Last Updated:April 18, 2025, 19:55 IST
Adultery Case News: दिल्ली हाई कोर्ट ने एडल्टरी के एक मामले में फैसला देते हुए 'महाभारत' की प्रमुख पात्र 'द्रौपदी' का जिक्र किया जिन्हें उनके ही पति युधिष्ठिर ने जुए में दांव पर लगा दिया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
पत्नी का जिस शख्स से था अफेयर, पति ने उसके खिलाफ दायर किया मुकदमा.दिल्ली हाई कोर्ट ने मुकदमा खारिज करते हुए फैसले में महाभारत का जिक्र किया.HC ने पति से कहा कि कोई महिला किसी व्यक्ति की मिल्कियत नहीं होती.नई दिल्ली: पत्नी से धोखा खाए एक शख्स ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. आरोप था कि उसकी बीवी किसी और मर्द के साथ अफेयर में है. दिल्ली हाईकोर्ट ने उस शख्स से साफ कहा कि ‘पत्नी कोई चीज नहीं, जिस पर आप अपना अधिकार समझें.’ 17 अप्रैल को फैसला सुनाते हुए जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने महाभारत का जिक्र भी किया. उन्होंने कहा, ‘द्रौपदी को जुए में दांव पर लगाया गया. चारों पांडव चुप रहे. वो कुछ बोल भी नहीं सकीं. यही सोच आज तक जिंदा है कि औरत पति की संपत्ति है.’ कोर्ट ने इस सोच को ‘मिसोजिनिस्ट’ कहा यानी औरत को नीचा दिखाने वाली मानसिकता.
‘एडल्टरी अब नहीं है अपराध’
कोर्ट ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में एडल्टरी को अपराध मानने वाली IPC की धारा 497 को हटा दिया था. SC का मानना था कि ये कानून सिर्फ पति के नजरिये से बना था. इसमें महिला को ‘शिकार’ माना जाता था, ना कि फैसला लेने वाली एक स्वतंत्र शख्सियत.
इस केस में क्या हुआ?
पति ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी किसी और मर्द के साथ दूसरे शहर गई. होटल में रुके. रिश्ते भी बनाए. न उसकी इजाजत ली, न जानकारी दी. मैजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले ही आरोपी को बरी कर दिया था. लेकिन सेशन्स कोर्ट ने समन भेजा. आखिर में हाईकोर्ट ने केस खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि अब जब ये कानून ही नहीं रहा, तो केस किस बात का?
कोर्ट ने क्या कहा?
अदालत ने कहा कि ‘जब शादी में नैतिक कमिटमेंट खत्म हो जाए, तो ये सिर्फ दो लोगों का निजी मामला है.’ HC के अनुसार, ‘एडल्टरी को अपराध बताना आज के दौर में पीछे लौटने जैसा है.’
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 18, 2025, 19:54 IST