नीतीश पर तेजस्वी का वार, बिहार में NDA का करेगा बंटा धार? RJD का प्लान समझिये

5 hours ago

Last Updated:July 12, 2025, 12:21 IST

Tejashwi Yadav Vs Nitish Kumar News: तेजस्वी यादव लगातार ही सीएम नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं. नीतीश पर इस तरह प्रहार और बिहार चुनाव में एनडीए की उम्मीदों पर चोट पहुंचाने के लिए आरजेडी की पू...और पढ़ें

नीतीश पर तेजस्वी का वार, बिहार में NDA का करेगा बंटा धार? RJD का प्लान समझिये

तेजस्वी यादव लगातार ही नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति को लेकर प्रहार कर रहे हैं.

हाइलाइट्स

तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए.आरजेडी की रणनीति नीतीश की छवि कमजोर करने की है.बिहार चुनाव में एनडीए को नुकसान पहुंचाने की कोशिश.

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसे लेकर राजनीतिक सरगर्मी अभी से चरम पर पहुंच गई है. राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव लगातार ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति और उनकी चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं. पटना सहित बिहार के विभिन्न जिलों में हुई हत्या की हालिया घटनाओं को लेकर तेजस्वी यादव ने राज्य में कानून व्यवस्था पर बड़ा प्रहार किया है. उन्होंने नीतीश को ‘अचेत मुख्यमंत्री’ करार देते हुए उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

यह हमला तेजस्वी यादव का महज एक बयान नहीं, बल्कि आरजेडी की सावधानीपूर्वक तैयार की गई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. आरजेडी को उम्मीद है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इसके जरिये एनडीए को नुकसान पहुंचाने में कामयाब हो जाएगी. आइए तेजस्वी यादव के इस प्रहार के पीछे की प्लानिंग और चुनाव पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझते हैं…

तेजस्वी के प्रहार के पीछे का प्लान

तेजस्वी यादव ने हाल के दिनों में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी आक्रामकता बढ़ा दी है. उन्होंने आज भी पटना में व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या की घटना का जिक्र करते हुए लिखा, ‘पटना में एक और व्यवसायी विक्रम झा की गोली मारकर हत्या! DK टैक्स तबादला उद्योग प्रदेश की अराजक स्थिति का मुख्य कारण. अचेत मुख्यमंत्री क्यों हैं मौन? प्रतिदिन हो रही सैकड़ों हत्याओं का दोषी कौन? भ्रष्ट भूंजा पार्टी जवाब दे.’

तेजस्वी ने इससे पहले 9 जुलाई को एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘बिहार में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. मुख्यमंत्री अचेत अवस्था में हैं. गृह मंत्रालय मुख्यमंत्री के अधीन है. अपराधी बेलगाम हो रहे हैं. सरकार में बैठे लोग अपराधियों को बाहर निकाल रहे हैं और भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा दे रहे हैं. बिहार में अपराध और भ्रष्टाचार बेलगाम है. प्रदेश में प्रशासनिक अराजकता फैल चुकी है. DK टैक्स फॉर्मूला के तहत भ्रष्ट अधिकारियों की ट्रान्सफ़र-पोस्टिंग होती है.’

इन बयानों से साफ है कि तेजस्वी का लक्ष्य नीतीश की छवि को कमजोर करना और एनडीए सरकार की नाकामी को उजागर करना है. इस रणनीति का आधार बिहार की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति को केंद्र में रखना है. पिछले कुछ महीनों में पटना, मुजफ्फरपुर, और गया जैसे शहरों में हुई हत्याओं और अपराधों ने जनता में असुरक्षा की भावना पैदा की है. तेजस्वी इन घटनाओं को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं. खासकर 73 वर्षीय नीतीश कुमार की चुप्पी और उनकी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाकर अपने सियासी सपने को साकार करने की उम्मीद कर रहे हैं.

आरजेडी की चुनावी रणनीति

यह हमला न केवल नीतीश पर व्यक्तिगत प्रहार है, बल्कि उनकी अगुआई वाली जनता दल (यूनाइटेड) और एनडीए गठबंधन को कमजोर करने की रणनीति का हिस्सा है. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 आरजेडी के लिए एक महत्वपूर्ण मौका है, क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज कुछ हजार वोटों के अंतर से सत्ता से दूर रहना पड़ा था.

तेजस्वी की मौजूदा रणनीति का मुख्य उद्देश्य नीतीश कुमार की लोकप्रियता को कम करना और उनके सहयोगी दलों, खासकर बीजेपी और जेडीयू के बीच दरार पैदा करना है. तेजस्वी ने नीतीश को ‘अचेत’ और ‘मौन’ बताकर उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति पर सवाल उठाए हैं. यह रणनीति एनडीए के भीतर असंतोष को हवा देने की कोशिश है. अगर नीतीश की छवि कमजोर हुई, तो बीजेपी अपने लिए एक नए चेहरे की तलाश कर सकती है, जो गठबंधन को कमजोर करे.

वोटबैंक पर मजबूत पकड़

आरजेडी ने हमेशा यादव और मुस्लिम वोटों पर अपनी पकड़ मजबूत रखी है. तेजस्वी नीतीश पर हमला करके इस वोट बैंक को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. वह यह संदेश दे रहे हैं कि नीतीश की सरकार ने इन समुदायों की सुरक्षा और हितों की अनदेखी की है, जिससे उनकी पार्टी को फायदा हो सकता है.

नीतीश पर निशाना, टारगेट पर एनडीए

तेजस्वी का यह प्रहार एनडीए के लिए कई तरह से चुनौती बन सकता है. सबसे पहले, नीतीश की छवि को नुकसान पहुंचने से जेडीयू की स्थिति कमजोर हो सकती है. जेडीयू और बीजेपी के बीच सीट बंटवारे और नीतीश की नेतृत्व शैली को लेकर अगर मतभेद बढ़े, तो गठबंधन में दरार आ सकती है, जो एनडीए की सीटों पर असर डालेगा.

दूसरा, बिहार में कानून-व्यवस्था एक संवेदनशील मुद्दा है. अगर जनता को लगता है कि नीतीश सरकार अपराधियों पर काबू नहीं रख पा रही, तो यह वोटरों के मूड को बदल सकता है. 2020 के चुनाव में जेडीयू को 43 सीटें और बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं. तेजस्वी की रणनीति सफल रही तो जेडीयू की सीटें घट सकती हैं, और बीजेपी को भी नुकसान हो सकता है.

तीसरा, तेजस्वी का युवा और आक्रामक चेहरा बिहार की युवा आबादी को आकर्षित कर रहा है. बेरोजगारी और अपराध जैसे मुद्दों पर उनकी बातें गूंज रही हैं, जो एनडीए के लिए खतरा बन सकता है. अगर आरजेडी महागठबंधन के साथ मिलकर एक मजबूत विपक्षी मोर्चा बना लेता है, तो 2025 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन की संभावना बढ़ सकती है.

नीतीश कुमार ने अभी तक तेजस्वी के आरोपों का सीधा जवाब नहीं दिया है, जो उनकी चुप्पी को और बढ़ा रहा है. उनके सहयोगी दलों ने इसे आरजेडी का राजनीतिक स्टंट करार दिया है, लेकिन नीतीश की निष्क्रियता जनता और अपने सहयोगियों में भी सवाल पैदा कर रही है. अगर नीतीश जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाते और तेजस्वी यादव के प्रहार पर जवाब नहीं देते तो बिहार चुनाव के नतीजों पर असर अवश्यंभावी प्रतीत हो रहे हैं.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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