बेमिसाल 75 साल: आखिर क्यों नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति के शिखर पर हैं?

3 hours ago

Last Updated:September 17, 2025, 10:18 IST

पीएम मोदी का आज जन्मदिन है. 75 की उम्र में और 11 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद, मोदी को आराम का मन नहीं है. वे अटल हैं और नई चुनौतियों के लिए तैयार हैं.

 आखिर क्यों नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति के शिखर पर हैं?प्रधानमंत्री मोदी.

“उनका जीवन आम लोगों के बीच बीता है- गांवों में, गरीबी में, बिना स्वार्थ की सेवा में, और हर कदम पर रुकावटों को पार करते हुए। जीवन का ये तजुर्बा बेमिसाल है, और बाधाओं से निकलने की काबिलियत ही उन्हें किसी राजनेता की चुनौती से ऊपर रखती है।” यह बात एक व्यक्ति ने नरेंद्र मोदी के साथ करीब से काम करने वाले एक व्यक्ति ने मुझसे कही, जो “मोदी का जादू” बताती है।

आज जब पीएम मोदी 75 साल के हो रहे हैं, उनकी राजनीतिक ताकत अभी भी सबसे ऊपर है। उनकी पार्टी मुश्किल राज्य में चुनाव लड़ रही है, और सबकी उम्मीद एक ही शख्स पर- नरेंद्र मोदी। वो व्यक्ति जो हार को जीत में बदल सकता है। बीजेपी के कई सर्वे बताते हैं कि चुनाव के आखिरी दौर में जब मोदी कैंपेनिंग पर आते हैं, तो पार्टी की जीत पक्की हो जाती। बड़े चुनावों में- जैसे 2018 में त्रिपुरा की पहली जीत, 2024 में ओडिशा, या 2017 और 2022 में उत्तर प्रदेश की लगातार सफलताएं। इन सब में “मोदी का असर” साफ दिखता है। मैंने हाल के चुनावों में जमीनी स्तर पर देखा कि पार्टी लीडर अपने इलाके में मोदी की रैली लगवाने के लिए कैसे लड़ते हैं, क्योंकि यह जीत का आसान रास्ता माना जाता है।

नरेंद्र मोदी बीजेपी के सबसे मजबूत हथियार हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री रहते उन्होंने मुख्यमंत्री के दिनों में सीखी कला को जारी रखा। जमीन से जुड़ना और अच्छे से सुनना। मुझे याद है, दो साल पहले मध्य प्रदेश के चुनावी इलाके में रिपोर्टिंग के बाद मोदी से मिला। उन्होंने मेरी जमीनी बातें धैर्य से सुनीं, और सिर्फ तब बोले जब मैंने बताया कि राज्य की महिलाएं हर महीने 1,200 रुपये खाते में मिलने से खुश हैं, लेकिन एलपीजी सिलेंडर की महंगाई से परेशान हैं, जो 1,200 रुपये ही पड़ता है। “हम दाम कम करेंगे,” उन्होंने कहा। एक महीने में केंद्र ने एलपीजी कीमतों में बड़ी कटौती की घोषणा कर दी।

निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बताया कि पीएम मोदी लंबे समय से उनसे “जीएसटी कट” पर काम करने को कह रहे थे, ताकि आम आदमी को राहत मिले। एक वरिष्ठ मंत्री ने बताया, कि आयुष्मान भारत मेडिकल इंश्योरेंस को 70 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए बढ़ाने का फैसला भी जमीनी बातों से आया। पीएम को पता चला कि मध्यम वर्ग के बुजुर्गों को प्राइवेट इंश्योरेंस मिलना या खरीदना मुश्किल है, और वे बच्चों पर बोझ नहीं डालना चाहते। यह उनकी ही उम्र के लोगों के प्रति उनकी दया थी, क्योंकि PM खुद 70 से ऊपर हैं।

क्यों बहुत नहीं, बहुत ज्यादा खास हैं मोदी?

