'नाग' से खौफजदा 'ड्रैगन', एक राउंड में करेगा टैंक का शिकार, घातक है यह ATGM

3 days ago

Last Updated:March 27, 2025, 18:52 IST

NAG ATGM: भारतीय नाग मिसाइल का एडवांस वर्जन नाग Mk-2 सेना में शामिल होने के लिए तैयार है.आत्मनिर्भर भारत की ताकत को इस साल 26 जनवरी को कर्तव्य पथ से इसकी झलक दुनिया को दिखाई गई. नाग मार्क 2 का भी सफल यूजर ट्राय...और पढ़ें

'नाग' से खौफजदा 'ड्रैगन', एक राउंड में करेगा टैंक का शिकार, घातक है यह ATGM

नाग ATGM की खरीद से सेना को मिलेगी ताकत

हाइलाइट्स

नाग मिसाइल Mk-2 सेना में शामिल होने को तैयार.नाग ATGM तीसरी पीढ़ी का फायर एंड फॉर्गेट सिस्टम है.नाग मिसाइल 4-5 किमी तक टैंक को नष्ट कर सकती है.

NAG ATGM : जमीन पर आमने सामने की जंग में टैंक सबसे घातक हथियार हैं. टैंक का सबसे बड़ा दुश्मन है एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम. भारत ने स्वदेशी तरीके से डेवलप किए नाग ATGM सेना में शामिल भी किए जा चुके है. अतिरिक्त खरीद का ऑर्डर भी दे दिया गया है. यह है NAMIS यानी नाग मिसाइल सिस्टम. यह एक एंटी टैंक गाईडेड मिसाइल सिस्टम है. गुरुवार को आर्मर्ड वेहिकल निगम लिमिटेड के साथ नाग मार्क 1 की खरीद का करार हुआ. यह पूरा करार 1801.34 करोड़ रुपये का है.

‘नाग’ ATGM की खासियत
इस ATGM को BMP-2 कैरियर पर लगाया गया है. इस कैरियर को ”नामिका” (NAMICA) यानी नाग मिसाइल कैरियर का नाम दिया गया है. पूरे सिस्टम को NAMIS कहा जाता है. एक कैरियर पर 6 नाग मिसाइल लगी है. जब जंग के मैदान में टैंक के साथ आगे बढ़ेगा तो यह दुश्मन के टैंकों को आसानी से धूल चटा देगा. यह तीसरी पीढ़ी का ATGM है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि फायर एंड फॉर्गेट टॉप अटैक तकनीक पर आधारित है. एक बार दुश्मन के टैंक पर फायर किया तो वह कितनी भी जगह बदल ले सटीक मार करेगा. मिसाइल टैंक के सबसे कमजोर हिस्सा टरेट (Turret) को आसानी से भेद देगा. यह 4 से 5 किलोमीटर दूरी तक किसी भी टैंक के परखच्चे उड़ा सकता है. लॉक ऑन तकनीक से यह मिसाइल लैस है यानी की एक बार मिसाइल लांच किए जाने के बाद भी टार्गेट को लॉक किया जा सकता है. रक्षा मंत्रालय की रक्षा खरीद परिषद (DAC) 13 नामिका कैरियर और 443 नाग मिसाइल की खरीद को मंजूरी दी थी.

स्वदेशी है ATGM
अभी भारतीय सेना के पास जो 2 ATGM मौजूद है वह दूसरी पीढ़ी के है. मिलन 2T (Milan-2T) इसकी मारक क्षमता 4 किलोमीटर है. यह फ्रैंच ATGM है. दूसरा रूसी ATGM है कांकुर (Konkurs). इसकी मारक क्षमता भी 4 किलोमीटर है. यह दोनों ATGM लाइसेंस प्रोडक्शन के तहत देश में BDL बना रही है. भारतीय सेना इनका बखूबी इस्तेमाल कर रही है. स्वदेशी नाग को DRDO ने तैयार किया है. इसका प्रोडक्शन डीफेंस पीएसयू भारत डायनैमिक लिमिटेड ही कर रही है. नाग मिसाइल का यूजर ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया है. इसके डेवलपमेंट में बीस साल का वक्त लगा. ATGM टार्गेट पर फायर करने के बाद 90 फीसदी तक सटीक मार कर सकती है.

First Published :

March 27, 2025, 18:52 IST

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