बंगाल सरकार की बड़ी चूक! 57 साल पुराने दार्जिलिंग रोपवे प्रोजेक्‍ट में गड़बड़ी

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Last Updated:September 09, 2025, 12:21 IST

Safety of Ropeway Project : पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने प्रदेश में रोपवे प्रोजेक्‍ट के रखरखाव और सुरक्षा को लेकर निविदा की शर्तों में ढील दी है. इन नियमों को बदले जाने की हर तरफ आलोचना हो रही है. कानूनी विशेषज्ञ...और पढ़ें

बंगाल सरकार की बड़ी चूक! 57 साल पुराने दार्जिलिंग रोपवे प्रोजेक्‍ट में गड़बड़ीदार्जिलिंग रोपवे प्रोजेक्‍ट को लेकर सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई है .

नई दिल्ली. गुजरात में माल ढुलाई वाले रोपवे की दुर्घटना में 6 लोगों की मौत के बाद देशभर के रोपवे प्रोजेक्‍ट को लेकर सुरक्षा की चिंताएं बढ़ गई हैं. सबसे ज्‍यादा चिंता देश के सबसे पुराने रोपवे प्रोजेक्‍ट को लेकर है. दार्जिंलिंग की रंगीत घाटी में चलने वाली इस रोपवे की सुरक्षा का जिम्‍मा पश्चिम बंगाल सरकार ऐसी कंपनियों को देने जा रही है, जो पहले से ही ब्‍लैक लिस्‍टेड हैं. इस रोपवे के संचालन और रखरखाव को लेकर जारी होने वाली बोली के पात्रता मानदंडों में किए गए बदलाव को लेकर पश्चिम बंगाल वन विकास निगम (WBFDC) जांच के घेरे में आ गया है.

इस प्रोजेक्‍ट की शुरुआत करीब 57 साल पहले हुई थी. रोपवे उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि निविदा की शर्तों में हुआ ये बदलाव सुरक्षा उपायों को काफी कमजोर करता है और पहले से ब्लैकलिस्टेड ऑपरेटरों के लिए इसमें भाग लेने का रास्ता खोलता है. अगस्त 2025 में जारी संशोधित निविदा दस्तावेज के अनुसार, बोलीदाताओं को केवल तभी अयोग्य घोषित किया जाएगा, जब उन्हें केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल राज्य या राज्य के भीतर वैधानिक प्राधिकरणों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा ब्लैकलिस्ट किया गया हो.

अप्रैल में लगाई थी कड़ी शर्त
इस निविदा से पहले अप्रैल, 2025 में एक और निविदा जारी की गई थी. इस निविदा में एक बहुत ही सख्‍त प्रावधान था, जो किसी भी राज्य या केंद्र सरकार या उनकी एजेंसियों द्वारा प्रतिबंधित किसी भी बोलीदाता की भागीदारी पर रोक लगाता था. उद्योग के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि यह बदलाव प्रभावी रूप से अन्य राज्यों में गंभीर चूक का मामला उजागर करता है. दार्जिलिंग रोपवे प्रोजेक्‍ट में उन कंपनियों को भी बोली लगाने की छूट दी गई है जिन्‍हें सुरक्षा उल्लंघन, दुर्घटनाएं और अनुबंध समाप्ति जैसे कारणों की वजह से ब्लैकलिस्ट किया गया है.

देश का सबसे पुराना प्रोजेक्‍ट
दार्जिलिंग रंगीत घाटी पैसेंजर रोपवे भारत की सबसे पुरानी और प्रतिष्ठित रोपवे प्रणालियों में से एक है, जो चाय के बागानों, पहाड़ियों और रंगीत नदी के मनोरम दृश्यों का सफर कराती है. साल 1968 में शुरू हुआ यह रोपवे दार्जिलिंग का एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण रहा है और हर साल हज़ारों पर्यटकों को आकर्षित करता है. रोपवे उद्योग के विशेषज्ञ बताते हैं कि ब्लैकलिस्टिंग कोई मामूली जुर्माना नहीं है. यह गंभीर चूक साबित होने के बाद ही लगाया जाता है. ऐसे ऑपरेटरों को रोपवे जैसी उच्च जोखिम वाली परियोजनाओं में वापस लाना यात्रियों की सुरक्षा से सीधा समझौता है.

क्‍या कहता है मौजूदा नियम
मौजूदा निविदा नियमों के तहत भारत में कहीं भी कांट्रैक्ट की समाप्ति को अयोग्यता का आधार मानती है, लेकिन पश्चिम बंगाल के बाहर ब्लैकलिस्ट की गई संस्थाओं को भाग लेने की अनुमति देती है. उद्योग पर्यवेक्षक यह भी बताते हैं कि अन्य राज्य कहीं अधिक कड़े मानक अपनाते हैं. हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, जम्मू और कश्मीर, आंध्र प्रदेश और राजस्थान की निविदाओं में स्पष्ट रूप से किसी भी ब्लैकलिस्टेड संस्था को प्रतिबंधित किया गया है. चाहे जुर्माना किसी भी राज्य में लगाया गया हो. परेशानी इस बात की है क‍ि पश्चिम बंगाल का संशोधित दृष्टिकोण इससे अलग है.

जांच के अधीन हैं रोपवे प्रोजेक्‍ट
कानूनी विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि बंगाल एरियल रोपवे अधिनियम, 1923 के तहत रोपवे परियोजनाए जांच के अधीन हैं, जिसमें निविदा के दौरान आपत्तियां दर्ज कराने का भी प्रावधान है. यदि किसी ऐसे ऑपरेटर को यह ठेका दिया जाता है जिसका किसी अन्य राज्य में दुर्घटनाओं या मौतों का रिकॉर्ड रहा हो तो इससे जनाक्रोश, आपत्तिया और यहा तक कि जनहित याचिका (पीआईएल) भी शुरू हो सकती है. इससे परियोजना में देरी होगी और खरीद प्रक्रिया की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचेगी.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

September 09, 2025, 12:21 IST

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