Last Updated:March 04, 2025, 11:13 IST
Highest Paying Medical Courses: मेडिकल कोर्सेस काफी डिमांड में हैं. 12वीं पास करते ही स्टूडेंट्स मेडिकल कॉलेज में एडमिशन की तैयारी में जुट जाते हैं. कुछ तो 9वीं, 10वीं से ही नीट कोचिंग जॉइन कर लेते हैं. मेडिकल ...और पढ़ें

Highest Paying Medical Courses: मेडिकल की पढ़ाई करके विदेश में भी सेटल हो सकते हैं
हाइलाइट्स
मेडिकल कोर्सेस में एमबीबीएस सबसे ज्यादा कमाई वाला है.नीट पास करने के बाद मेडिकल कॉलेज में एडमिशन जरूरी है.मेडिकल करियर में देश-विदेश में नौकरी के अवसर हैं.नई दिल्ली (Highest Paying Medical Courses). मेडिकल का क्षेत्र बहुत विस्तृत है. इसमें एमबीबीएस, बीडीएस, आयुर्वेद, होम्योपैथी जैसे कई विकल्प हैं. आप आंखों के डॉक्टर बन सकते हैं, दांतों के, कान के, फिजिशियन, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ आदि. मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नीट पास करना जरूरी है. इसके बाद इसमें स्पेशलाइजेशन के लिए संबंधित विषय में मास्टर्स की डिग्री ले सकते हैं. मेडिकल का पेशा न सिर्फ सम्मानजनक है, बल्कि हाइएस्ट पेइंग करियर ऑप्शंस में भी शामिल है.
मेडिकल की पढ़ाई करके स्टूडेंट्स देश-विदेश में नौकरी कर सकते हैं. आप चाहें तो कुछ सालों का अनुभव लेकर अपना हॉस्पिटल या क्लिनिक भी खोल सकते हैं. मेडिकल के क्षेत्र में करियर ग्रोथ के बहुत अवसर हैं (Medical jobs salary in India). मेडिकल एजुकेशन में एमबीबीएस सबसे ज्यादा कमाई वाला करियर ऑप्शन है. यही वजह है कि लाखों युवा एमबीबीएस में एडमिशन के लिए कई बार नीट परीक्षा देते हैं. जानिए मेडिकल के सबसे ज्यादा कमाई वाले कोर्सेस.
Highest Paying Medical Courses: सबसे ज्यादा सैलरी वाले मेडिकल कोर्सेस
इन मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन लेकर आप कुछ सालों में करोड़पति बन सकते हैं (Top Medical Careers 2025). हालांकि कॉम्पिटीशन ज्यादा होने की वजह से दाखिला मिलना मुश्किल हो सकता है.
1. एमबीबीएस (MBBS – Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery)
अवधि: 5.5 साल (4.5 साल पढ़ाई + 1 साल इंटर्नशिप) सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 6-12 लाख रुपये प्रति साल (सरकारी/प्राइवेट अस्पतालों में)
विशेषज्ञता (MD/MS) के बाद: 20-50 लाख रुपये प्रति साल या इससे अधिक
विदेश में-USA, UK (High paying medical jobs abroad): $100,000-$300,000 प्रति साल (लगभग 80 लाख-2.5 करोड़ रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: सरकारी अस्पताल, प्राइवेट क्लिनिक, मेडिकल कॉलेज
विदेश: USA, UK, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया (USMLE, PLAB जैसे एग्जाम पास करने के बाद).
नोट: नीट (NEET) पास करना जरूरी है. इसके बाद MD/MS या सुपर-स्पेशलाइजेशन (DM/MCh) से सैलरी बढ़ सकती है (Medical course salary range).
2. बीडीएस (BDS – Bachelor of Dental Surgery)
अवधि: 5 साल (4 साल पढ़ाई + 1 साल इंटर्नशिप) सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 4-8 लाख रुपये प्रति साल
MDS के बाद: 10-25 रुपये लाख प्रति साल
विदेश में: $80,000-$150,000 प्रति साल (लगभग 65 लाख-1.2 करोड़ रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: डेंटल क्लिनिक, हॉस्पिटल, खुद की प्रैक्टिस
विदेश: USA, UAE, ऑस्ट्रेलिया
नोट: डेंटिस्ट्री में कॉस्मेटिक डेंटिस्ट्री और ऑर्थोडॉन्टिक्स जैसे क्षेत्रों में ज्यादा कमाई होती है.
