X-Press Pearl Ship Accident: समुद्र में हुई दुर्घटनाएं ना केवल इंसानी जान और माल को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि समुद्रीय जलजीवन को भी लंबे समय तक चलने वाली चोट दे देती हैं. ये लाखों समुद्री जीवों की जान ले लेती हैं और जलीय जीवन में ऐसे बदलाव ला देती हैं, जिसका बुरा असर कई सालों तक रहता है. ऐसी ही एक समुद्री घटना कोलंबो में हुई थी. जब सिंगापुर में रजिस्टर्ड एक मालवाहक जहाज मलेशिया से वापस लौट रहा था और कोलंबो पहुंचा तो भीषण हादसे का शिकार हो गया. इस जहाज का नाम था एक्सप्रेस पर्ल जिसे चीन ने बनाया था और कुछ लॉन्च होने के कुछ ही महीने बाद भीषण आग में जलकर खाक हो गया.
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जहाज में लदे थे 1400 से ज्यादा कंटेनर
साल 2021 को जब एक्सप्रेस पर्ल जहाज दुर्घटना का शिकार हुआ, तब इसमें 1400 से ज्यादा कंटेनर लदे हुए थे. जिसमें कॉस्मेटिक्स, कॉस्मेटिक्स बनाने वाले केमिकल, नाइट्रिक एसिड आदि के कंटेनर भी शामिल थे. 19 मई 2021 को जहाज कोलंबो पहुंचा. शिप में मौजूद नाइट्रिक एसिड का एक कंटेनर लीक हो रहा था लेकिन जहाज ने यहां पहुंचकर इमरजेंसी की कोई घोषणा नहीं की.
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आग लगी, भड़की और फिर सुलगती रही
अगले ही दिन 20 मई को जहाज में छोटी आग लगी, जिसे जहाज में मौजूद क्रू मेंबर ने ऑन-बोर्ड सिस्टम का उपयोग करके बुझा दिया. लेकिन मामला खत्म नहीं हुआ. 25 मई को जहाज में विस्फोट हो गया. इसमें सवार सभी 25 क्रू मेंबर को निकाला गया. इसके बाद आग ने रौद्र रूप दिखाना शुरू किया और 27 मई तक जहाज खतरनाक लपटों में घिर गया. जहाज में तेल था और किसी तरह आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही थीं. लेकिन मामला बिगड़ चुका था और जहाज बुरी तरह जल रहा था.
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डूब गया जहाज, मारे गए लाखों समुद्री जीव
समंदर में खड़ा एक्सप्रेस पर्ल जहाज असीमित पानी के बीच भी 1 हफ्ते तक लगातार जलता रहा. इसमें बार-बार विस्फोट हुए, लाखों समुद्री जीव मारे गए और आखिर में यह जहाज डूब गया. इस घटना को श्रीलंका की इतिहास की सबसे बड़ी समुद्री दुर्घटना माना गया. इस जहाज में लगी आग पर काबू पाने के लिए 13 दिनों तक अग्निशमन कार्य किया गया.
इससे समुद्री पर्यावरण को खासा नुकसान हुआ. लाखों समुद्री जीव मारे गए. जहाज के मलवे, जहाज से निकले तेल, धुएं आदि के कारण बड़े पैमाने पर समुद्र का जल प्रदूषित हुआ. इस त्रासदी को आज भी बड़ी समुद्री दुर्घटना के तौर पर याद किया जाता है जिसमें समुद्र में खड़ा जहाज कई दिनों तक आग की लपटों में घिरकर धधकता रहा था.