बिहार चुनाव में 5 करोड़, पप्पू यादव-आफाक आलम में जुबानी जंग तेज, जानिए विवाद

4 hours ago

Last Updated:October 22, 2025, 15:43 IST

Bihar Chunav Kasba Assembly Seat : बिहार में टिकट बंटवारे को लेकर मचे बवाल के बीच पप्पू यादव ने आफाक आलम पर 5 करोड़ रुपये लेकर राज्यसभा की सीट दिलाने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अफाक आलम का टिकट उनके अतीत के कारण कटा, इसमें उनका कोई दोष नहीं. पप्पू यादव ने तंज कसते हुए कहा-ऊंट बैठ भी जाए तो गधे से ऊपर ही होता है. वहीं, आफाक आलम ने पलटवार करते हुए कहा कि पप्पू यादव 'झूठे और अवसरवादी' हैं. आइये जानते हैं पूरा विवाद क्या है.

बिहार चुनाव में 5 करोड़, पप्पू यादव-आफाक आलम में जुबानी जंग तेज, जानिए विवादपूर्णिया चुनाव: टिकट बिक्री आरोपों पर पप्पू यादव-आफाक आलम में बहस

पूर्णिया. बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने के गंभीर आरोप के बीच पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव और कस्बा के कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री आफाक आलम के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. जहां पप्पू यादव ने आफाक आलम पर राज्यसभा के लिए 5 करोड़ रूपया लेने का आरोप लगाया, वहीं टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व मंत्री और कस्बा के कांग्रेस विधायक आफाक आलम ने पूर्णिया सांसद पप्पू यादव पर एक बार फिर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पप्पू यादव ने नीतीश सरकार को बचाने के लिए उन्हें नीतीश मिश्रा और मांझी जी से मिलने के लिए कहा था.

कस्बा सीट पर ‘मुस्लिम वोट’ बने सियासत का केंद्र

इस पूरे विवाद की जड़ में कस्बा विधानसभा सीट का समीकरण है. यहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं. पप्पू यादव इस वर्ग को साधने की कोशिश में हैं, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे आफाक आलम उन्हीं वोटों पर दावा ठोक रहे हैं. इस वजह से दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप की यह जंग अब धार्मिक और सामाजिक प्रभाव वाले इलाके में बड़ा मुद्दा बन गई है.

पप्पू यादव और आफाक आलम की अदावत बढ़ी

बता दें कि पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने मंगलवार (22 अक्टूबर) कांग्रेस ऑफिस में आयोजित सम्मेलन के दौरान अपने भाषण में कस्बा के निवर्तमान विधायक और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री अफाक आलम पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि साबिर अली के राज्यसभा पहुंचने में 5 करोड़ की राशि ली थी. इसी कारण से उनका टिकट काट दिया गया. पप्पू यादव ने यह भी कहा कि अफाक आलम को हमने काफी सपोर्ट किया और टिकट के लिए भी उनके नाम को आगे किया लेकिन उनका अतीत उन्हें टिकट नहीं दिलाया. इसमें मेरी क्या गलती है? वहीं पप्पू यादव ने आफाक आलम पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी को नमक हरामी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऊंट बैठ भी जाए तो गधा से ऊपर ही होता है.

पप्पू यादव पर आफाक आलम के गंभीर आरोप

पप्पू यादव के आफाक आलम पर लगाए गए आरोप पर पलटवार करते हुए आफाक आलम ने कहा कि पप्पू यादव हमारा मुंह ना खुलवाएं. अगर मुंह खुल गया तो उनका चेहरा बेनकाब हो जाएगा. पप्पू यादव ने हमें जीतन राम मांझी और नीतीश मिश्रा से मिलने के लिए दबाव बनाया था. उन्होंने सरकार को बचाने के लिए हमको मदद करने के लिए कहा था लेकिन हमने ईमानदारी दिखाई. क्या उसने ऐसा नहीं कहा था? क्या पप्पू यादव उम्मीदवार के चयन में पैसा नहीं लिए हैं? वह अल्पसंख्यकों को अपना वोट बैंक मानते हैं लेकिन आज तक कितने अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ाने का काम किया है? सबका इस्तेमाल किया है. इस बार अल्पसंख्यक उनके झांसे में नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि अब तक झूठ बोल बोल के अल्पसंख्यकों को नुकसान पहुंचाए हैं. अब यह होने वाला नहीं है.

जुबानी जंग तेज, कौन किसपर कितना भारी?

कस्बा के कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद इरफान आलम ने भी अफाक आलम पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर हम पैसा देकर टिकट खरीदे हैं तो वे बताएं कि तीन बार वह विधायक रहे तो कितना रुपया देकर टिकट खरीदे. उन्होंने कहा कि आफाक आलम का यह आरोप सरासर बेबुनियाद है.  बहरहाल, कांग्रेस पार्टी और पप्पू यादव पर टिकट बेचने के आरोप-प्रत्यारोप के बीच सबकी नजर कस्बा में मुस्लिम भाईजान पर है. जिसे साधने की कोशिश पप्पू यादव कर रहे हैं तो निर्दलीय प्रत्याशी अफाक आलम उनका खेल बिगाड़कर अल्पसंख्यकों को अपना हितेषी बता रहे हैं. वहीं पप्पू यादव और आफाक आलम के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है.

चुनाव में इस विवाद का क्या असर पड़ेगा?

हालांकि, बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत बयानबाजी नई नहीं है, लेकिन इस बार पप्पू यादव बनाम आफाक आलम विवाद ने चुनावी विमर्श की दिशा ही बदल दी है. जहां कांग्रेस टिकट बेचने के आरोपों से जूझ रही है, वहीं पप्पू यादव खुद को साफ छवि वाले बाहरी सुधारक के रूप में पेश कर रहे हैं. दूसरी ओर, आफाक आलम का यह बयान कि-पप्पू यादव नीतीश सरकार को बचाने की कोशिश में थे, विपक्षी एकजुटता पर भी सवाल खड़ा करता है. अब देखना यह होगा कि यह जुबानी जंग चुनावी नतीजों में कितना असर छोड़ती है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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Location :

Kasba,Purnia,Bihar

First Published :

October 22, 2025, 15:43 IST

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