Last Updated:May 15, 2025, 11:57 IST
New Search Engine : बीते 3 दशक से इंटरनेट सर्च की दुनिया में बादशाहत कायम रखने वाली कंपनी गूगल को एक भारतीय ने कड़ी टक्कर देने की तैयारी बना ली है. इस भारतीय स्टार्टअप को अभी तक दुनिया के कई दिग्गजों से फंडि...और पढ़ें

गूगल के सर्च इंजन क्रोम को टक्कर देने के लिए कॉमेट बनाया जा रहा है.
हाइलाइट्स
गूगल को टक्कर देने आ रहा है नया भारतीय सर्च इंजन.Perplexity ने 50 करोड़ डॉलर की फंडिंग जुटाई.कॉमेट ब्राउजर जल्द ही लॉन्च होगा, गूगल क्रोम को देगा टक्कर.टेनई दिल्ली. बीते कई साल से दुनिया का इकलौता सर्च इंजन बना गूगल अब तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है. उसकी बादशाहत अब खत्म होने की कगार पर है. गूगल का मुकाबला करने के लिए जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी Perplexity ने 50 करोड़ डॉलर (करीब 4,400 करोड़ रुपये) की फंडिंग भी जुटा ली है. इस फंडिंग के बाद स्टार्टअप का मूल्यांकन 14 अरब डॉलर (करीब 1.20 लाख करोड़ रुपये) पहुंच जाएगा. इस स्टार्टअप को इंटरनेट सर्च की दुनिया में क्रांति लाने वाली सबसे संभावित AI कंपनियों में से एक माना जा रहा है.
Perplexity का लक्ष्य गूगल के दशकों से चले आ रहे इंटरनेट सर्च के प्रभुत्व को तोड़ना है और वर्तमान में यह अपने खुद के ब्राउजर कॉमेट (Comet) को लॉन्च करने की प्रक्रिया में है. कॉमेट को गूगल के सर्च इंजन क्रोम को टक्कर देने के लिए बनाया जा रहा है और यही कारण है कि इस प्रोजेक्ट ने दुनियाभर के दिग्गजों का ध्यान खींचा है. इसकी लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ती जा रही है और गूगल के लिए अब चुनौती बढ़ती जा रही है.
अब तक किसने लगाया पैसा
कॉमेट के लिए अब तक दुनिया के कई दिग्गजों ने निवेश किया है. इसमें Nvidia, SoftBank के Vision Fund 2, अमेजन के संस्थापक जेफा बेजोस, OpenAI के सह-संस्थापक आंद्रेज कारपेथी, Google AI के कार्यकारी अधिकारी Jeff Dean और Meta के Yann LeCun जैसे तकनीकी पायनियर्स ने भी फंडिंग की है. गूगल को इस नए सर्च इंजन से चुनौती मिलने के साथ ही यह कंपनी अमेरिका में प्रतिस्पर्धा विरोधी चुनौतियों का भी सामना कर रही है.
क्या है कंपनी की तैयारी
कंपनी के संस्थापक अरविंद श्रीनिवास ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि नई फंडिंग का उपयोग कंपनी के ब्राउजर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में किया जाएगा. यह स्टार्टअप बहुत जल्द कॉमेट नामक से नया एजेंटिक ब्राउजर लॉन्च करेगा. यह एक बहुत ही गंभीर इंजीनियरिंग प्रयास है. कृपया हमारे साथ जुड़ें और इंटरनेट ब्राउजिंग के भविष्य को बनाने में मदद करें, जहां एआई हमारे लिए गहन शोध और कार्य करेंगे.
क्रोम से ज्यादा एडवांस्ड इंजन
इस ब्राउजर में एजेंटिक एआई क्षमताएं और कुछ कार्यों को स्वचालित करने की क्षमता शामिल होने की संभावना है. कंपनी के संस्थापक अरविंद श्रीनिवास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा था कि यह ब्राउजर किसी पोस्ट का स्वचालित उत्तर भेज सकता है. Perplexity का मौजूदा AI प्लेटफॉर्म OpenAI के ChatGPT और चीन के DeepSeek जैसे बड़े भाषा मॉडल्स के साथ अपने उत्तरों को फाइन-ट्यून करता है. लिहाजा इसे इंटरनेट पर खोजने का एक भरोसेमंद तरीका माना जा रहा है. यह सेवा किसी भी प्रश्न के उत्तर का जल्द और छोटे उत्तर दे सकती है.
कैसे काम करता है मौजूदा सर्च इंजन
अभी चल रहे सर्च इंजन में एक प्रश्न के उत्तर में कई वेबसाइटों के लिंक मिलते हैं. AI-आधारित ब्राउजर से ऑनलाइन खोज के इस तरीके को बदलने की उम्मीद है. नया सर्च इंजन न केवल किसी प्रश्न का व्यक्तिगत और संक्षिप्त उत्तर देगा, बल्कि यूजर को ज्यादा प्रासंगिक जवाब देने के साथ उनके सवालों का सटीक जवाब दे सकेगा.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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