Last Updated:September 16, 2025, 10:55 IST
Tejas Mark-1A Fighter Jet: ASRAAM और अस्त्र मिसाइल टेस्ट तेजस LCA Mk-1A की कामयाबी का अगला बड़ा कदम साबित होंगे. अगर ये टेस्ट सफल रहते हैं तो अक्टूबर से वायुसेना को स्वदेशी जेट की डिलीवरी शुरू हो जाएगी और भारत का रक्षा आत्मनिर्भरता कार्यक्रम एक नए मुकाम पर पहुंचेगा.

भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस (LCA Mk-1A) अहम मोड़ पर पहुंच गया है. भारतीय सेना को जल्द ही दो तेजस विमान मिलने वाले हैं और इसी कड़ी में सोमवार को इनकी ताकत आजमाई गई. दोनों तेजस विमानों ने पूर्वी सेक्टर में ASRAAM यानी एडवांस्ड शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल से जुड़े महत्वपूर्ण हथियारों के परीक्षण शुरू कर दिए है. इन ट्रायल्स को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि इनके बाद विमान को अस्त्र मिसाइल से लैस करके फायरिंग टेस्ट किया जाएगा. अस्ट्रा मिसाइल की फायरिंग को लेकर अब सिर्फ सेफ्टी रिव्यू बोर्ड से मंजूरी का इंतजार है.
इससे पहले मार्च में तेजस का अस्त्र मिसाइल टेस्ट फेल रहा था, लेकिन अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रक्षा अनुसंधान व विकास प्रयोगशाला (DRDL) ने इसकी जान माने जाने वाले साफ्टवेयर में बदलाव किया है, जिसके बाद सफलता की उम्मीद जताई जा रही है.
एचएएल के चेयरमैन डीके सुनील ने बताया कि ये हथियार परीक्षण असल में पूरे विमान सिस्टम की सबसे बड़ी कसौटी होती है. उन्होंने कहा, ‘जब मिसाइल फायर होती है और लक्ष्य भेदती है तो यह पूरे एयरक्राफ्ट सिस्टम की परफॉर्मेंस की पुष्टि होती है. यह टेस्ट इस बात को साबित करता है कि विमान के विंग पर लगाए गए हथियार, उसकी एलाइनमेंट, सिग्नलिंग और एयरोडायनामिक असर सब सही काम कर रहे हैं. यह हमारे लिए टेस्टिंग का शिखर बिंदु है.’
66000 करोड़ में 97 तेजस
रक्षा मंत्रालय ने अगस्त में एचएएल से 97 अतिरिक्त तेजस Mk-1A विमान खरीदने की मंजूरी दी थी. यह डील लगभग 66,000 करोड़ रुपये की होगी. एचएएल का कहना है कि जैसे ही हथियार परीक्षण पूरे हो जाएंगे, अक्टूबर से भारतीय वायुसेना को पहले विमान सौंप दिए जाएंगे. इन देसी लड़ाकू विमानों के मिल जाने से राफेल, F-35 या सुखोई फाइटर जेट्स की जरूरत कम हो जाएगी.
एचएएल ने साफ किया कि 83 विमानों के पहले ऑर्डर में इंजन की सप्लाई में देरी सबसे बड़ी बाधा थी, लेकिन अब अमेरिकी कंपनी GE Aerospace ने सप्लाई चेन दिक्कतों को दूर कर दिया है. अब तक तीन इंजन मिल चुके हैं, सात दिसंबर तक और 20 अगले साल मिलने वाले हैं. इसके साथ ही 10 विमान तैयार हो चुके हैं (जिनमें से 2 नए इंजन के साथ हैं) और 24 विमानों की असेंबली चल रही है.
एयरफोर्स की चिंताएं होंगी दूर
भारतीय वायुसेना को चिंता थी कि LCA MK-1A कार्यक्रम की धीमी रफ्तार उसकी लड़ाकू क्षमता को प्रभावित कर सकती है. शुरुआत में पहला विमान मार्च 2024 में सौंपने की योजना थी. लेकिन अब एचएएल का दावा है कि अक्टूबर में पहले विमान की डिलीवरी के साथ ही बाकी उत्पादन तेज़ी से किया जाएगा.
नए कॉन्ट्रैक्ट में शामिल ट्रेनर जेट्स भी अपग्रेडेड होंगे. 2021 की डील के 10 ट्रेनर LCA Mk-1 स्टैंडर्ड के हैं, जबकि नए 29 ट्रेनर LCA Mk-1A स्टैंडर्ड के होंगे. इनमें अत्याधुनिक उत्तम AESA रडार और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट लगाया जाएगा.
कुल मिलाकर, ASRAAM और अस्त्र मिसाइल ट्रायल्स LCA Mk-1A की कामयाबी का अगला बड़ा कदम साबित होंगे. अगर ये टेस्ट सफल रहते हैं तो अक्टूबर से वायुसेना को स्वदेशी जेट की डिलीवरी शुरू हो जाएगी और भारत का रक्षा आत्मनिर्भरता कार्यक्रम एक नए मुकाम पर पहुंचेगा.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 16, 2025, 10:55 IST