पीएम मोदी क्या मुहम्‍मद यूनुस से मिलेंगे? अमेरिकी एक्सपर्ट ने कर दी भविष्यवाणी

1 week ago

बांग्‍लादेश में तख्‍तापलट के बाद शेख हसीना भागकर दिल्‍ली आ गईं. तब से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है. बांग्‍लादेश की अंतर‍िम सरकार ने भारत विरोधी कई फैसले ल‍िए हैं. वहां के नेता लगतार ऐसे बयान दे रहे हैं, जो शायद भारत को पसंद न आएं. हालात को देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं क‍ि पीएम नरेंद्र मोदी और बांग्‍लादेश की सरकार के प्रमुख मुहम्‍मद यूनुस के बीच मुलाकात हो सकती है, जिसके बाद से रिश्तों पर जमी बर्फ शायद पिघल जाए. लेकिन क्‍या ऐसा संभव है? अमेर‍िकी एक्‍सपर्ट ने इस पर भव‍िष्‍यवाणी की है. इसके पीछे शेख हसीना कनेक्‍शन बताया है.

वाशिंगटन स्थित विल्सन सेंटर में साउथ एश‍िया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने कहा, ‘पीएम मोदी शायद ही मुहम्‍मद यूनुस से मुलाकात करें, क्‍योंक‍ि वे शेख हसीना के प्रत्‍यर्पण के मुद्दे पर बात नहीं करना चाहेंगे. ढाका के साथ नई द‍िल्‍ली का र‍िश्ता बेहद संवेदनशील मुद्दा है. क‍िसी भी हाईलेवल टॉक में भारत को उन मसलों पर बात करनी होगी, जिस पर वह बांग्‍लादेश से फ‍िलहाल चर्चा नहीं करना चाहता. इनमें सबसे प्रमुख है, बांग्‍लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत में मौजूदगी. मुहम्‍मद यूनुस की सरकार शेख हसीना का भारत से प्रत्‍यर्पण करना चाहती है, लेकिन भारत के कई नेताओं के साथ शेख हसीना के बेहद करीबी रिश्ते हैं, इसल‍िए भारत उन्‍हें भेजने को तैयार नहीं होगा. अगर पीएम मोदी मुहम्‍मद यूनुस से मिलते तो इस मुद्दे पर चर्चा से बचना असंभव होता.’

कब मुलाकात की हो रही बात
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले ऐसा दावा क‍िया जा रहा था क‍ि इस महीने के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा की बैठक के ल‍िए न्यूयॉर्क जाएंगे, तो वहां मुहम्‍मद यूनुस से उनकी मुलाकात हो सकती है. हालांकि, दोनों सरकारों की ओर से इस पर कोई बात नहीं कही गई. बांग्‍लादेश के विदेशी मामलों के प्रमुख मोहम्मद तौहीद हुसैन ने जरूर कहा क‍ि दोनों नेताओं के बीच बैठक के ल‍िए एक प्रॉसेस है. लेकिन क‍िसी औपचार‍िक वार्ता की योजना पहले से नहीं बनाई जाती. इससे पहले दोनों देशों के बीच हाईलेवल टॉक पिछले महीने तब हुई थी. शपथ ग्रहण के बाद मुहम्‍मद यूनुस ने पीएम नरेंद्र मोदी को फोन क‍िया था. उन्‍होंने भरोसा दिया था क‍ि अंतर‍िम सरकार बांग्‍लादेश में ह‍िंंदुओं और सभी माइनॉर‍िटी की सुरक्षा को प्राथमिकता देगी.

ढाका यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर ने क्‍या कहा?
ढाका विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकार प्रोफेसर लैलुफर यास्मीन ने कहा कि मोदी-यूनुस की मुलाकात भारत के लिए खास होगी. यह मुलाकात ज‍ितनी जल्‍द हो, भारत के ल‍िए उतना ही अच्‍छा होगा. नई दि‍ल्‍ली को वास्तव‍िकता स्‍वीकार करनी होगी और ‘बांग्लादेश 2.0’ के साथ जुड़ना होगा. जमी बर्फ को पिघलाना होगा. यास्‍मीन ने कहा, भारत ने हसीना की लीडरश‍िप वाली अवामी लीग को ही बांग्‍लादेश की असली लीडर माना, लेकिन वे बांग्‍लादेश‍ियों की नब्‍ज नहीं पकड़ पाए. हमारे बीच 53 साल पुराना र‍िश्ता है.

जल्दबाजी में फैसले नहीं लिए जा सकते
इंडियाज ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एसोसिएट फेलो सोहिनी बोस ने कहा, भारत ने शेख हसीना के साथ अच्‍छा काम क‍िया, लेकिन आगे उन्‍हें नई सरकार के साथ रिश्ते बहाल करने होंगे. जल्दबाजी में फैसले नहीं लिए जा सकते. संबंधों को बहाल करने का सबसे अच्छा तरीका कनेक्टिविटी और एनर्जी प्रोजेक्‍ट पर ध्यान केंद्रित करना होगा. कुगेलमैन ने भी इसे माना. उन्‍होंने कहा, बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है, जबक‍ि भारत एशिया में बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है. भारत और बांग्लादेश के राजदूत अपनी सरकारों के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

Tags: Bangladesh news, Pm narendra modi, Sheikh hasina

FIRST PUBLISHED :

September 12, 2024, 16:58 IST

Read Full Article at Source