Last Updated:July 16, 2025, 11:41 IST
Balasore sexual assault Case: ओडिशा के बालासोर में बीएड छात्रा की आत्मदाह से मौत ने राज्य को झकझोर दिया है. यौन उत्पीड़न की शिकायत पर पुलिस की देरी और लापरवाही उजागर हुई. मुख्यमंत्री ने 20 लाख मुआवजा देने का वा...और पढ़ें

इस घटना को लेकर पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है.
हाइलाइट्स
पुलिस की लापरवाही से बीएड छात्रा की मौत.मुख्यमंत्री ने 20 लाख मुआवजा देने का वादा किया.यौन उत्पीड़न की शिकायत पर कार्रवाई में देरी हुई.Balasore sexual assault Case: ओडिशा के बालासोर में एक 20 वर्षीय बीएड छात्रा की आत्मदाह के बाद हुई मौत ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. इस घटना ने न केवल यौन उत्पीड़न और लापरवाही का खुलासा किया, बल्कि पुलिस और इमर्जेंसी रेस्पॉन्स में गंभीर चूक को भी उजागर किया है. अगर ऐसी लापरवाही नहीं होती तो शायद बिटिया की जान बच जाती. छात्रा ने 12 जुलाई को फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज के बाहर खुद को आग लगा ली थी, जिसके बाद 14 जुलाई की रात 11:46 बजे उसे एम्स भुवनेश्वर में मृत घोषित कर दिया गया. डॉक्टरों के अनुसार उसके शरीर के 90 फीसदी से अधिक हिस्से जल गए थे. युवती के फेफड़ों, गुर्दों व हृदय को गंभीर नुकसान पहुंचा था, जिसकी वजह से वह 60 घंटे की जिंदगी की जंग हार गई.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब इस मामले में एम्स भुवनेश्वर के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. दिलीप कुमार परिदा ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि छात्रा घटना के साढ़े चार घंटे बाद अस्पताल पहुंची थी, जबकि पहले छह घंटे महत्वपूर्ण होते हैं. उसकी बॉडी में पानी की कमी हो गई थी. पेशाब रुक गया था और सांस नली में जलन ने फेफड़ों को नुकसान पहुंचाया. हमने पूरी कोशिश की लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. पूर्व अग्निशमन अधिकारी भभग्रही घेड़ी ने बताया कि पानी छिड़कना या गीले कपड़े से ढकना आग को कम कर सकता था, लेकिन मौके पर ऐसी कार्रवाई नहीं हुई. सीसीटीवी फुटेज में भी दिखा कि छात्रा आग में घिरी हुई थी.
छात्रा ने एक जुलाई को पुलिस में सहायक प्रोफेसर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की थी, लेकिन कार्रवाई में देरी हुई. पुलिस और कॉलेज प्रबंधन की उदासीनता ने उसे आत्मदाह के लिए मजबूर किया. अभियुक्त प्रोफेसर और प्राचार्य दिलीप घोष को गिरफ्तार किया गया है, जिन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने का आरोप है. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवजा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया है. इस बीच घटना के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. मंगलवार को उसके गांव में अंतिम संस्कार के दौरान बहादुर बेटी अमर रहे के नारे गूंजे. उसके पिता और भाई ने सवाल उठाए कि अगर जांच समय पर शुरू होती, तो शायद वह जिंदा रहती.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
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