Last Updated:October 08, 2025, 09:39 IST
CJI Gavai Shoe Hurling Case: सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई बीआर गवई की ओर जूता फेंकने वाले राकेश किशोर ने इसे परमात्मा का आदेश बताया. इस हमले के विरोध में मयूर विहार में उनकी सिसायटी के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. वहीं सोसायटी के लोगों ने बताया कि वह पहले भी लड़ते-झगड़ते रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘परमात्मा ने कहा था, इसलिए किया. मैंने परमात्मा का काम किया. यह मेरा दिव्य कर्तव्य था.’ किशोर ने बताया कि खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की याचिका खारिज करते समय सीजेआई गवई की टिप्पणी से वे बेहद आहत हुए और इसी कारण उन्होंने ऐसा कदम उठाया. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और अगर परमात्मा फिर आदेश देंगे तो वे दोबारा ऐसा करेंगे.
इस घटना के विरोध में मंगलवार को मयूर विहार स्थित किशोर के रिवरव्यू अपार्टमेंट के बाहर जमकर प्रदर्शन हुआ. प्रदर्शनकारी जूते की मालाएं, डॉ. भीमराव अंबेडकर की तस्वीरें और संविधान की प्रतियां लेकर पहुंचे थे. उन्होंने नारे लगाए, ‘सीजेआई का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान.’
इस घटना के विरोध में आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ जूता फेंकने का नहीं है बल्कि संविधान पर हमला है. उन्होंने आरोप लगाया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर CJI के खिलाफ जातिवादी टिप्पणियां और धमकियां फैलाई जा रही हैं, जिन्हें सरकार को हटाना चाहिए.
सोसाइटी के बाहर भारी पुलिस बल तैनात
प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि पुलिस इस मामले में स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करे, चाहे औपचारिक शिकायत दर्ज हुई हो या नहीं. देशभर में इस घटना की कड़ी निंदा हो रही है. इस घटना के मद्देनजर सोसाइटी के बाहर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड लगाए गए.
पहले भी कर चुके मारपीट
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, राकेश किशोर के पड़ोसियों ने बताया कि उनके खिलाफ पहले भी हिंसक व्यवहार की शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं. 70 वर्षीय पुरुषोत्तम ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने हंगामा किया. 2021 में भी उन्होंने एक बुजुर्ग के साथ हाथापाई की थी.
पुलिस को दी गई एक पुरानी शिकायत में निवासियों ने आरोप लगाया था कि किशोर ने करीब एक साल तक उन्हें डराया-धमकाया और सोसाइटी के वॉट्सऐप ग्रुप में जातिवादी और धार्मिक गालियां दीं. एक अन्य निवासी कौशल ने बताया कि किशोर कभी सोसाइटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य थे. उन्होंने कहा कि कुछ घटनाओं के बारे में सुन रखा था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में हुई यह घटना बेहद चौंकाने वाली है.
सोसाइटी के सुरक्षा गार्डों ने बताया कि किशोर के परिवार ने उन्हें किसी भी विजिटर को घर में न आने देने के निर्देश दिए हैं. परिवार का कहना है कि किशोर की तबीयत ठीक नहीं है और वह मानसिक रूप से भी अस्थिर महसूस कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार सुबह हुई इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने राकेश किशोर की सदस्यता सस्पेंड कर दी है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 08, 2025, 09:39 IST