फेसबुक ने ऐसा क्‍या किया जो भरना पड़ेगा 7,100 करोड़ रुपये का जुर्माना

3 hours ago

हाइलाइट्स

फेसबुक ने मार्केटप्‍लेस के जरिये बाजार प्रतिस्‍पर्धा को नुकसान पहुंचाया. इसकी शिकायत पर यूरोपीय यूनियन ने 7100 करोड़ का जुर्माना लगाया. फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा इसके खिलाफ अपील की योजना बना रही.

नई दिल्‍ली. देश-दुनिया में करोड़ों लोगों का पसंदीदा बन चुके सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म फेसबुक को अपनी एक गलती की सजा हजारों करोड़ रुपये से चुकानी होगी. यूरोपियन कमीशन ने फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेट पर 84 करोड़ डॉलर (करीब 7,100 करोड़ रुपये) का जुर्माना ठोक दिया है. यह जुर्माना फेसबुक की ओर से यूजर्स को जबरन विज्ञापन दिखाने के लिए लगाया गया है, जो फेसबुक मार्केटप्‍लेस का हिस्‍सा है.

यूरोपीय कमीशन ने अपनी जांच में पाया कि फेसबुक ने ईयू के एंटीट्रस्‍ट कानून का उल्‍लंघन किया है. कंपनी ने अपने ऑनलाइन क्‍लासिफाइड ऐड सर्विस फेसबुक मार्केटप्‍लेस को कंपनी के पर्सनल सोशल नेटवर्क पर दिखाया, जो बाजार प्रतिस्‍पर्धा के खिलाफ है. इससे दूसरे ऑनलाइन क्‍लासिफाइड ऐड्स सर्विस प्रोवाइडर्स को नुकसान पहुंचा है. इस कारण दूसरी कंपनियों को अपनी बाजार पहुंच बनाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

ये भी पढ़ें – ट्रंप भी मान गए इस भारतवंशी का लोहा! कम समय में बनाया करोड़ों का साम्राज्‍य, अब मस्‍क के साथ संभालेंगे खास एजेंडा

क्‍या बोली फेसबुक
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा ने इस आदेश के खिलाफ अपील करने की बात कही है. साथ ही इस मुद्दे को सुलझाने के लिए नियमों का पालन करने और बाजार के अनुरूप काम करने की भी बात कही. यूरोपीय कमीशन ने फेसबुक के खिलाफ शिकायत मिलने के 2 साल बाद यह फैसला सुनाया है. शिकायत में कहा गया था कि फेसबुक मार्केट प्‍लेस के जरिये बाजार प्रतिस्‍पर्धा को बिगाड़ा जा रहा है. इसके जरिये फेसबुक बाजार पर हावी करने की कोशिश कर रहा है.

2016 में लांच किया था मार्केटप्‍लेस
फेसबुक ने साल 2016 में क्‍लासिफाइड ऐड्स को लेकर अपना मार्केटप्‍लेस लांच किया था, जिसे बाद में यूरोप के तमाम देशों में शुरू किया गया था. यूरोपीय यूनियन ने कहा है कि फेसबुक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यूज करने वाले अपने उपभोक्‍ताओं पर जबरिया मार्केटप्‍लेस को थोप रही है, जबकि कंपनी का कहना है कि वह अपने यूजर्स को इसका विकल्‍प देती है कि वे मार्केटप्‍लेस का इस्‍तेमाल करें अथवा नहीं.

कंपनी ने दी दलील
मेटा ने अपने बचाव में कहा है कि यूरोपीय कमीशन मार्केटप्‍लेस के जरिये बाजार प्रतिस्‍पर्धा को बिगाड़ने का आरोप लगाता है, लेकिन अभी तक ऐसा एक भी सबूत पेश नहीं किया गया है, जिससे यह साबित होता हो कि कंपनी की वजह से प्रतिस्‍पर्धियों को किसी तरह का कोई नुकसान हुआ है. लिहाजा कंपनी इस फैसले के खिलाफ आगे अपील करने की तैयारी में है.

Tags: Business news, European union, Facebook India

FIRST PUBLISHED :

November 15, 2024, 10:20 IST

Read Full Article at Source