Last Updated:December 07, 2025, 11:41 IST
अब एक बार फिर से बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की गई है. बंगाल के बाद अब ग्रेटर हैदराबाद में बाबरी मस्जिद बनाने की तैयारी चल रही है.
अब इस शहर में बाबरी मस्जिद बनाने का ऐलान किया गया है. (सांकेतिक)तहरीक मुस्लिम शब्बन के प्रेसिडेंट मुश्ताक मलिक ने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद में बाबरी मस्जिद के निर्माण का ऐलान कर दिया है. उन्होंने इसके अंदर एक मेमोरियल और वेलफेयर इंस्टीट्यूशन बनाने का ऐलान किया है. यह बात मस्जिद गिराए जाने की 33वीं बरसी पर हुई एक पब्लिक मीटिंग के बाद कही गई. मलिक ने कहा कि हैदराबाद में एक रूटीन पब्लिक मीटिंग के साथ बरसी मनाई गई, जिसमें यह फैसला लिया गया.
उन्होंने कहा, ‘बाबरी मस्जिद गिराए जाने की 33वीं बरसी को देखते हुए, हैदराबाद में मस्जिद में एक रूटीन पब्लिक मीटिंग हुई. उस मीटिंग में हमने फैसला किया कि ग्रेटर हैदराबाद में बाबरी मस्जिद के लिए एक मेमोरियल बनाया जाएगा और उसके अंदर कुछ वेलफेयर इंस्टीट्यूशन भी बनाए जाएंगे. हम जल्द ही ऐलान करेंगे कि यह कैसे और कितने समय के लिए बनाया जाएगा.’
बाबर के नाम पर राजनीति नहीं
मलिक ने आगे कहा कि बाबर के नाम से किसी को परेशान नहीं होना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि यह मुद्दा पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. उन्होंने कहा, ‘बाबर के नाम से किसी को परेशान नहीं होना चाहिए. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनाने के लिए बाबर की तरफ से कोई रेवेन्यू आया था. हो सकता है कि किसी लोकल आदमी का नाम बाबर रखा गया हो, लेकिन BJP और RSS बाबर को मुद्दा बनाना चाहते हैं. बाबर का राज बहुत छोटा था.’
मुश्ताक मलिक (ANI)
बाबरी कब बनी?
उन्होंने आगे आरोप लगाया, ‘अगर हम तुलसीदास की रामायण देखें, तो वह बाबरी मस्जिद बनने के 60 साल बाद लिखी गई थी. उस रामायण में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि राम मंदिर तोड़ा गया था.’ उन्होंने आगे कहा कि बाद के मुगल शासकों ने भी धार्मिक रीति-रिवाजों को जारी रहने दिया.’
हिंदू ने बनाया था मंदिर
उन्होंने कहा, ‘बाबर के बाद हुमायूं का राज आया और उसके बाद अकबर का. अकबर के महल में रस्में और प्रार्थनाएं होती थीं. जोधाबाई अकबर के महल में थीं. रस्में, प्रार्थनाएं और हवन होते थे… उस समय तुलसीदास भी ज़िंदा थे. अकबर के समय में, तुलसीदास अकबर से बात कर सकते थे. मान सिंह उस समय आर्मी चीफ थे. वह उनसे पूछ सकते थे… तुलसी दास की रामायण में ऐसी कोई बात नहीं है.’
मुस्लिमों को बांटने की कोशिश
मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि इस मुद्दे का इस्तेमाल समुदायों को बांटने के लिए किया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘तो, यह देश को बांटने के लिए पॉलिटिकल प्रोपेगैंडा है. इससे हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और दलितों के बीच जो भाईचारा था, वह टूट गया है, और नफरत के बीज बोए गए हैं.
भाजपा का आरोप
इस बीच, BJP के नेशनल जनरल सेक्रेटरी तरुण चुघ ने मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सस्पेंड MLA हुमायूं कबीर पर तीखा हमला किया और आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी सरकार पॉलिटिकल फायदे के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रही है. चुघ ने ऐतिहासिक और धार्मिक भावनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत ‘बाबर के नाम पर कोई भी स्मारक कभी स्वीकार नहीं करेगा.’
भारत की नदियां लाल हो गई
उन्होंने कहा, ‘वही बाबर जो देश की संस्कृति को खत्म करने के मकसद से भारत आया था, उसे गुरु नानक साहिब ने जालिम कहकर बुरा-भला कहा था. उसने गंगा, यमुना और सरयू नदियों को हिंदू खून से लाल कर दिया था. भारत उसके नाम पर कोई भी स्मारक या चीज़ कभी स्वीकार नहीं करेगा.’
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दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
Location :
Hyderabad,Telangana
First Published :
December 07, 2025, 11:23 IST

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