'दिल्ली में कृत्रिम बारिश हो ही नहीं सकती! क्लाउड सीडिंग पर खामखां....

10 hours ago

Last Updated:October 31, 2025, 13:41 IST

Delhi Cloud Seeding: दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के असफल रहने को लेकर आईआईटी कानपुर के डायरेक्‍टर मनींद्र अग्रवाल ने कहा है क‍ि बादलों में 15 फीसदी नमी के चलते कृत्रि‍म बार‍िश का प्रयोग सफल नहीं हो सका, हालांक‍ि उन्‍होंने कहा क‍ि इससे प्रदूषण में थोड़ी कमी आई है. इसे लेकर भारतीय मौसम व‍िभाग के पूर्व डायरेक्‍टर जनरल केजे रमेश ने इस फैसले पर ही हैरानी जताई है और कहा है क‍ि दि‍ल्‍ली में कृत्र‍िम बार‍िश नहीं हो सकती है.

'दिल्ली में कृत्रिम बारिश हो ही नहीं सकती! क्लाउड सीडिंग पर खामखां....द‍िल्‍ली में क्‍यों नहीं हो सकती क्‍लाउड सीड‍िंग, एक्‍सपर्ट से जानें.

Cloud Seeding in Delhi: दिल्ली के कई इलाकों में क्लाउड सीडिंग के बाद भी कृत्रिम बारिश देखने को नहीं मिली. क्लाउड सीडिंग के फेल होने पर आईआईटी कानपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने स्पष्ट किया, ‘बादलों में नमी काफी कम करीब 15 फीसदी थी जिसके चलते कृत्रिम बारिश का प्रयोग सफल नहीं हो पाया लेकिन इससे प्रदूषण के स्तर में जरूर थोड़ी कमी देखने को मिली. मिली.उनका कहना है कि जब बादलों में पर्याप्त नहीं देखने को मिलेगी तब फिर से क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया फिर से की जाएगी.’ हालांकि news18hindi से बातचीत में इस स्पष्टीकरण और दिल्ली में क्लाउड सीडिंग की संभावनाओं पर भारतीय मौसम विभाग के पूर्व डायरेक्टर जनरल ऑफ मेटरोलॉजी वैज्ञानिक केजे रमेश ने अपनी राय दी है. आइए जानते हैं..

सवाल-आपको क्या लगता है, दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के असफल रहने के क्या कारण हो सकते हैं?
जवाब- दिल्ली में कोई भी प्रयोग करने से पहले यहां की जलवायु और और इसके वातावरण को पूरी तरह समझना जरूरी है. अगर दिल्ली की जलवायु को देखें तो सर्दी के मौसम में यहां कृत्रिम बारिश हो ही नहीं सकती है. सर्दी का मौसम शुरू होने पर यहां पर्याप्त बादल तब तक नहीं बनते हैं, जब तक कि कोई मजबूत पश्चिमी विक्षोभ न आए. अगर कोई वैस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं आता है तो यहां के वायुमंडल में पर्याप्त नमी और बादलों का बनना मुश्किल है. ऐसे में अगर प्राकृतिक रूप से बादल नहीं बनेंगे तो तकनीकी रूप से क्लाउड सीडिंग संभव ही नहीं है.

सवाल- सफल क्लाउड सीडिंग के लिए कितनी नमी और बादलों की जरूरत होती है?
जवाब- अगर किसी क्षेत्र में क्लाउड सीडिंग को सफल बनाना है तो वातावरण में करीब 50 से 60 फीसदी नमी होनी ही चाहिए. अगर इतने से कम नमी होगी तो बादल अच्छे से बनेंगे ही नहीं. कम नमी वाले बादलों का आकार छोटा होगा और वे जल्दी ही घुल जाएंगे. या फिर ऐसे बादलों में क्लाउड सीडिंग करना ही संभव नहीं हो पाएगा.

सवाल- बताया गया है कि 15 फीसदी नमी थी, क्या इसीलिए सीडिंग फेल हुई?
जवाब – मेरी समझ में नहीं आ रहा कि जब नमी 15 फीसदी थी तो क्लाउड सीडिंग की ही क्यों गई? क्लाउड सीडिंग सिर्फ बादलों में रसायन इंजेक्ट करने की प्रक्रिया भर नहीं है, बल्कि यह बादलों का आकार, उनकी गति, उनकी दिशा को मॉनिटर करने और फिर सभी चीजें सही पाए जाने के बाद की प्रक्रिया है. जब भी क्लाउड सीडिंग होती है तो जमीन पर मौजूद एक विशेषज्ञों की टीम होती है, जिसमें मौसम विभाग, इसरो या आईआईटी आदि से वैज्ञानिक होते हैं, वे यह देखते हैं कि क्या क्लाउड सीडिंग के लिए फीजिबिलिटी है, क्या सभी चीजें व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रही हैं, क्या सीडिंग के लिए पर्याप्त नमी मौजूद है जो कि बढ़ जाए और बूंदों में बदल सके. अगर इनमें से एक भी चीज में गैप है तो फिर सफलता मुश्किल है.

सवाल- तो इस क्लाउड सीडिंग का हासिल क्या है?
जवाब- दिल्ली में सर्दी में क्लाउड सीडिंग के लिए अनुकूलता नहीं है. क्लाउड सीडिंग पर खामखां खर्च किया गया है. मौसम विभाग की अभी तक की रिपोर्ट्स इस प्रोसेस को यहां के अनुकूल नहीं मानतीं.

सवाल- सर्दी में नहीं तो दिल्ली में किस मौसम में क्लाउड सीडिंग हो सकती है?
जवाब- सिर्फ मॉनसून में. जब बादल आते हैं, तभी यहां क्लाउड सीडिंग संभव है. या फिर बड़ा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आ जाए बस तब.

सवाल- जब बारिश आएगी ही तो इसकी जरूरत ही क्या है?
जवाब- हां बिल्कुल, कोई जरूरत ही नहीं है.

सवाल- क्लाउड सीडिंग सफल हो भी जाए तो प्रदूषण में कितने समय तक राहत मिल जाती है?
जवाब- अधिकतम 24 घंटे. जबकि आनंद विहार और बुराड़ी जैसे हॉटस्पॉट में सिर्फ 6 घंटे तक ही. दिल्ली में बारिश उपाय नहीं है.प्रदूषण का उत्सर्जन तो यहां लगातार हो ही रहा है. बारिश से कितना ही असर पड़ेगा, फिर वो उठना ही है. इसलिए ये बड़ी राहत का स्त्रोत नहीं है.

priya gautamSenior Correspondent

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...और पढ़ें

अमर उजाला एनसीआर में रिपोर्टिंग से करियर की शुरुआत करने वाली प्रिया गौतम ने हिंदुस्तान दिल्ली में संवाददाता का काम किया. इसके बाद Hindi.News18.com में वरिष्ठ संवाददाता के तौर पर काम कर रही हैं. हेल्थ एंड लाइफस्...

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Location :

Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

October 31, 2025, 13:41 IST

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