बिहार में पूर्वजों की जमीन कराना चाहते हैं अपने नाम तो आपके लिए है गोल्डन चांस

4 days ago

Last Updated:August 16, 2025, 07:29 IST

REVENUE CAMPAIGN IN BIHAR: बिहार में लाखों लोगों की जमीन के कागजात पुराने और गलत हैं जिससे बंटवारा और मालिकाना हक की समस्या बनी हुई है. लेकिन, अब बिहार सरकार ने बड़ी पहल की है और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ...और पढ़ें

बिहार में पूर्वजों की जमीन कराना चाहते हैं अपने नाम तो आपके लिए है गोल्डन चांसनीतीश सरकार 16 अगस्त से 20 सितंबर तक बिहार में राजस्व महाअभियान चला रही.

पटना. बिहार में लाखों जमाबंदियों में खाता-खेसरा, प्लॉट की चौहद्दी और क्षेत्रफल की जानकारी गलत या अधूरी है. कई जमीनें पुरखों के नाम पर हैं, लेकिन मौखिक बंटवारे के कारण वर्तमान मालिकों के नाम अपडेट नहीं हैं. इन समस्याओं ने भूमि विवादों को बढ़ावा दिया है. अब भूमि सर्वेक्षण अभियान के दौरान राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इन चुनौतियां से पार पाने की योजना पर आगे बढ़ रही है और इसके समाधान की पहल बिहार सरकार ने की है. प्रदेश में 16 अगस्त से 20 सितंबर तक राजस्व महाअभियान चलेगा जिसके तहत राजस्व विभाग की टीमें घर-घर जाकर जमाबंदी की प्रति और आवेदन प्रपत्र वितरित करेंगी. गांव में शिविर लगाकर सभी आवेदन और जरूरी कागजात जमा किए जाएंगे. इस महा अभियान को सफल बनाने के लिए कई सरकारी और गैर-सरकारी संघों ने भी अपना समर्थन दिया है.

राजस्व महा अभियान: मिशन और योजना

16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक चलने वाला राजस्व महा अभियान बिहार के 45,000 राजस्व गांवों को कवर करेगा. अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के अनुसार, विभाग की टीमें घर-घर जाकर 4.5 करोड़ ऑनलाइन जमाबंदियों की प्रति बांटेंगी और त्रुटियों के सुधार के लिए आवेदन लेंगी. पंचायत स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाएंगे जहां लोग दाखिल-खारिज, बंटवारा और उत्तराधिकार नामांतरण के लिए आवेदन जमा कर सकेंगे.

हर घर तक पहुंचेगी सुधार की सुविधा

इस अभियान की खासियत है कि लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. प्रत्येक राजस्व गांव में टीमें प्रिंटेड जमाबंदी बांटेंगी, जिसमें त्रुटियों को चिह्नित करने की सुविधा होगी. हल्का स्तर पर दो शिविर लगेंगे जहां राजस्व कर्मचारी, अमीन और पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. आवेदनों की प्राथमिक एंट्री के बाद ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन होगा और अंचल कार्यालयों में अंतिम निष्पादन किया जाएगा.

बिहार में राजस्व महा अभियान का उद्देश्य भूमि संबंधी मामलों का त्वरित निपटारा, दस्तावेजों को अद्यतन और डिजिटल बनाना है. इस अभियान के तहत निम्नलिखित कार्य किए जाएंगे:

– डिजिटाइज्ड जमाबंदी में त्रुटियों का सुधार: जमाबंदी में नाम, खाता, खेसरा, रकबा, लगान आदि की अशुद्धियों को ठीक किया जाएगा.
– छूटी हुई जमाबंदी को ऑनलाइन करना: जिन जमाबंदियों को अभी तक ऑनलाइन नहीं किया गया है, उन्हें इस अभियान में शामिल किया जाएगा.
– उत्तराधिकार नामांतरण: संयुक्त संपत्तियों के बंटवारे और उत्तराधिकार के मामलों में नामांतरण के लिए आवेदन लिए जाएंगे.
– बंटवारा नामांतरण: मौखिक बंटवारे के बाद संयुक्त जमाबंदी का पृथक्करण किया जाएगा.

वंशावली और मृत्यु प्रमाण पत्र की आसान प्रक्रिया

पुरखों के नाम वाली जमीन को वंशजों के नाम करने के लिए सरपंच द्वारा प्रमाणित वंशावली मान्य होगी. पुराने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सत्यापन पर्याप्त होगा, जिसके लिए जल्द ही सरल प्रक्रिया का परिपत्र जारी होगा. यह कदम उन परिवारों के लिए राहतकारी होगा, जिनके पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष योजना

अभियान के दौरान बाढ़ प्रभावित 800 गांवों (लगभग 10% पंचायतें) में शिविर बाद में लगाए जाएंगे. दीपक कुमार सिंह ने बताया कि बाढ़ की स्थिति सामान्य होने पर इन क्षेत्रों में अभियान को विस्तार दिया जाएगा. माइक्रो प्लान में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों को ध्यान में रखा गया है, ताकि कोई भी लाभ से वंचित न रहे.

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

– अभियान की अवधि: 16 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक.
– टारगेट फैमिली: लगभग 4.5 करोड़ जमाबंदियों को कवर किया जाएगा.
– पंचायत की भूमिका: पंचायत प्रतिनिधियों को इस महा-अभियान में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है.
– पुरस्कार: बेहतर काम करने वालों को जिला और राज्य स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा.

जागरूकता और जनप्रतिनिधियों की भूमिका

अभियान की सफलता के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को जिम्मेदारी दी गई है. 15 अगस्त को ग्राम सभाओं में लोगों को जागरूक किया जाएगा. माइकिंग, पंफलेट और सोशल मीडिया के जरिए प्रचार हो रहा है. 12 अगस्त तक सभी 8,000 पंचायतों के लिए माइक्रो प्लान तैयार हो जाएगा, जिसमें शिविरों की तारीखें और कर्मचारियों की जानकारी होगी.

चुनौतियां और समाधान की उम्मीद

अभियान के सामने कर्मचारियों की हड़ताल जैसी चुनौतियां हैं, लेकिन दीपक कुमार सिंह का दावा है कि यह अभियान भूमि विवादों को न्यूनतम करेगा. डिजिटल और पारदर्शी प्रक्रिया से लोगों को उनकी जमीन के सही कागजात मिलेंगे, जिससे बंटवारा और मालिकाना हक की समस्याएं हल होंगी. यह बिहार की राजस्व व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में बड़ा कदम है.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...

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First Published :

August 16, 2025, 07:29 IST

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