भारत हथियारों का बाजार, फ्यूजलाज निर्माण की तेज रफ्तार

1 month ago

Last Updated:March 10, 2025, 12:14 IST

INDIA DEFENCE INDUSTRIES: आत्मनिर्भर भारत के तहत प्राइवेट डिफेंस सेक्टर पर सरकार ने भरोसा जताया. फिलहाल उस भरोसे पर खरा उतरने के लिए कोशिश भी तेज की गई है. दुनिया के तमाम बड़े हथियार निर्माता कंपनियों ने भी भार...और पढ़ें

भारत हथियारों का बाजार, फ्यूजलाज निर्माण की तेज रफ्तार

फ्यूजलेज निर्माण में भारत सबसे आगे

हाइलाइट्स

भारत में फाइटर, हेलिकॉप्टर, ड्रोन का उत्पादन हो रहा है.एलसीए मार्क 1A का पहला रीयर फ्यूजलेज HAL को सौंपा गया.अपाचे हेलिकॉप्टर का फ्यूजलेज भारत में तैयार हो रहा है.

INDIA DEFENCE INDUSTRIES: भारतीय वायुसोना की ताकत में इजाफा करने के लिए सरकार ने रूट देसी लिया है. डीआरडीओ, एचएएल और देसी प्राइवेट कंपनियां तेजी से अपने काम को अंजाम दे रही है. उसी कड़ी में LCA मार्क 1 A का पहला रीयर फ्यूजलेज HAL को सौंपा गया. यह फ्यूजलेज नीजि कंपनी अल्फा टोकॉल इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में रविवार को HAL को हैंडओवर किया गया. इस मौके पर रक्षा मंत्री ने कहा कि हम सबके लिए बड़ी खुशी और गर्व का क्षण है कि हम पहले LCA Mk1-A रियर फ्यूजलेज की हैंडिंग ओवर कार्यक्रम पर यहां एकत्र हुए हैं. आज का दिन हमारी रक्षा उत्पादन क्षमता की एतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर है. उन्होंने विश्वास जताया है कि हमारे डिफेंस एंड एयरोस्पेस सेक्टर में जो एयरक्राफ्ट निर्मित हो रहा है, वह आने वाले समय में असीम ऊंचाइयों तक जाएगा. आज हमारी एयरफोर्स की ताकत बढ़ रही है,

जल्द पटरी में आएगी तेजस की डिलिवरी
फ्यूजलेज की उपलब्धता के बाद से तेजास का प्रोग्राम तेजी से आगे बढ़ेगा. तेजस के तीन वेरिएंट है पहला है तेजस मार्क -1, तेजस मार्क 1A और तेजस ट्रेनर एयरक्राफ्ट है. चौथे वेरिएंट यानी तेजस मार्क -2 जो कि सबसे एडवांसड वर्जन है उस पर काम जारी है. भारतीय वायुसेना की योजना है कि 18 स्केवाडर्न यानी की तकरीबन 324 एयरक्राफ्ट को शामिल करें ताकी मौजूदा फाइटर स्क्वॉड्रन की कमी को पूरा किया जा सके. फिलहाल तो 40 के करीब एयरक्राफ्ट भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गए है. दो स्क्वाड्रन अब तक स्थापित किए जा चुके है. स्वदेशी निर्मित 83 तेजस के लिए कारार पूरा हो गया. यह सभी 83 विमानों की डिलीवरी जल्द शुरू तैयार हो जाएंगे. इंजन ना मिलने के चलते तेजस MK-1A की सप्लाई में देरी हु़ई है. अब प्रॉडक्शन लाइन स्थिर हो रही है. रक्षा मंत्रालय को भरोसा है कि 2025-26 से तेजस की सप्लाई ओरिजिनल प्लान के हिसाब से हो सकेगी.  साल 2025-26 से हर साल 16-24 तेजस की प्रॉडक्शन कैपिसिटी होगी.  अमेरिका के पार्टनर जीई इंजन की भी सप्लाई लाइन स्टेबलाइज हो जाएगी.

क्या होता है फ्यूजलेज?
फ्यूजलाज एयरक्राफ्ट का मेन बॉडी सेक्शन होता है. कह सकते है कि यह एयरक्राफ्ट का एक फ्रेम है. जो पायलट, पैसेंजर और कार्गों को होल्ड करता है.सिंगल इंजन एयरक्राफ्ट में फ्यूजलेज ही इंजन को लगाया जाता है. रियर फ्यूजलेज एयर क्राफ्ट का पिछला हिस्सा है. जो टेल सेंक्शन और इससे जुड़े कॉंपोनेन्ट को सपोर्ट करता है. HAL 83 LCH मार्क 1A के निर्माण कर रही है. इसके मुख्य मॉड्यूल की डिलिवरी के लिए L&T,अल्फा टोकॉल, टाटा एंडवांस सिस्टम, वीईएम टेक्नॉलेजी जैसी कई प्राइवट कंपनियों को ऑर्डर दिए है.

अपाचे का फ्रेम भारत में ही होता है तैयार
भारत की तकनीक और क्षमता का तो अमेरीका भी लोहा मानता है. तभी दुनिया के सबसे खतरनाक हेलिकॉप्टर अपाचे का फ्यूजलेज भी भारत में ही तैयार हो रहा है. साल 2023 की जनवरी में ही टाटा एडवांसड सिस्टम लिमिटेड और बोईग के ज्वाइंट वेंचर टाटा बोईंग एरोस्पेस लिमिटेड ने सेना के पहले अपाचे का फ्यूजलेज यानी की फ्रेम सेना को हैंडओवर किया था. यह फैसेलिटी हैदराबाद में स्थित है. इसके बाद इसे अमेरिका के एरिजोना में बोईंग की फैसिलिटी में भेजा गया जहां दुनिया की तमाम आधुनिक तकनीक और वेपन सिस्टम से लेस कर के थलसेना को सौंप जाना है. इस फैसेलिटी ने अब तक 250 से ज्यादा फ्यूसलेज डिलिवर कर चुकी है. भारत और अमेरिका के बीच 39 AH 64 अपाचे हैलिकॉप्टर की खरीद को कैबिनेट कमेटी ने मंजूरी दी थी. मंजूरी के बाद साल 2015 में भारतीय वायुसेना के लिए 22 अपाचे की खरीद का करार हुआ था. जो की भारतीय वायुसेना को मिल चुके हैं जबकि 6 थलसेना के लिए लेने के लिए करार साल 2020 में किया गया अभी तक डिलिवरी में देरी हो रही है.

First Published :

March 10, 2025, 12:14 IST

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