सूरत लिटरेचर फेस्टिवल-2025: ओंकार मंत्रों से गूंजा सभागार, भविष्य पर चर्चा

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Last Updated:January 19, 2025, 17:16 IST

Surat Literature Festival 2025: सूरत लिटरेचर फेस्टिवल 2025 की शुरुआत में ओंकार मंत्रों का जाप किया गया और फिर भारत के भविष्य के मुद्दों पर चर्चा की गई. उद्घाटन समारोह में गोटार्क के ब्रह्मचारी आश्रम के स्वामी परमात्मानंदजी, स्वामी निजानंदजी और गृह एवं संस्कृति राज्य...और पढ़ें

 ओंकार मंत्रों से गूंजा सभागार, भविष्य पर चर्चा

सूरत लिटरेचर फेस्टिवल में भारत के भविष्य के मुद्दों पर चर्चा की गई. (Image:News18)

सूरत. वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी (वीएनएसजीयू) में ‘ज्ञान कुंभ’ नामक जीवंत और सांस्कृतिक समारोह प्रतिष्ठित सूरत लिटरेचर फेस्टिवल 2025 का शुभारंभ हुआ. समारोह की शुरुआत तीन ओंकार मंत्रों के भावपूर्ण जाप के साथ हुई. जिसके बाद शंकर ध्वनि की मनमोहक प्रस्तुति ने शांत और आध्यात्मिक वातावरण बनाया. गणपति वंदना नृत्य प्रदर्शन और पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह ने कार्यक्रम की पवित्रता को और बढ़ा दिया. श्रद्धेय शांडलिया ऋषि द्वारा शक्तिशाली मंत्र उच्चारण ने महोत्सव के भव्य उद्घाटन को और भी धन्य बना दिया.

उद्घाटन समारोह में गोटार्क के ब्रह्मचारी आश्रम के स्वामी परमात्मानंदजी, स्वामी निजानंदजी और गृह एवं संस्कृति राज्य मंत्री हर्ष संघवी सहित कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. उनकी भागीदारी ने बौद्धिक विकास और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने में इस उत्सव के महत्व को उजागर किया. भव्य उद्घाटन के बाद, उत्सव में भारत के भविष्य को आकार देने वाले महत्वपूर्ण विषयों पर विचारोत्तेजक चर्चाओं की एक श्रृंखला हुई.

Surat Literature Festival

अलग अलग सत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, महिला सशक्तिकरण (महिला शक्ति) और प्रौद्योगिकी युद्ध जैसे प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा. राष्ट्रीय सुरक्षा (आंतरिक और बाह्य) और भारत@2047 पर एक महत्वपूर्ण सत्र में लेफ्टिनेंट जनरल एन एस राजा सुब्रमणि भारत की सुरक्षा चुनौतियों और रणनीतिक तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया. उत्सव में विदेश नीति और भारत@2047 पर एक महत्वपूर्ण सत्र भी आयोजित किया, जिसमें भारत की वैश्विक स्थिति और कूटनीतिक रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञ एक साथ आएं.

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एक अन्य महत्वपूर्ण पैनल ने महिला शक्ति और भारत@2047 पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें भारत की विकास कहानी में महिलाओं की परिवर्तनकारी भूमिका की खोज की. प्रौद्योगिकी के युद्ध और भारत@2047 पर एक बहुप्रतीक्षित चर्चा में इसरो के पूर्व अध्यक्ष ए एस किरण कुमार डॉ गोपाल गोस्वामी के साथ बातचीत की. सत्र में तकनीकी नवाचारों और भारत के भविष्य के विकास पर उनके प्रभाव पर गहन चर्चा हुई. ऐसे प्रमुख व्यक्तित्वों की सक्रिय भागीदारी उत्सव को और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है.

First Published :

January 19, 2025, 17:16 IST

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सूरत लिटरेचर फेस्टिवल-2025: ओंकार मंत्रों से गूंजा सभागार, भविष्य पर चर्चा

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