Last Updated:May 13, 2025, 11:52 IST
Martyr Rambabu Singh: बिहार का एक और लाल पाकिस्तान की धोखाधड़ी का शिकार हो गया. सीजफायर के दौरान जम्मू सीमा पर पाकिस्तान की गोलीबारी में सीवान के बीएएसएफ जवान रामबाबू सिंह शहीद हो गए. हाल ही में उनकी शादी हुई थ...और पढ़ें

जम्मू सीमा पर पाकिस्तान की फायरिंग में शहीद हुए बिहार के रामबाबू सिंह. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
जम्मू में पोस्टेड रामबाबू सिंह पाकिस्तान की गोलीबारी में शहीद हो गए.गांव में गम का माहौल, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.महज 4 महीने पहले ही उनकी शादी हुई थी, परिवार को असहनीय दुख.सीवान. पाकिस्तान की गोलीबारी में बिहार का एक और लाल शहीद हो गया है. सीवान के बी नगर तरवारा थाना क्षेत्र के बड़हरिया बसीलपुर गांव के रहने वाले बीएएसएफ जवान रामबाबू सिंह ने जम्मू सीमा पर पाकिस्तान की धोखाधड़ी के कारण प्राणों की आहुति देनी पड़ी.9 मई को सीजफायर के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू सीमा पर अचानक फायरिंग की जिसमें सीवान का यह लाल शहीद हो गया. रामबाबू सिंह के बलिदान से गांव में गम का माहौल है साथ ही गांव वालों का कहना है कि रामबाबू सिंह बहुत ही मिलनसार व्यवहार के साथ बहुत बहादुर थे. हमें गर्व है की बहादुरी के साथ देश के लिए शहीद हुए हैं. आज शाम या कल सुबह तक उनका पार्थिव शरीर गांव लाये जाने की सूचना है. गांव में राजकीय सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
परिजनों ने बताया कि हाल में ही इनकी शादी हुई थी. उनकी शहादत की खबर से पूरे गांव वालों के बीच गम का माहौल है.रामबाबू सिंह के पिता स्वर्गीय रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया थे.उनकी शादी फरवरी 2025 में बड़े ही धूमधाम से हुई थी. शादी के बाद वे फरवरी के आखिरी हफ्ते में जम्मू-कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर लौट गए थे और 9 मई को पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में वे शहीद हो गए उनकी नवविवाहिता पत्नी और परिवार के लिए यह खबर असहनीय दुख लेकर आई, लेकिन साथ ही उनकी बहादुरी पर पूरे देश को गर्व भी है.
चार महीने पहले हुई थी रामबाबू सिंह की शादी.
रामबाबू सिंह बचपन से देखते थे देश सेवा का सपना
रामबाबू सिंह के शहीद होने का समाचार जैसे ही गांव वालों को पता लगा मातम छा गया. उनके परिजन पार्थिव शरीर लेने जम्मू-कश्मीर गए थे और उनका पार्थिव शरीर वसिलपुर गांव पहुंचने की उम्मीद है. स्थानीय प्रशासन और सेना के अधिकारी भी अंतिम संस्कार में शामिल होंगे और अंतिम विदाई राजकीय सम्मान के साथ दी जाएगी. ग्रामीणों ने बताया कि रामबाबू बचपन से ही देश सेवा का सपना देखते थे और उनकी शहादत पर गांव को गर्व है. लेकिन, उनका इतनी कम उम्र में ही बलिदान हो जाना बहुत ही दुखद है.
छपरा के मो. इम्तियाज ने एक दिन पहले दी थी शहादत
बता दें कि रामबाबू सिह से एक दिन पहले छपरा के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज भी पाक गोलीबारी में शहीद हो गए थे. वे जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में ड्यूटी पर थे, जब उनके पैर में गोली लगी. इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई. 12 मई को उनके गांव नारायणपुर में सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजे. उनके बेटे मोहम्मद इमरान राजा ने कहा कि पाकिस्तान को जरूर सबक सिखाया जाना चाहिये ताकि कोई बेटा फिर अपने पिता को न खोये.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...
और पढ़ें