Last Updated:January 19, 2025, 13:47 IST
Bihar Politics News: कहा जाता है कि बिहार में दही-चूड़ा का त्योहार सियासी बदलाव लेकर आता है. ऐसा लगता है कि इस बार भी यह परंपरा नहीं टूटी और राजनीतिक परिवर्तन अवश्यंभावी लग रहा है. दरअसल, सूत्रों से खब है कि एनडीए का एक साथी...और पढ़ें
पशुपति कुमार पारस और लालू यादव की मुलाकात से राजनीतिक सरगर्मी तेज.
हाइलाइट्स
राबड़ी देवी के आवास पर लालू यादव से मिले पशुपति कुमार पारस. महागठबंधन में शामिल होगी पशुपति कुमार पारस की आरएलजेपी.पटना. बिहार की राजनीति से बड़ी खबर है कि महागठबंधन का कुनबा और बढ़ने वाला है. इसमें एक नया दल और शामिल होने वाला है. सूत्रों से खबर है जल्दी ही पशुपति कुमार पारस की आरएलजेपी इंडिया ब्लॉक में शामिल हो सकती है. आरजेडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से पशुपति कुमार पारस की मुलाकात हुई है. बताया जा रहा है कि राबड़ी देवी के आवास पर हुई इस मीटिंग के दौरान पशुपति कुमार पारस की पार्टी का महागठबंधन में शामिल होने को लेकर बातचीत हुई है.
जानकारी के अनुसार, लालू प्रसाद यादव से पशुपति कुमार पारस की करीब 20 मिनट तक मीटिंग हुई. इस बातचीत के दौरान आरएलजेपी के महागठबंधन में शामिल होने को लेकर लगभग सहमति बन गई है. हालांकि, राबड़ी देवी आवास से जब पशुपति कुमार पारस निकल रहे थे तो उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. लेकिन, राजद सूत्रों ने यह लगभग पुष्ट कर दिया है कि आरएलजेपी अब महागठबंधन का हिस्सा होने जा रही है.
मकर संक्रांति पर ही मिले थे संकेत
बता दें कि आरएलजेपी के महागठबंधन में आने की बुनियाद बीते मकर संक्रांति में 14 जनवरी को तब साफ-साफ देखी गई जब पशुपति कुमार पारस राबड़ी देवी के आवास पर मिलने गए थे. इसके एक दिन बाद ही लालू प्रसाद यादव पशुपति कुमार पारस के आयोजित भोज में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. जाहिर तौर पर बिहार की राजनीति के लिहाज से एक अहम मोड़ कहा जा सकता है, क्योंकि पशुपति कुमार पारस हाल तक अपने आप को एनडीए का हिस्सा बताते रहे हैं. वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर मोदी पर का परिवार भी लिखते रहे हैं. हालांकि, हाल में उन्होंने मोदी का परिवार वाला टैग लाइन हटा लिया था.
एनडीए में दरकिनार हो रहे थे पारस!
दरअसल, उनकी नाराजगी इस बात को लेकर अधिक सामने आई है कि लोजपा (रामविलास) के चिराग पासवान को एनडीए में अधिक महत्व मिल रहा है, और उनको दरकिनार किया जा रहा है. यहां यह भी जानकारी दे दें कि एनडीए में पशुपति कमर पारस को लोकसभा चुनाव के दौरान एक भी सीट नहीं दी थी. एलजेपी कोटे की सारी की सारी सीटें रामविलास पासवान के नाम वाली चिराग पासवान की लोग जनशक्ति पार्टी को दी गई थी. खास बात यह कि ये सभी सीटें लोजपा रामविलास ने जीतने में सफलता पाई थी.
मेहरबान हुए लालू और पारस को मिला ठिकाना
वहीं, अब जब विधानसभा बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं तो पशुपति कुमार पारस ने अपने लिए नया नया ठिकाना ढूंढा है. वह लालू यादव के करीब हो गए हैं और इसको बिहार की राजनीति के लिहाज से अहम मोड़ के तौर पर देखा जा सकता है. दरअसल, राजद की कोशिश है कि पिछड़े और अति पिछड़े नेताओं को साथ कर वोटों का गणित साधा जाए. ऐसे नेताओं को एकजुट करने के क्रम में हाल में ही मंगनी लाल मंडल राजद में शामिल हुए हैं. इससे पहले कुर्मी जाति के सतीश कुमार राजद में शामिल हुए थे. अब पशुपति कुमार पारस महागठबंधन में शामिल हो रहे हैं.
First Published :
January 19, 2025, 13:47 IST