हाइलाइट्स
मुजफ्फरपुर में राम जानकी मठ की जमीन पर बस गया मुस्लिम परिवार. ग्रामीणों में आक्रोश, चल रहा वर्षों से विवाद, SDM ने दिये जांच के आदेश.
मुजफ्फरपुर/प्रियांक सौरभ. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के जगदीशपुर बघनगरी गांव के राम जानकी मठ की जमीन पर बसे मुस्लिम परिवार को लेकर अब विरोध तेज होने लगा है. इसको लेकर गांव के संत, ग्रामीण, मुखिया, सरपंचों ने बैठक की और कई जांच एजेंसियों को भी पत्र भेजा है. इसके साथ ही एसडीएम ईस्ट को भी आवेदन देकर मठ की जमीन से मुस्लिम परिवार को खाली कराने का आग्रह किया गया है. आवेदन मिलने के बाद एसडीएम ईस्ट अमित कुमार ने इसकी जांच के लिए सकरा के अंचलाधिकारी को आदेश दिया है.
दरअसल, पूरा मामला मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के जगदीशपुर बघनगरी गांव के राम जानकी मठ का है. करीब 34 एकड़ में फैले इस मठ परिसर में दूर-दूर तक किसी का घर नहीं है, लेकिन मठ की जमीन पर एक कोने में नट जाति से आने वाला मुस्लिम परिवार बस गया है. इसको लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है. मठ की जमीन पर बसे जहीर खान पर ग्रामीण कई गंभीर आरोप भी लगा रहे हैं. हालांकि, इसमें मठ के महंत श्यामसुंदर दास पर ग्रामीण गंभीर आरोप लगा रहे हैं.
ग्रामीणों और सरपंचों ने जमीन खाली करवाने के लिए आवेदन दिया है.
ग्रामीणों के अनुसार, मठ के महंत श्यामसुंदर दास पूरी तरह जहीर खान के हिसाब से चलने लगे हैं और मठ की आय का पूरा खर्चा उस मुस्लिम परिवार पर ही कर रहे हैं. वहीं जहीर खान मठ में और मंदिर की एक्टिविटी में भी हस्तक्षेप करने लगा है. पंचायत के मुखिया राजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मठ के जमीन में जहीर खान नामक मुस्लिम परिवार महंत श्याम सुंदर दास का इशारे पर बसा दिया गया है. जबकि जहीर खान का पूरा परिवार के लोग कुतुबपुर में रहते हैं, लेकिन उसके पास जमीन होने के बावजूद इसे मठ जमीन में महंत के सहयोग से अधिकारियों को मेल में लेकर जहीर खान को बसा दिया गया है.
राम जानकी मठ की जमीन पर मुस्लिम परिवार को बसा दिया गया है.
सरपंच राकेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जब इस पर कोई आवाज उठाता है तो महंत का इशारे पर उसे पर केस मुकदमा कर दिया जाता है. यहां तक कि यह भी बताया जा रहा है कि जहीर खान भगवा कपड़ा पहन कर वह मठ में भी प्रवेश करता है. वहीं, गांव के संत प्रेमचंद्र मिश्रा ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जी से आग्रह किया है कि मठ की जमीन से उस मुस्लिम परिवार को हटाने का कष्ट करें. इसके लिए हिंदू समाज और इस गांव के लोग उनका सदा आभारी रहेंगे.
कब्जा खाली कराने के लिए गृह मंत्री से भी जमीन खाली करवाने का आग्रह किया गया है.
वहीं, पूरे आरोपों पर महंत श्यामसुंदर दास का कहना है कि उनके आने के पहले मठ के जमीन में जहीर खान का घर बना हुआ है और इसके लिए लोगों ने 2022 में ट्रस्ट बोर्ड को आवदेन दिया गया था. उसके बाद उन्होंने न्यास समिति को भी लिखा था कि जहीर खान 1950 से बसा हुआ है और उनके आने के पहले से बसा हुआ है, जबकि वह खुद 1989 में आए हैं. वह कैसे बसा है? उसके बाद हमने भी लेटर पैड पर हटाने का आदेश दे दिया था. लेकिन, मठ के जमीन के जमाबंदी से उसकी जमाबंदी अलग हो गयी है. फिर भी इस मामला को नया समिति में रखा हुआ है जिसकी सुनवाई चल रही है.
एसडीएम ईस्ट अमित कुमार ने जांच के आदेश दिये हैं.
पूरे मामले को लेकर एसडीएम ईस्ट अमित कुमार ने बताया कि मठ के जमीन पर बसे जहीर खान नामक व्यक्ति से संबंधित एक आवेदन उनके पास आया है. इसको लेकर वह सकरा के अंचल अधिकारी को जांच का आदेश भी दिए हैं और जांच रिपोर्ट आने के बाद इस पर उचित कार्रवाई की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED :
November 28, 2024, 18:17 IST