मैं पानी में कागज की नाव भी नहीं चलाउंगा... चाहे ट्रैफ‍िक में फंसा रहूं चाहे

1 month ago

Delhi Heavy Rain Update:द‍िल्‍ली में बुधवार शाम से जो बार‍िश हुई उससे द‍िल्‍ली तो पानी-पानी हुई पर मेरे जैसे द‍िल्‍लीवालों ने जो सड़क पर झेला है वो तो बद से बदतर था. तकरीबन छह क‍िलोमीटर का सफर तय करने में मेरे जैसे कई लोगों को ढाई घंटे से ज्‍यादा का समय लग गया. अगर मैं जाम में गाड़ी खड़ी करके पैदल भी चलता तो काफी पहले घर पहुंच जाता पर ऐसा कर न सका. उसका नतीजा ये हुआ क‍ि घंटों तक द‍िल्‍ली की सड़कों पर गाड़ी दौड़ता रहा क‍ि यहां से तो रास्‍ता खुला होगा.

Source: News18Hindi Last updated on:August 1, 2024 11:31 AM IST

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मैं पानी में कागज की नाव भी नहीं चलाउंगा... चाहे ट्रैफ‍िक में फंसा रहूं चाहे

द‍िल्‍ली में बुधवार शाम को हुई बार‍िश से ट्रैफ‍िक जाम का हुआ बुरा हाल

कहते हैं ज‍िस घर में मुख‍िया या बुजुर्ग नहीं होता है वो घर भगवान भरोसे होता है. कल रात जो मेरे साथ हुआ वो परेशानी द‍िल्‍ली के हजारों लोगों के साथ हुई होगी. फ‍िर लोगों ने कहा होगा द‍िल्‍ली तो भगवान भरोसे चल रही है. असल में द‍िल्‍ली में दो भाई हैं द‍िल्‍ली सरकार, केन्‍द्र सरकार और इसमें रहने वाले मेरे जैसे लोग इसका पर‍िवार हैं. पर दोनों भाइयों की लड़ाई में हर बार हम ऐसे प‍िसते हैं ज‍िसकी कोई हद नहीं है. द‍िल्‍ली वैसे तो कहने के ल‍िए देश की राजधानी है लेक‍िन यहां हालात क‍िसी कस्‍बे या गांव में एक साथ 100 गाड़‍ियां आने पर खराब हो जाते हैं उससे भी बदतर हो गए थे.

द‍िल्‍ली में बुधवार शाम से जो बार‍िश हुई उससे द‍िल्‍ली तो पानी-पानी हुई पर मेरे जैसे द‍िल्‍लीवालों ने जो सड़क पर झेला है वो तो बद से बदतर था. तकरीबन छह क‍िलोमीटर का सफर तय करने में मेरे जैसे कई लोगों को ढाई घंटे से ज्‍यादा का समय लग गया. अगर मैं जाम में गाड़ी खड़ी करके पैदल भी चलता तो काफी पहले घर पहुंच जाता पर ऐसा कर न सका. उसका नतीजा ये हुआ क‍ि घंटों तक द‍िल्‍ली की सड़कों पर गाड़ी दौड़ता रहा क‍ि यहां से तो रास्‍ता खुला होगा. ये वाला रास्‍ता ट्राई करता हूं जल्‍दी पहुंच जाऊंगा. पर कल लेफ्ट से लेकर राइट व‍िंग वाले सभी का सड़कों का एक जैसा ही हाल था. और ट्रैफ‍िक खुलवाने वाले लोग हां लोग. क्‍योंक‍ि द‍िल्‍ली पुल‍िस और ट्रैफ‍िक पुल‍िस तो मुझे लग रहा था क‍ि मौसम का मजा लेने के ल‍िए क‍िसी और देश में छुट्टी मनाने के ल‍िए न‍िकल गए हैं. ट्रैफ‍िक खुलवाने वाले लोग आपको बता रहे थे क‍ि यहां से न‍िकल जाएं आगे रास्‍ता खुला हुआ है. जैसे कोई नेता कह रहा हो इस बार हमें मौका दीज‍िए आपको सब कुछ फ्री में म‍िलेगा. फ‍िर क्‍या मुफ्त की ऐसी आदत लग गई है क‍ि हम भी चल द‍िए उस ओर.

फ‍िर क्‍या था इस मुफ्त की आदत ने जैसे ही हमें द‍िशा दी हम और हमारी ज‍िंदगी द‍िशाहीन लगने लगी. जहां भी जाओ वहां गाड़‍ियों की लाइन और ऊपर से गूगल देवी बता रही है क‍ि आप सबसे फास्‍टेस्‍ट रूट पर हैं. अब इसे कौन बताए क‍ि हम कब से उस पर ही तो हैं. पर ये रूट ऐसा है क‍ि हमें मंज‍िल तक नहीं ले जा पा रहा है. गाड़‍ियों में थोड़ा सा स्‍पेस म‍िलने पर दूसरे गाड़ी वाले से आगे न‍िकलने की ऐसी होड़ जैसे की चांद पर कदम रखने वाले को भी इतनी खुशी नहीं हुई होगी. फ‍िर लगा क‍ि कार में और ज‍िंदगी में अकेले सफर करने में सच में कोई मजा नहीं है. आप और आपकी तन्‍हाई कचोटती रहती है. जब आपके साथ कोई होता है तो आपकी ज‍िंदगी और कार का सफर मजे में कटता है आपको फोन के दूसरी तरफ और कार में म्‍यूज‍िक की कोई जरूरत महसूस नहीं होती है. यही वजह है कल टू व्‍हीलर में दो लोगों का कॉन्‍सेप्‍ट क्‍लीयर हो गया और कार में आगे दो सीटों ही होने का भी.

अब बात कर लेते हैं सरकारों की. एक बोलेंगे देखो इन्‍होंने द‍िल्‍ली को नरक बना द‍िया है. फ‍िर दूसरे बोलेंगे नरक तो ये पहले था हम तो स्‍वर्ग बना रहे हैं. हमने तो काम क‍िया है पर हमें काम करने ही कहां द‍िया जाता है. पर इस आरोप-प्रत्‍यारोप के बीच में द‍िल्‍ली पुल‍िस को बता देना चाहता हूं कल मैं जाम में क‍ितना भी परेशान हो गया हूं पर कार पानी में नहीं चलाई. आपको यह मजाक लग रहा होगा पर पानी देखकर मुझे हमेशा ओल्‍ड राजेंद्र नगर में उस ‘थार कार’ माल‍िक मनोज वाला केस याद आ जाता है. ज‍िसे द‍िल्‍ली पुल‍िस ने आरोपी बनाया पर कोर्ट ने भी उसे आरोपी मानते हुए उसके जमानत याच‍िका को खार‍िज कर द‍िया है. मुझे तो अब इतना डर लगने लगा है क‍ि कार क्‍या मैं अपने बेटे को पानी पर कागज की नाव न चलाने दूं. पता नहीं कब द‍िल्‍ली पुल‍िस का मन करें और वो केस बना दें. इनके कागज की नाव में जो कागज लगा था उसकी वजह से नाली चोक हुई और फ‍िर वहां पानी भर गया. उस पानी भरने की वजह से वहां एक कार वाले ने पानी पर कार चलाई और तब जाकर यह हादसा हुआ.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

ब्लॉगर के बारे में

अरुण बिंजोला

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First published: August 1, 2024 11:31 AM IST

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