मुस्लिमों को 4% ठेका आरक्षण! कर्नाटक में बिल फंसा, अब जाएगा राष्ट्रपति के पास?

1 day ago

Last Updated:May 30, 2025, 13:09 IST

Karnataka Muslim quota bill: कर्नाटक सरकार का मुस्लिमों को सरकारी ठेकों में आरक्षण देने वाला बिल राज्यपाल ने दोबारा खारिज किया. अब सरकार इसे राष्ट्रपति के पास भेजने पर विचार कर रही है. कोर्ट जाने का रास्ता फिलह...और पढ़ें

मुस्लिमों को 4% ठेका आरक्षण! कर्नाटक में बिल फंसा, अब जाएगा राष्ट्रपति के पास?

राज्यपाल ने दोबारा लौटाया मुस्लिम आरक्षण बिल

हाइलाइट्स

कर्नाटक सरकार मुस्लिम ठेका आरक्षण बिल को राष्ट्रपति के पास भेजेगी.राज्यपाल ने बिल को दूसरी बार अस्वीकार कर वापस कर दिया.सरकार ने कोर्ट जाने के बजाय वैकल्पिक संवैधानिक रास्ता अपनाया है.

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार और राज्यपाल के बीच मुस्लिम आरक्षण को लेकर फिर से टकराव की स्थिति बन गई है. राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने ‘कर्नाटक ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट (संशोधन) विधेयक, 2025’ को दूसरी बार लौटा दिया है. इस बिल में मुस्लिम समुदाय को सिविल कॉन्ट्रैक्ट्स में 4% आरक्षण देने का प्रस्ताव है. राज्यपाल ने इस बार साफ कहा है कि यह बिल सीधे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा जाए.

बिल में किन चीजों का प्रस्ताव है
इस बिल के तहत मुस्लिम समुदाय को 1 करोड़ रुपये तक के सरकारी ठेकों में 4% आरक्षण देने का प्रावधान है. इसके अलावा, एससी, एसटी और ओबीसी (कैटेगरी-I और II-A) को भी सरकारी टेंडरों में आरक्षण देने की बात कही गई है. यह विधेयक मार्च 2025 में राज्य विधानसभा से पास हुआ था.

सरकार ने कानूनी लड़ाई से किया किनारा
राज्य सरकार इस मामले में पहले कोर्ट जाने का मन बना रही थी, लेकिन संविधान विशेषज्ञों की सलाह के बाद सरकार ने कानूनी रास्ता छोड़ने का फैसला लिया. विशेषज्ञों ने कहा कि कोर्ट में जाने से मामला और उलझ सकता है, इसलिए राष्ट्रपति के पास भेजना ही बेहतर विकल्प होगा.

सीएम सिद्धारमैया लेंगे अंतिम फैसला
कानून मंत्री एचके पाटिल ने गुरुवार को इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों और कानूनी जानकारों के साथ बैठक करनी थी, लेकिन यह बैठक टाल दी गई. अब शुक्रवार को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में इस विषय पर अनौपचारिक बैठक होगी, जिसमें अगले कदम पर चर्चा की जाएगी.

बीजेपी ने बिल का विरोध किया था
बीजेपी ने इस बिल का कड़ा विरोध किया था. विपक्ष का कहना है कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संविधान के खिलाफ है. इसी आधार पर बीजेपी ने राज्यपाल से आग्रह किया था कि वह इस बिल को मंजूरी न दें. पहली बार भी राज्यपाल ने बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा था, लेकिन सरकार ने दोबारा बिना बदलाव के बिल वापस भेजा और विस्तृत तर्कों के साथ मंजूरी की मांग की.

अब क्या होगा अगला कदम
अब सरकार राष्ट्रपति के पास यह विधेयक भेजने की योजना बना रही है. माना जा रहा है कि अगर राष्ट्रपति इस पर सहमति देती हैं, तो राज्य में मुस्लिम समुदाय को सरकारी ठेकों में आरक्षण मिल सकता है. हालांकि विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर लगातार दबाव बना रहा है.

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Bangalore,Karnataka

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