पेशे से ड्राइवर यह शख्स लिख चुका है कई किताबें, 2000 से ज्यादा कविताएं लिखी

1 week ago

हावड़ा के तोतन राय, जो पेशे से एक पुलकार चालक हैं, का जीवन एक अद्वितीय कहानी है. हालांकि उनका पेशा वाहन चलाने का है, लेकिन उनका दिल लेखन में बसा हुआ है. वह सुबह से लेकर कई घंटे तक गाड़ी चलाते हैं, और जब भी उन्हें फुर्सत मिलती है, उनकी कलम तुरंत हाथ में आ जाती है. यही वजह है कि वह एक पुलकार चालक होते हुए भी अपनी कविताओं से लोगों का दिल छूते हैं. उनके कई कविताएँ किताबों के पन्नों पर छपी हैं.

कविता लिखने के साथ-साथ समाज सेवा भी
तोतन राय ने अपनी लेखनी से कई किताबें प्रकाशित की हैं और उन्होंने कम समय में लेखक के रूप में पहचान बनाई है. वह मानते हैं कि उनके गाड़ी में सवार यात्री लक्ष्मी के समान होते हैं, और उन्हीं की मदद से उनका घर चलता है. तोतन राय के लिए, जब भी उनके पास कुछ वक्त होता है, वह छोटे कागजों पर अपनी कविताएँ लिखने में लग जाते हैं. उनके गाड़ी में मिलने वाला हर कागज, चाहे वह तेल की रसीद हो या चांद की बिल, उन सभी पर वह कविता लिखते हैं. आज तक वह लगभग दो हजार कविताएँ और गाने लिख चुके हैं, जो उनकी गहरी सोच और संवेदनशीलता को दर्शाते हैं.

समाज के लिए सेवा भावना
लेखन के साथ-साथ तोतन राय की समाज सेवा की भावना भी कम नहीं है. जब कोरोना महामारी के दौरान लोग घरों में बंद थे, तो तोतन राय ने अपनी जान की परवाह किए बिना कई बार बीमार लोगों को अस्पताल पहुँचाया और भूखों को खाना खिलाया. इसके अलावा, वह शमशान घाट पर डोम का काम भी निभाते हैं. यही कारण है कि वह सभी के बीच एक प्रिय व्यक्ति बन गए हैं. यह कहावत “जो रांधता है, वह चूल्हा भी बांधता है” तो जैसे उनकी जिंदगी की सच्चाई बन चुकी है.

कठिन परिस्थिति में भी शिक्षा की ओर रुझान
तोतन राय का जन्म एक साधारण निम्नवर्गीय परिवार में हुआ था. बचपन में वह पढ़ाई में काफी रुचि रखते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनकी पढ़ाई ज्यादा नहीं बढ़ पाई. किसी तरह से वह स्कूल की सीमा तक पहुंचे, लेकिन कॉलेज नहीं जा सके. हालांकि, लेखन का शौक उन्हें हमेशा बना रहा, और उन्होंने अब मुक्त विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने का मन बनाया है.

शिक्षा से दूर हटने के बावजूद, लेखन का जुनून बना रहा
जब तोतन राय छोटे थे, तो वह अपने पिता के साथ वैन चलाने में मदद करते थे. लेकिन, परिवार की कठिनाइयों के कारण उन्हें शिक्षा से दूर हटना पड़ा. यह वही समय था जब उनकी कलम थम गई थी. हालांकि, शादी के बाद के कई सालों तक लेखन से दूर रहने के बाद, उन्होंने 2022 में फिर से लिखना शुरू किया. अब तक वह कई सौ कविताएँ लिख चुके हैं और उनकी चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनकी सबसे प्रसिद्ध किताब “श्रद्धांजलि” है, जिसे पाठकों से बहुत सराहा गया है.

जगह-जगह से प्रेरणा लेकर लिखते हैं तोतन बाबू
तोतन राय का लेखन जीवन उनकी नज़रों से जो कुछ भी गुजरता है, उस पर आधारित है. वह अपने रोज़ के जीवन में जो भी देखते हैं, उसी पर कविता लिखते हैं. उनके लेखन में ग्रामीण डॉक्टर, समाजसेवी, धर्मगुरु, और सामान्य यात्री सभी के अनुभव होते हैं. कभी वह बांस के बागों पर लिखते हैं, तो कभी घर के आंगन में खड़े कटहल के पेड़ पर. उनके लिए, लिखना केवल एक शौक नहीं, बल्कि उनका जुनून है.

लिखाई के प्रति जुनून और संघर्ष
हालांकि कठिन जीवन परिस्थितियों के बावजूद, तोतन राय ने लेखन को कभी नहीं छोड़ा. वह कहते हैं, “लिखना मुझे अच्छा लगता है, इसलिए लिखता हूँ. जो कुछ मैं देखता हूँ, वही लिखता हूँ. कई लोग मुझे ताना मारते हैं, लेकिन मैं कभी नहीं रुका. मैं और भी लिखकर प्रसिद्ध होना चाहता हूँ, यही मेरी खुशी है.”

लेखन में परफेक्शन की ओर कदम
वह अब 51 वर्ष के हो चुके हैं और अब भी अपनी लेखनी को और परफेक्ट बनाना चाहते हैं. उन्होंने एक बार फिर से शिक्षा लेने की योजना बनाई है और जब भी उन्हें वक्त मिलता है, वह लिखते रहते हैं. जब भी उनका कोई लेख पूरा होता है, तो वह सबसे पहले अपनी पत्नी को दिखाते हैं, और फिर उसे सुधारते हैं. उनकी पत्नी, मैत्री देवी कहती हैं, “मैं जितना भी जानती हूँ, उतने से मैं उनकी मदद करती हूँ. मैं चाहती हूँ कि वह और भी प्रसिद्ध हों.”

पहली किताब और पुरस्कार
तोतन राय की पहली किताब “स्वप्ननील” थी, जिसमें 100 कविताएँ थीं. इसके बाद, “बहुब्रीहि” और “श्रद्धांजलि” जैसी किताबें प्रकाशित हुईं. अब तक, वह कवि के रूप में पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त कर चुके हैं. अब उनकी आगामी किताब कोलकाता पुस्तक मेले में प्रकाशित होगी, और वह अपने काम के साथ-साथ लेखन में भी व्यस्त हैं.

Tags: Bengal news, Howrah news, Inspiring story, Local18, Special Project

FIRST PUBLISHED :

November 11, 2024, 14:18 IST

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