3. बीएससी नर्सिंग (B.Sc Nursing)
अवधि: 4 साल सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 3-6 लाख रुपये प्रति साल
विदेश में (USA, UK, कनाडा): $50,000-$100,000 प्रति साल (लगभग 40-80 लाख रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: अस्पताल, नर्सिंग होम, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर
विदेश: USA, कनाडा, मिडिल ईस्ट (IELTS/NCLEX पास करना जरूरी)
नोट: विदेशों में नर्सों की भारी मांग है, खासकर महामारी के बाद।
4. बी.फार्मा (B.Pharma – Bachelor of Pharmacy)
अवधि: 4 साल सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 3-7 लाख रुपये प्रति साल
M.Pharma या फार्मास्युटिकल रिसर्च के बाद: 10-20 रुपये लाख प्रति साल
विदेश में: $60,000-$120,000 प्रति साल (लगभग 50-95 लाख रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: फार्मास्युटिकल कंपनियां (जैसे Sun Pharma, Cipla), रिसर्च लैब
विदेश: USA, जर्मनी, स्विट्जरलैंड (फार्मास्युटिकल हब)
नोट: ड्रग डेवलपमेंट और रिसर्च में जाने से सैलरी में बड़ा उछाल आता है.
5. बीपीटी (BPT – Bachelor of Physiotherapy)
अवधि: 4.5 साल (4 साल पढ़ाई + 6 महीने इंटर्नशिप) सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 3-6 लाख रुपये प्रति साल
MPT (मास्टर्स) के बाद: 8-15 लाख रुपये प्रति साल
विदेश में: $50,000-$90,000 प्रति साल (लगभग 40-75 लाख रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: हॉस्पिटल, स्पोर्ट्स क्लिनिक, रिहैब सेंटर
विदेश: USA, ऑस्ट्रेलिया, UK
नोट: स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपी और न्यूरोलॉजी में विशेषज्ञता से ज्यादा कमाई.
6. बीएससी मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (B.Sc MLT)
अवधि: 3-4 साल सैलरी:भारत में शुरुआती सैलरी: 2.5-5 रुपये लाख प्रति साल
मास्टर्स या अनुभव के बाद: 6-12 लाख रुपये प्रति साल
विदेश में: $40,000-$80,000 प्रति साल (लगभग 32-65 लाख रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: डायग्नोस्टिक लैब, अस्पताल, रिसर्च सेंटर
विदेश: USA, कनाडा, यूरोप
नोट: डायग्नोस्टिक इंडस्ट्री में तेजी से बढ़ती मांग.
7. एमडी/एमएस (MD/MS – Postgraduate Medical Courses)
अवधि: 3 साल (MBBS के बाद) सैलरी:भारत में: 20-50 लाख रुपये प्रति साल (स्पेशलिटी पर निर्भर)
सुपर-स्पेशलाइजेशन (DM/MCh) के बाद: 50 लाख-1 करोड़+ रुपये प्रति साल
विदेश में: $200,000-$500,000 प्रति साल (लगभग ₹1.6-4 करोड़ रुपये) जॉब लोकेशन:
भारत: मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल, खुद का क्लिनिक
विदेश: USA, UK, सिंगापुर
नोट: कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स जैसे क्षेत्र सबसे ज्यादा कमाई वाले हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
1- सैलरी निर्धारित करने वाले फैक्टर: अनुभव, स्पेशलाइजेशन, लोकेशन और संस्थान की प्रतिष्ठा.
2- विदेश में काम: इसके लिए आपको संबंधित देश की लाइसेंसिंग परीक्षा (जैसे USMLE, PLAB, NCLEX) पास करनी होगी.
भारत में लोकप्रिय शहर: दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई (प्राइवेट सेक्टर में ज्यादा सैलरी).
प्राइवेट प्रैक्टिस: MBBS, BDS जैसे कोर्सेस करने के बाद खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं. इसमें आय की कोई सीमा नहीं है.
First Published :
March 04, 2025, 11:13 IST