धनखड़ हरियाणा की 'फर्स्ट फैमिली' के साथ, मेंटॉर के फार्म हाउस को बनाया ठिकाना

7 hours ago

Last Updated:September 02, 2025, 11:15 IST

Jagdeep Dhankhar News: जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के बाद अभय सिंह चौटाला के फार्महाउस में शिफ्ट होकर चौटाला परिवार से 40 साल पुराने राजनीतिक रिश्तों को फिर मजबूत किया है.

धनखड़ हरियाणा की 'फर्स्ट फैमिली' के साथ, मेंटॉर के फार्म हाउस को बनाया ठिकानाजगदीप धनखड़ ने हरियाणा के चौटाला परिवार के फार्म हाउस को अपना ठिकाना बनाया है.

Jagdeep Dhankhar News: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधिकारिक आवास छोड़कर दिल्ली के छतरपुर एन्क्लेव में इंडियन नेशनल लोक दल (इलेनो) प्रमुख अभय सिंह चौटाला के फार्महाउस में शिफ्ट हो गए हैं. उन्होंने यह कदम उपराष्ट्रपति पद से उनके हटने के एक महीने से ज्यादा समय बाद उठाया है. उन्होंने 21 जुलाई को मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दिया था. धनखड़ को पूर्व उपराष्ट्रपति के रूप में टाइप-8 सरकारी बंगला मिलना है, लेकिन रेनोवेशन में समय लगने के कारण उन्होंने यह अस्थायी व्यवस्था की है. सवाल उठ रहे हैं कि धनखड़ ने राजधानी में निजी आवास होने के बावजूद चौटाला परिवार के फार्महाउस को क्यों चुना? इसका जवाब 40 साल पुराने राजनीतिक और पारिवारिक रिश्तों में छिपा है, जो हरियाणा की ‘फर्स्ट फैमिली’ यानी चौटालाओं से जुड़ा है.

धनखड़ का चौटाला परिवार से गहरा नाता 1989 में शुरू हुआ, जब हरियाणा के प्रमुख जाट नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल ने राजस्थान के युवा वकील धनखड़ को संभावित लीडर के रूप में पहचाना. देवी लाल ने धनखड़ को जनता दल का टिकट दिलवाया और झुंझुनू लोकसभा सीट से चुनाव जितवाया.

देवी लाल थे मेंटर

धनखड़ ने हमेशा देवी लाल को अपना मेंटर कहा. 1989 में देवी लाल के जन्मदिन पर इंडिया गेट के पास बोट क्लब रैली के लिए धनखड़ ने राजस्थान से 500 वाहनों का आयोजन किया, जिसने देवी लाल को प्रभावित किया. इसके बाद जब देवी लाल उपप्रधानमंत्री बने तो धनखड़ को संसदीय कार्य राज्य मंत्री बनाया गया. 1990 में प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने देवी लाल को बर्खास्त किया तो धनखड़ इकलौते मंत्री थे जिन्होंने उनके समर्थन में कैबिनेट से इस्तीफा दिया. यह वफादारी चौटाला परिवार कभी नहीं भूल पाया.

देवी लाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला के साथ भी धनखड़ के संबंध मजबूत रहे. ओमप्रकाश के दो बेटे अभय और अजय हैं. अभय इस वक्त इलोनो के प्रमुख हैं. बीते साल ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर धनखड़ ने कहा था कि पांच दिन पहले उनसे बात हुई, वे मेरी सेहत के बारे में चिंतित थे. किसानों का विकास उनकी प्राथमिकता थी. मार्च 2025 में सिरसा में एक कार्यक्रम में धनखड़ ने देवी लाल को याद करते हुए कहा- मैं प्लीडर था, उन्होंने ‘पी’ हटाकर मुझे लीडर बनाया.

चौटाला परिवार से रिश्ता

इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने धनखड़ और देवी लाल के परिवार के साथ रिश्तों को लेकर एक लंबी रिपोर्ट छापी है. अखबार ने देवी लाल के पोते अभय सिंह चौटाला से बात की. इस बातचीत में अभय चौटाला ने कहा- धनखड़ जी परिवार के सदस्य हैं. जब पता चला कि उनका आवास तैयार नहीं तो मैंने कहा कि हमारा फार्महाउस उनका अपना घर है. देवी लाल के छोटे बेटे रणजीत सिंह चौटाला ने भी धनखड़ को परिवार का सदस्य बताया.

धनखड़ का राजनीतिक सफर जटिल रहा. जनता दल छोड़ने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हुए और 1993-98 तक राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे. वह 2003 में भाजपा में आए. लेकिन चौटाला परिवार से उनका नाता कभी नहीं टूटा. कहा जा रहा है कि धनखड़ का चौटाला के फार्महाउस में शिफ्ट होना सिर्फ आवासीय व्यवस्था नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश है. यह जाट समुदाय में भाजपा के खिलाफ असंतोष को दर्शाता है, जहां धनखड़ को किसान पुत्र के रूप में देखा जाता है.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 02, 2025, 11:08 IST

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