पैरों में जंजीरें, हाथों में हथकड़ियां… डिपोर्ट भारतीयों के साथ फिर वही सलूक

3 weeks ago

Last Updated:February 16, 2025, 14:50 IST

US Deportation Flight: 116 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर आया अमेरिकी विमान शनिवार रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. इन 116 भारतीयों को अमेरिका ने डिपोर्ट कर दिया था.

पैरों में जंजीरें, हाथों में हथकड़ियां… डिपोर्ट भारतीयों के साथ फिर वही सलूक

अमेरिका से 116 भारतीयों को लाई दूसरी फ्लाइट.

US Deportation Row: अमेरिका से निर्वासित 116 भारतीय प्रवासियों का दूसरा जत्था शनिवार रात अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा. इनमें से अधिकतर पंजाब, हरियाणा और गुजरात के लोग थे. ये बेहतर भविष्य की तलाश में अवैध तरीकों से अमेरिका पहुंचे थे लेकिन डिपोर्ट कर दिए गए. होशियारपुर के दलजीत सिंह भी इसी फ्लाइट से लौटे. उन्होंने बताया कि निर्वासन के दौरान उन्हें हाथों में हथकड़ियां और पैरों में जंजीरें पहनाई गई थीं. सिंह ने पत्रकारों से कहा, ‘हमारे पैरों में जंजीरें थीं और हाथों में हथकड़ी भी थी.

‘डंकी’ रूट से अमेरिका जाने की कहानी

दलजीत सिंह पंजाब के होशियारपुर जिले के कुराला कलां गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें ‘डंकी’ रूट के जरिए अमेरिका ले जाया गया था. ‘डंकी’ रूट एक अवैध और खतरनाक रास्ता है जिससे लोग अमेरिका में घुसने की कोशिश करते हैं. यह मार्ग दुबई, तुर्की, मेक्सिको और अन्य देशों से होकर गुजरता है. सिंह की पत्नी कमलप्रीत कौर ने आरोप लगाया कि उनके पति को ‘ट्रैवल एजेंट’ ने धोखा दिया.

कमलप्रीत ने बताया, ‘एजेंट ने हमें भरोसा दिलाया कि वे दलजीत को सीधी फ्लाइट से अमेरिका ले जाएंगे, लेकिन बाद में पता चला कि उन्हें अवैध तरीके से ले जाया गया.’ उनके गांव के एक व्यक्ति ने ही इस ट्रैवल एजेंट से संपर्क करवाया था. 50 से 60 लाख रुपए तक की रकम ली गई. परिवार को भरोसा था कि सब कुछ कानूनी तरीके से होगा, लेकिन जब सिंह को बार-बार अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया तो उन्हें शक होने लगा.

अमेरिका से लौटे, लेकिन किस हाल में?

अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों की फ्लाइट रात 11:35 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरी. यह उड़ान रात 10 बजे पहुंचने वाली थी, लेकिन इसमें देरी हुई. यह दूसरा जत्था है, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने डिपोर्ट किया. इससे पहले 5 फरवरी को 104 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया था.

पंजाब से जुड़े लोगों की आव्रजन और पृष्ठभूमि की जांच के बाद उन्हें पुलिस की गाड़ियों में उनके घर भेज दिया गया. हरियाणा सरकार ने भी अपने राज्य के लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था की.

सूत्रों के अनुसार, इस जत्थे में, पंजाब के 65 लोग, हरियाणा के 33 लोग, गुजरात के 8 लोग, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 लोग, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से 1-1 व्यक्ति शामिल थे. ज्यादातर निर्वासित 18 से 30 साल के युवा थे.

टूटे सपने और भारी कर्ज का बोझ

इन प्रवासियों के परिवारों ने अपनी जमीन, घर और गहने तक बेच दिए ताकि वे अमेरिका जा सकें. दलजीत सिंह के परिवार ने उनके सफर के लिए एक एकड़ जमीन बेचकर 50-55 लाख रुपये इकट्ठे किए. उनके रिश्तेदार ने कहा, ‘एजेंट ने वादा किया था कि कानूनी तरीके से भेजेंगे, लेकिन बाद में अवैध रास्ते से ले गए.’ गुरदासपुर के दो युवकों ने 40-40 लाख रुपये खर्च किए लेकिन उनका भी सपना चकनाचूर हो गया.

आज तीसरा जत्था पहुंचेगा

सूत्रों के मुताबिक, 157 और भारतीयों को लेकर 16 फरवरी को तीसरा विमान अमृतसर पहुंचेगा. 5 फरवरी को 104 भारतीयों को वापस भेजा गया था, जिसमें 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से थे और 30 पंजाब से थे. (एजेंसी इनपुट)

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

February 16, 2025, 14:50 IST

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