Last Updated:February 16, 2025, 11:06 IST
New Delhi Railway Station Stampede Reason: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में कम से कम 18 लोगों की जान चली गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अचानक प्लेटफॉर्म बदले जाने से लोग अपनी ट्रेन पकड़ने को भागने लगे.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर अचानक प्लेटफॉर्म बदले जाने से भगदड़ मची.
हाइलाइट्स
नई दिल्ली स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत.प्लेटफॉर्म बदलने की अफवाह से मची भगदड़, यात्रियों का दावा.रेलवे ने प्लेटफॉर्म बदलने की बात से इनकार किया.नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: इसे भारतीय रेलवे की बदइंतजामी समझें या अफवाह का नतीजा, लेकिन 18 लोगों की जिंदगी का सफर शनिवार रात हमेशा के लिए थम गया. उनमें से कई महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज जाने वाले थे. स्टेशन पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के समय ट्रेन NDLS के प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर आनी थी. लेकिन, ट्रेन आने के कुछ समय पहले ही प्लेटफॉर्म बदल दिया गया जिससे असमंजस की स्थिति बनी. यात्री अपना प्लेटफॉर्म बदलने के लिए भागने लगे. ऐसे में पुल पर बैठे यात्री दब गए और उनकी मौत हो गई. हालांकि, रेलवे ने इसका खंडन किया है. उत्तर रेलवे के CPRO हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा कि ‘कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई थी और ना ही किसी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला गया था.’ लेकिन यह पहली घटना नहीं जिसमें अचानक प्लेटफॉर्म बदलने जाने की वजह से भगदड़ मची हो. आखिर कौन तय करता है कि किसी रेलवे स्टेशन पर कौन सी गाड़ी किस प्लेटफॉर्म पर आएगी?
दावा: ‘प्लेटफॉर्म चेंज की अनाउसमेंट के बाद मची भगदड़’
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (NDLS) पर वेंडर रवि कुमार ने बताया, ‘शनिवार को प्लेटफॉर्म पर बहुत ज्यादा भीड़ थी. मैं पिछले 12 साल से यहां काम कर रहा हूं. मैंने आजतक इतनी भीड़ कभी नहीं देखी है. हादसे के समय मैं प्लेटफार्म नंबर 14 पर स्थित अपनी दुकान पर था. यहां पर बहुत ज्यादा भीड़ थी. अलग अलग प्लेटफार्मों पर ट्रेनें लग रही थीं. जैसे ही ट्रेनें प्लेटफार्म पर लगीं, अनाउंसमेंट हुआ. लोग भागने लगे. इसके चलते भगदड़ मच गई. लोग गिरने लगे और दब गए.’
स्टेशन पर कुली का काम करने वाले रिंकू मीणा ने बताया, ‘भगदड़ के समय मैं पुल के ऊपर खड़ा था. ट्रेन पहले प्लेटफार्म नंबर 14 पर आनी थी. अनाउंसमेंट में उसका प्लेटफार्म बदल दिया गया. उसी वजह से सीढ़ियों पर बैठे लोगों में अफरा-तफरी मच गई. सीढ़ियों पर बैठे लोग भीड़ के नीचे दब गए और उनकी जान चली गई .’
#WATCH | Stampede at New Delhi railway station | A porter (coolie) at the railway station says “I have been working as a coolie since 1981, but I never saw a crowd like this before. Prayagraj Special was supposed to leave from platform number 12, but it was shifted to platform… pic.twitter.com/cn2S7RjsdO
— ANI (@ANI) February 16, 2025
एक अन्य दुकानदार रमन कुमार ने कहा, ‘यहां बहुत सारे लोग इकट्ठे हो गए थे. इतनी भीड़ थी कि खुद देखना मुश्किल हो रहा था. पुलिस भी वहां भीड़ को कम करने की कोशिश कर रही थी. लोग बता रहे थे कि ट्रेन को यहां से हटाकर कहीं और शिफ्ट किया जा रहा था. दोनों तरफ प्लेटफॉर्म पर भीड़ थी. इसके बाद लोग भागने लगे और भगदड़ मच गई.’
रेलवे ने क्या कहा?
उत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा, ‘कल जब यह दुखद घटना हुई, उस समय नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14 पर पटना की ओर जाने वाली मगध एक्सप्रेस और प्लेटफार्म नंबर 15 पर जम्मू की ओर जाने वाली उत्तर संपर्क क्रांति खड़ी थी. इसी दौरान फुट ओवर ब्रिज से प्लेटफार्म नंबर 14-15 की ओर आने वाली सीढ़ियों पर एक यात्री के फिसलकर गिरने से उनके पीछे खड़े कई यात्री इसकी चपेट में आ गए और यह दुखद घटना घटी. एक उच्च स्तरीय समिति इसकी जांच कर रही है…कोई भी ट्रेन रद्द नहीं की गई थी और ना ही किसी ट्रेन का प्लेटफॉर्म बदला गया था…अब प्लेटफॉर्म पर स्थिति सामान्य है. सभी ट्रेनें अपने सामान्य समय पर चल रही हैं…’
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कौन लेता है प्लेटफॉर्म चेंज का फैसला?
भारतीय रेलवे अब ऑटोमेटिक ब्लॉग सिग्नलिंग सिस्टम का यूज करता है. यानी किसी ट्रेन को निकलने के लिए आगे चल रही ट्रेन के अगले स्टेशन तक पहुंचने का इंतजार नहीं करना होता. ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर रुकेगी, इसका फैसला ऑटोमेटिक सिग्नल नहीं, बल्कि स्टेशन मास्टर करता है. यह फैसला ट्रेनों की प्राथमिकता के आधार पर लिया जाता है. मसलन, अगर कोई प्रीमियम या वीआईपी ट्रेन है, तो उसे स्टेशन का सबसे अच्छा और सुलभ प्लेटफॉर्म दिया जाता है. अगर किसी वजह से प्लेटफॉर्म में बदलाव होता है तो रेलवे पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए इसकी जानकारी स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को देता रहता है.
2018 में, नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के ठहरने के लिए पर्याप्त प्लेटफॉर्म नहीं हैं. सीएजी का कहना था कि ट्रेनों के ठहराव के लिए पथ (प्लेटफॉर्म/लाइन) की अनुपलब्धता और 24 या अधिक कोचों वाली ट्रेनों को संभालने के लिए पर्याप्त लंबाई वाले पर्याप्त प्लेटफॉर्म की अनुपस्थिति ट्रेनों की देरी के मुख्य कारण हैं.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
February 16, 2025, 11:00 IST