Last Updated:July 26, 2025, 10:18 IST
Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. असली कारण जस्टिस यशवंत वर्मा के महाभियोग प्रस्ताव को लेकर सरकार की नाराजगी थी. धनखड़ ने विपक्ष का नोटिस लिया तो था मगर औपचारिक ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया.महाभियोग प्रस्ताव के कारण सरकार नाराज हुई.जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लिया था.Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ को जिस कारण इस्तीफा देना पड़ा, उसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने सेहत का हवाला दिया. मगर हकीकत कुछ और है. जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग वाले विपक्ष के प्रस्ताव के कारण ही उनकी कुर्सी गई. जैसे ही उन्होंने जस्टिस वर्मा के महाभियोग वाले विपक्ष के नोटिस को लिया, वैसे ही सरकार नाराज हो गई. इसके बाद क्या हुआ, सबने देखा. उन्हें उसी रात राष्ट्रपति के पास जाकर इस्तीफा देना पड़ गया. जगदीप धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ले तो लिया, मगर एक जगह वह गच्चा खा गए.
जी हां, मानसून सत्र के पहले दिन राज्यसभा में जगदीप धनखड़ ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग पर विपक्ष के नोटिस को ले लिया. जबकि सरकार चाहती थी कि जस्टिस वर्मा पर उसका प्रस्ताव लोकसभा में पहले पेश हो. जगदीप धनखड़ ने नोटिस तो ले लिया, मगर अभी तक उसे औपचारिक मंजूरी नहीं दी थी. हालांकि, उनके पास इसे मंजूरी देने का हक भी नहीं था. वह चाहकर भी राज्यसभा में इसे पेश नहीं करवा सकते थे. कारण कि सुप्रीम कोर्ट ने जो जांच कमेटी बनाई थी, उसकी रिपोर्ट राज्यसभा को मिली ही नहीं थी.
कैसे गच्चा खा गए जगदीप धनखड़
सूत्रों ने कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा कैश कांड पर सुप्रीम कोर्ट ने 3 जजों की एक एंक्वायरी कमेटी बनाई थी. उसने एक रिपोर्ट तैयार की. वह रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर को सौंपी गई थी. राज्यसभा के सभापति को वह रिपोर्ट मिली ही नहीं थी. ऐसे में तकनीकी तौर पर जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग वाला नोटिस केवल लोकसभा में ही पेश हो सकता था, राज्यसभा में नहीं. मगर इस बात से अनजान जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों के हस्ताक्षर वाले नोटिस को ले तो लिया था, मगर वह राज्यसभा में मंजूर नहीं करा पाते.
क्यों राज्यसभा से ठुकराया गया प्रस्ताव
यही वजह है कि अब राज्यसभा से विपक्ष के महाभियोग वाले प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि यह जस्टिस वर्मा पर विपक्ष का प्रस्ताव राज्यसभा में कभी औपचारिक रूप से स्वीकार ही नहीं किया गया था. जगदीप धनखड़ ने केवल लिया था. अगला कदम औपचारिक रूप से स्वीकार करने की थी. मगर उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया. इससे पहले खुद तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को केवल विपक्ष का नोटिस मिलने की सूचना दी थी. इसके बाद ही सरकार से उनकी ठन गई. इसके बाद धनखड़ ने उसी रात को अचानक अपने पद से इस्तीफा सौंप दिया.
अब लोकसभा में पेश होगा प्रस्ताव
अब साफ है कि जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के लिए कार्यवाही पहले लोकसभा में शुरू की जाएगी. जस्टिस वर्मा को हटाने के मामले में जल्द एक समिति बन सकती है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा पर जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं हुई है. माना जा रहा है कि इसी मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर के बाद जस्टिस वर्मा पर सरकार नोटिस को लोकसभा में पेश करेगी.
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...
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