Iron Bridge) पर ट्रेनों की आवाजाही बुधवार सुबह 6.30 बजे रोक दी गई. इससे 40 ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं, 34 का मार्ग बदलना पड़ा, 11 ट्रेनें अन्य स्टेशनों से शुरू हुईं और 14 ट्रेनों को बीच रास्ते ही समाप्त करना पड़ा. पुल पर मंगलवार शाम 4 बजे से ही वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी. राजस्व विभाग के मुताबिक अब तक 8,018 लोगों को सुरक्षित टेंटों में और 2,030 लोगों को 13 स्थायी आश्रयों में शिफ्ट किया गया है. निचले इलाकों के लोग अपना सामान सिर पर रखकर पानी में पैदल चलते हुए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचते दिखे. एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हैं.
प्रभावितों के लिए राहत शिविर
दिल्ली सरकार ने 38 स्थानों पर राहत शिविर बनाए हैं और 27 जगहों पर 522 टेंट लगाए गए हैं. मदनपुर खादर, जाइटपुर और बदरपुर समेत कई इलाकों में परिवारों को अस्थायी शिविरों में शरण लेनी पड़ी. नॉर्थ, नॉर्थ-ईस्ट, शाहदरा, ईस्ट, सेंट्रल और साउथ-ईस्ट जिले बाढ़ की चपेट में आने की आशंका वाले इलाके बताए गए हैं. कुल मिलाकर लगभग 10,000 लोग प्रभावित हुए हैं.
निगमबोध घाट बंद
निगमबोध घाट, जो दिल्ली का सबसे पुराना श्मशान स्थल है, वहां भी जलभराव के चलते अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रोकनी पड़ी. बाढ़ के पानी ने घाट परिसर को डूबो दिया. गौरतलब है कि दिल्ली में 2023 में भी भयानक बाढ़ की स्थिति बनी थी, जब यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर तक पहुंच गया था और 25,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकालना पड़ा था. उससे पहले 1978 में नदी का स्तर 207.49 मीटर दर्ज हुआ था. अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के सभी 13 रेगुलेटर ड्रेन बंद कर दिए गए हैं ताकि यमुना से पानी की बैकफ्लो की स्थिति न बने. फिलहाल प्रशासन अलर्ट पर है और हालात से निपटने के लिए लगातार निगरानी कर रहा है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 04, 2025, 08:26 IST