मिग-21 रिटायर तो क्या हुआ? पाकिस्तान याद रख, IAF अब और भी घातक हो चुकी है...

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Last Updated:July 24, 2025, 22:39 IST

MIG 21 Retirement: भारत की वायुसेना मिग-21 को रिटायर करने जा रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वायुसेना कमजोर हो रही है. बल्कि यह एक नई शक्ति की शुरुआत है, जो पाकिस्तान और चीन को चुनौती देगी.

मिग-21 रिटायर तो क्या हुआ? पाकिस्तान याद रख, IAF अब और भी घातक हो चुकी है...तेजस, राफेल जैसे अपग्रेडेड फाइटर जेट्स के साथ भारत मजबूत स्थिति में है.

हाइलाइट्स

मिग-21 की विदाई से वायुसेना कमजोर नहीं होगी, बल्कि नई ताकत सामने आएगी.तेजस, राफेल और सुखोई जैसी एडवांस तकनीक से भारत की वायु शक्ति में इजाफा.पाकिस्तान को चुनौती, इंडियन एयरफोर्स अब और मजबूत, जवाब अलग होगा.

MIG 21 Retirement:इंडियन एयरफोर्स (IAF) सितंबर 2025 में अपने आखिरी मिग-21 फाइटर स्क्वाड्रन को रिटायर करने जा रही है. यह एक ऐसा फाइटर जेट जिसे कभी ‘फ्लाइंग कॉफिन’ कहा गया था. इस कदम ने एक बार फिर भारत की वायु शक्ति को लेकर आशंकाएं खड़ी कर दी हैं, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे दोहरी चुनौती वाले पड़ोसियों के संदर्भ में. लेकिन अगर कोई सोचता है कि मिग-21 के रिटायरमेंट से IAF कमजोर हो जाएगा, तो वह मुगालते में है. खासकर पड़ोसी देश पाकिस्तान. क्योंकि मिग-21 की विदाई IAF की कमजोरी नहीं, बल्कि एक नए, ज्यादा तेज, घातक और स्वदेशी ताकत की शुरुआत है.

भारतीय वायुसेना की वर्तमान फ्लीट में 522 फाइटर जेट्स हैं और स्क्वाड्रन संख्या अक्टूबर से घटकर 29 रह जाएगी. भले ही यह संख्या 42 स्क्वाड्रन की आवश्यकता से कम है. लेकिन गुणवत्ता और अपग्रेडेशन के मामले में भारत ने बीते दशक में जो योजनाएं बनाई हैं वे आने वाले सालों में निर्णायक रूप से असर दिखाएंगी.

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आत्मनिर्भरता की ओर जो रहा भारत
Tejas LCA Mark-1A और भविष्य के AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) जैसे कार्यक्रम भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे हैं. HAL द्वारा बनाए जा रहे तेजस मार्क-1A की डिलीवरी में भले ही देरी हो रही हो लेकिन भारत अमेरिका की GE कंपनी के साथ मिलकर F-414 इंजन का भारत में निर्माण करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है. यह इंजन तेजस मार्क-2 के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है.

मिग-21 की विदाई = रिस्क कम, ताकत ज्यादा
मिग-21 एक ऐसा फाइटर जेट था जिसने दशकों तक भारत की सुरक्षा में योगदान दिया. लेकिन इसके साथ जुड़ी क्रैश घटनाओं और पायलट हानियों ने इसे ‘फ्लाइंग कॉफिन’ की उपाधि दिला दी. अब जब इसे फेजआउट किया जा रहा है तो यह न केवल सुरक्षा की दृष्टि से सही कदम है, बल्कि यह IAF की प्रोफेशनल मेकओवर का हिस्सा भी है.

मिग-21 एक ऐसा फाइटर जेट था जिसने दशकों तक भारत की सुरक्षा में योगदान दिया.

पाकिस्तान से मुकाबला? भारत आज भी कई कदम आगे
पाकिस्तान के पास लगभग 450 फाइटर जेट्स और 25 स्क्वाड्रन हैं. भारत के पास फिलहाल 29 स्क्वाड्रन होंगे. संख्या में फर्क कम है, लेकिन क्वालिटी और तकनीकी दृष्टि से भारतीय वायुसेना बहुत आगे है.

पाकिस्तान के पास ज्यादातर चीनी मूल के जेट्स हैं जैसे JF-17 — जो खुद J-7 जैसे पुराने डिजाइन पर आधारित है. हाल के वर्षों में J-10C जैसे फाइटर जोड़े गए हैं, लेकिन इनकी वास्तविक क्षमता सीमित है. वहीं भारत के पास राफाल, सुखोई-30MKI, मिराज-2000, तेजस जैसे मिशन-रेडी, मल्टी-रोल और टेस्टेड एयरक्राफ्ट हैं. और हां, पाकिस्तान को यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत के पास एक मजबूत AEW&C (Airborne Early Warning & Control) नेटवर्क है, जो हवाई लड़ाई में एक निर्णायक लाभ देता है.

चीन का खतरा और भारत की तैयारी
चीन के पास करीब 1,200 फाइटर जेट्स और 66 स्क्वाड्रन हैं, जिनमें दो 5वीं जनरेशन फाइटर J-20 और J-31 शामिल हैं. भारत अभी 5वीं जनरेशन फाइटर पर काम कर रहा है AMCA, जिसकी टेस्टिंग और डिलीवरी में समय लगेगा.

लेकिन भारत के पास चीन की तुलना में अधिक यथार्थवादी ऑपरेशनल रणनीति है. गलवान के बाद भारत ने उत्तरी सीमा पर सुखोई और राफाल जैसे एयरक्राफ्ट की तैनाती तेज़ की है. साथ ही भारत की एयर डिफेंस कैपेबिलिटी, जैसे S-400 मिसाइल सिस्टम ने चीन की वायु शक्ति के लिए एक गंभीर बाधा खड़ी की है.

क्या ड्रोन से बदलेगी तस्वीर? नहीं, अभी नहीं
यूक्रेन युद्ध में ड्रोन का रोल देखने के बाद कई जानकार मानते हैं कि फाइटर जेट्स की भूमिका घट सकती है. लेकिन भारत का युद्ध परिदृश्य यूक्रेन से बिलकुल अलग है. यहां दो फ्रंट चीन और पाकिस्तान से खतरा है. ऐसे में भारी पेलोड, लंबी दूरी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर से लैस फाइटर जेट्स की जरूरत बनी रहेगी. भारत ड्रोन तकनीक पर काम कर रहा है, लेकिन यह अभी पूरक शक्ति है, मुख्य हथियार नहीं.

‘अबकी बार जवाब पुराना नहीं होगा, हमला नया होगा’
हकीकत ये है कि भारतीय वायुसेना केवल संख्या पर नहीं, कौशल, अपग्रेड और स्वदेशीकरण पर भरोसा कर रही है. मिग-21 की विदाई इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है. तो पाकिस्तान, ध्यान रहे… मिग-21 की रिटायरमेंट भारत की कमजोरी नहीं, उसके नए हमलावर अवतार की शुरुआत है. और जब जवाब आएगा, तो झटके में सब साफ हो जाएगा.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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