Last Updated:March 01, 2025, 13:00 IST
Bihar Crime News: आप जिस विभाग में काम करते हों और आपके परिवार पर आई आफत के समय वहां से ही कोई सहायता न मिले तो आप बेबस हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला बिहार पुलिस के एक कर्मी से जुड़ा हुआ सामने आया है जो अपनी ही ...और पढ़ें

पटना से अपहृत निशा भारती केस की जांच अब सीबीआई करेगी.
हाइलाइट्स
पटना की 17 वर्षीय निशा भारती के अपहरण मामले की जांच अब सीबीआई करेगी. बिहार पुलिस की नाकामी के बाद कांस्टेबल पिता ने पटना हाई कोर्ट से लगाई थी गुहार.29 सितंबर 2023 को कोचिंग से घर लौटते हुए पटना के गोला रोड से हुआ था अपहरण.पटना. एक 17 साल की लड़की को पटना की व्यस्त सड़क से अगवा कर लिया गया था. पिता बिहार पुलिस में हैं, बावजूद इसके अपनी लपता बेटी को ढूंढ पाने में नाकामयाब रहे. उन्होंने अपनी बेटी को खोजने के लिए तमाम कोशिशें कीं, लेकिन अपनी ही राज्य पुलिस की विफलता के आगे बेबस हो गए. नाकाम राज्य पुलिस से निराश पिता ने पटना हाई कोर्ट से गुहार लगाई तब जाकर अब इस मामले में सीबीआई ने केस को दर्ज किया है. पटना के निशा भारती अपहरण केस की तफ्तीश अब सीबीआई करने जा रही है. बिहार पुलिस में कांस्टेबल पिता ने बताया कि उन्हें बिहार पुलिस पर भरोसा नहीं है, इसलिए वह हाई कोर्ट गए और सीबीआई से जांच करवाने का अनुरोध किया था.
बता दें कि घटना 29 सितंबर 2023 की है. जब बिहार पुलिस में कांस्टेबल राकेश कुमार रंजन की 17 वर्ष की बेटी कोचिंग जा रही थी. पटना के गोला रोड स्थित गोल इंस्टीट्यूट में घर लौटते समय उसका कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. पिता राकेश कुमार रंजन का कहना है कि उन्हें बिहार पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है, इसलिए उन्होंने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया और अनुरोध किया कि इस केस की जांच सीबीआई से कराई जाए. बता दें कि इस मामले में बिहार पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था बावजूद इसके 18 महीने बीत गए, लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. हालांकि, उसका (निशा भारती) फोन बाद में बरामद हुआ, लेकिन इसके आगे कोई सुराग नहीं मिल सका.
पिता राकेश कुमार रंजन ने बताया ने हाई कोर्ट को बताया कि ना तो संबंधित थाने की पुलिस और ना ही एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिय यानी मानव तस्करी निरोधक इकाई ही उनकी लापता बटी के बारे में कोई जानकारी जुटा पाई. रंजन ने यह भी कहा कि उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी दिए जिसके आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन बिहार पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली. उन्होंने हाई कोर्ट को बताया कि कुछ अन्य आरोपियों का पॉलीग्राफ टेस्ट नहीं हुआ.
लाचार पिता राकेश कुमार रंजन ने बताया कि किसी भी जानकारी के लिए 500000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था, लेकिन निशा का कोई पता सुराग नहीं मिला. रंजन ने कहा कि उन्हें बिहार पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है और इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट से सीबीआई को मामले की जांच सौंपने की मांग की. बहरहाल, तमाम सीसीटीवी फुटेज के बाद भी बिहार पुलिस की नाकामी ने एक पुलिसकर्मी पिता को किस कदर निराश किया यह केस इसका ही उदाहरण है.
First Published :
March 01, 2025, 13:00 IST