Last Updated:June 07, 2025, 23:08 IST
Public Opinion Poll: News18 स्नैप पोल के मुताबिक, 86.27% भारतीयों ने राहुल गांधी के 'नरेंद्र सरेंडर' बयान को सेना का अपमान माना. वहीं, 83.38% ने सिंधु जल समझौते को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया.

'Narender Surrender' पर 86% जनता ने कहा, यह भारतीय सेना का अपमान है
नई दिल्ली: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद कांग्रेस के ‘Narendra Surrender’ वाले बयान ने देशभर में सियासी हलचल मचा दी है. देश की सेना जब पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही थी, तब इस तरह के बयान को लोगों ने सीधे तौर पर सेना के सम्मान के खिलाफ माना. News18 Snap Poll के ताजा नतीजे यही तस्वीर दिखाते हैं. सवाल था – क्या कांग्रेस ऐसा बयान देकर सशस्त्र बलों का सम्मान कर रही है? इसका जवाब 86.27% लोगों ने ‘नहीं’ में दिया. सिर्फ 13.73% लोगों ने इसे सही माना. यानी बड़ी स्पष्टता से जनता का संदेश है कि राजनीति अपनी जगह है, लेकिन सेना के सम्मान पर हमला बर्दाश्त नहीं होगा. जब सीमा पर जवान जान की बाजी लगा रहे हैं, तब इस तरह के राजनीतिक हमलों को देश विरोधी भाव के तौर पर देखा गया है.
इसी पोल में सिंधु जल संधि को लेकर भी जनता ने गुस्सा जाहिर किया. सवाल था, क्या आपको लगता है कि नेहरू और अयूब खान के बीच हुई सिंधु जल संधि राष्ट्रीय हितों के खिलाफ थी? 83.38% लोगों ने कहा ‘हां’, जबकि सिर्फ 16.62% लोगों ने इससे असहमति जताई. यह साफ दिखाता है कि सिंधु जल संधि को लेकर देश में गहरा असंतोष है. मौजूदा वक्त में जब पाकिस्तान बार-बार आतंकवाद और सीमा पर उकसावे वाली हरकतें कर रहा है, तब जनता को यह समझौता भारत के लिए घाटे का सौदा नजर आ रहा है.
दोनों सवालों पर मिले भारी बहुमत वाले जवाब यह दिखाते हैं कि भारत की जनता अब बहुत सजग है. चाहे सेना के सम्मान की बात हो या देश के जल संसाधनों की सुरक्षा, अब भावनाएं बहुत साफ हैं. किसी भी राजनीतिक दल को यह समझ लेना चाहिए कि इन मुद्दों पर जनता किसी भी तरह की राजनीति या समझौते को स्वीकार नहीं करेगी. कांग्रेस को खासतौर पर इस पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है कि सेना के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल आखिर किस हद तक जायज है. जब सेना का मनोबल बढ़ाने की जरूरत थी, तब उसे नीचा दिखाने वाले बयान कांग्रेस को भारी पड़ सकते हैं.
Location :
New Delhi,Delhi