लेकिन PM मोदी को सिर्फ सफलता या जमीनी जुड़ाव ही इतना खास नहीं बनाता। उनकी असली ताकत है, झटकों से उबरना और रास्ते की रुकावटों को हटाना। चाहे 2002 गुजरात दंगों के बाद उन पर काफी राजनीतिक दवाब बनाया गया। यहां तक कि इस मामले को राजनीतिक रंग दे भी दिया गया। इसी तरह 2012-2014 में उन्हें जानबूझकर कानूनी जाल में फंसाने की कोशिश की गई, ताकि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री न बनें। एक पूर्व सीबीआई चीफ (जो अब नहीं हैं) ने मुझे बताया था कि कैसे उन्होंने कुछ लोगों की चाल नाकाम की, जो मोदी को झूठे क्रिमिनल केस में फंसाना चाहते थे। यहां तक कि मोदी के सबसे करीबी, अमित शाह से CBI ने कहा था कि मोदी का नाम ले लो तो रिहा हो जाओगे। आप समझ सकते हैं कि विरोध की ऐसी कड़वी राजनीति किसी को भी तोड़ देती, लेकिन नरेंद्र मोदी नहीं टूटे।

ये मजबूती आती कहां से है?

यह मजबूत चरित्र आरएसएस के दिनों से आता है। वहां उन्होंने मुश्किल हालात में जीना और असंभव चुनौतियों का सामना करना सीखा। क्या आप जानते हैं कि 29 साल की उम्र में आरएसएस वर्कर नरेंद्र मोदी ने 1979 में गुजरात के मोरबी में बाढ़ वाले इलाके में एक महीने से ज्यादा बिताए? डैम टूटने से तबाही मच गई थी, और मोदी ने छह हफ्ते वहां कीचड़ साफ किया, मरे हुए जानवरों और सड़ते शवों को हटाया, और परिवारों के लिए अंतिम संस्कार किए। यह उनकी पहली आपदा प्रबंधन की मिसाल थी।

इमरजेंसी ने भी मोदी की मुश्किलों से निपटने की कला निखारी। इमरजेंसी के दिनों में नरेंद्र मोदी हमेशा दो या इससे ज्यादा गेट वाले घर में रहते थे, और गुप्त मीटिंग्स की हर छोटी डिटेल पर योजना बनाते थे? कभी वे सिख, स्वामी जी, अगरबत्ती बेचने वाले और पठान के भेष में घूमते थे? मोदी अलग-अलग रूप में यात्रा करते, कभी पुजारी बनकर, कभी अन्य कपड़ों में। एक दिन किसी संघ कार्यकर्ता के घर स्वामी जी के रूप में आए। वे जेल में बंद साथियों से मिलने भी इसी भेष में गए।

इमरजेंसी के दिनों में गिरफ्तारी से बचने के लिए नरेंद्र मोदी ने अक्सर सिख का रूप धारण किया। उनका भेष इतना सही था कि करीबी लोग भी पहचान न पाते। पुलिस फाइलों में मोदी का नाम बड़ा था, और गिरफ्तारी से बचना बड़ी चुनौती थी। लेकिन उन्होंने मौका लपका। वे एंटी-इमरजेंसी किताबों का प्रकाशन करके उन्हें गुजरात भर में बांटने का काम खुद संभालते थे।

ऐसे तजुर्बे बाद में 2001 कच्छ भूकंप के बाद प्रशासक बनने पर काम आए। 2006 में सूरत बाढ़ में मुख्यमंत्री के रूप में वे फिर जमीनी स्तर पर थे, और 2014 में कश्मीर बाढ़ में प्रधानमंत्री के रूप में पहुंचे। 2020 के कोविड संकट में मोदी देश के साथ खड़े रहे। पीएम मोदी की विदेश नीति दुनिया की नजर में है, क्योंकि जो बाइडन, डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेता उनकी विदेशी लोकप्रियता पर आश्चर्य करते हैं।

75 की उम्र में, और 11 साल प्रधानमंत्री रहने के बाद, मोदी को आराम का मन नहीं है। वे अटल हैं और नई चुनौतियों के लिए तैयार हैं।

अमन शर्मासीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स)

CNN News18 में सीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स) अमन शर्मा News18.com के ब्यूरो चीफ है. इन्हें PMO समेत देश की बड़ी राजनीतिक गतिविधियों की कवरेज का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है. राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी पकड़ रखते हैं...और पढ़ें

CNN News18 में सीनियर एडिटर (पॉलिटिक्स) अमन शर्मा News18.com के ब्यूरो चीफ है. इन्हें PMO समेत देश की बड़ी राजनीतिक गतिविधियों की कवरेज का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है. राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी पकड़ रखते हैं...

और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

September 17, 2025, 10:07 IST

homenation

बेमिसाल 75 साल: आखिर क्यों नरेन्द्र मोदी भारतीय राजनीति के शिखर पर हैं?

Read Full Article at Source