Last Updated:September 01, 2025, 12:16 IST
Putin Power vs Dollar : रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने एससीओ सम्मेलन में डॉलर का विकल्प बनाने का साफ संदेश दिया. उन्होंने कहा कि संगठन के देशों को आपसी कारोबार के लिए अपनी करेंसी का इस्तेमाल करना चा...और पढ़ें

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बड़बोलापन और भारत सहित दुनिया के शक्तिशाली देशों पर धौंस जमाने का रवैया अब भारी पड़ने वाला है. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सम्मेलन में शामिल 10 देशों ने ट्रंप और अमेरिका को जवाब देने का प्लान बना लिया है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तो एससीओ के मंच से डॉलर को खुली चुनौती तक डे डाली. उन्होंने बिना किसी लाग लपेट के दो टूक शब्दों में कहा कि संगठन में शामिल देश अपनी करेंसी में कारोबार को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे.
पुतिन ने एससीओ के मंच से अमेरिका को खुला चैलेंज देते हुए कहा कि एससीओ के लिए स्वतंत्र भुगतान तंत्र विकसित करने और सेटलमेंट का ढांचा तैयार करने में रूस पूरी मदद करेगा. उन्होंने कहा कि हमें आपसी ट्रेड के लिए अपनी राष्ट्रीय का इस्तेमाल करना चाहिए. पुतिन ने अमेरिका को साफ संदेश दिया कि एससीओ के सभी सदस्य देश अपनी करेंसी में भुगतान और सेटलमेंट कर सकते हैं. रूसी राष्ट्रपति के इस बयान से निश्चित तौर पर ट्रंप को मिर्ची लगने वाली है, क्योंकि पिछले दिनों ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने डॉलर को कमजोर करने पर टैरिफ लगाने की खुली धमकी दी थी. अब जबकि उन्होंने भारत सहित ज्यादातर देशों पर टैरिफ लगा दिया है तो यह डर खत्म हो चुका है.
यूक्रेन मेरी वजह से बर्बाद नहीं हुआ : पुतिन
पुतिन ने कहा कि यूक्रेन संकट रूस की कार्रवाई से नहीं पैदा हुआ है, बल्कि पश्चिमी देशों की ओर से कीव को बार-बार उकसाने से यह नौबत आई है. पश्चिमी देश चाहते हैं कि यूक्रेन को नाटो में शामिल किया जाए, लेकिन इससे रूस के लिए सुरक्षा का संकट पैदा हो जाएगा और यही सारी समस्या की जड़ है. कोई भी देश अपनी सुरक्षा तब सुनिश्चित नहीं कर सकता, जबकि दूसरे देश विस्तारवादी रवैया अपना रहे हों.
शांति की पूरी उम्मीद
पुतिन ने कहा कि पिछले दिनों अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात के बाद शांति की उम्मीद जगी है. उन्होंने कहा कि एससीओ में आपसी सहयोग की गति काफी तेज है और रूस सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए वचनबद्ध है. गौरतलब है कि साल 2001 में शंघाई में इस संगठन को बनाया गया था, जिसमें पहले रूस और चीन ही प्रमुख रूप से थे. इसके अलावा कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान जैसे देश सदस्य थे. साल 2017 में भारत और 2023 में पाकिस्तान भी इस संगठन के सदस्य बन गए. आज कुल 10 देश इसमें शामिल हैं.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 01, 2025, 12:16 IST