जमुई झाझा इलाके के धमना के यज्ञ मेले से एक महिला के पशु प्रेम की तस्वीर सामने आई है. मेला क्षेत्र में गांव के यह महिला डॉगी को गोद में लेकर घूम रही थी. महिला की गोद में जो डॉगी था वह ना तो जर्मन शेफर्ड था और रॉस विलर वह देसी डॉगी को मेला घूम रही थी. आखिर वह चर्चा में क्यों आ गई इसकी पूरी रिपोर्ट आगे पढ़िये.
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जिले के बरहट के गूगलडीह इलाके की रहने वाली आंचल आर्या और उनके पति नीतीश कुमार का पशु प्रेम मेले में चर्चा का विषय बन गया. वैसे तो मेला में कई तरह के आकर्षक लगे थे गोद में किसी बच्चे की तरह डॉगी को लिए लिए घूमते देख महिला ही आकर्षण का केंद्र बन गई. महिला जिस तरफ जाती लोग उसे देखने के लिए लोग भी जुट जाते. दरअसल, झाझा प्रखंड के धमना में हो रहे महालक्ष्मी यज्ञ मेले में जब यह दंपति पहुंचे, तो उनके हाथों में एक देसी कुत्ते का नन्हा पिल्ला देखकर लोग हैरान रह गए. (फोटो-केसी कुंदन)
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आमतौर पर लोग मेले में अपने बच्चों या दोस्तों के साथ घूमते हैं, लेकिन आंचल आर्या अपने गोद में पिल्ले को लेकर घूम रही थीं, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया. आंचल आर्या ने बताया कि इस पिल्ले को उन्होंने सड़क से उठाकर अपना लिया और अब यह उनके परिवार का हिस्सा बन चुका है. (फोटो-केसी कुंदन)
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इस नन्हे पिल्ले का नाम उन्होंने ‘शेरू’ रखा है, और वे इसे अपने बच्चे की तरह पाल रही हैं. आंचल ने कहा, "शेरू सिर्फ एक पालतू जानवर नहीं, बल्कि हमारे परिवार का सदस्य है. हम इसे कहीं भी अकेला नहीं छोड़ सकते. मेले में यह महिला अपने डॉगी को कुछ करते और प्यार करती भी दिखी. (फोटो-केसी कुंदन)
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आंचल आर्या ने बताया कि इस डॉगी को उन्होंने सड़क से उठाकर अपना लिया और अब यह उनके परिवार का हिस्सा बन चुका है. इस नन्हे ‘शेरू’को अपने बच्चे की तरह पाल रही हैं. इसकी उम्र अभी मात्र डेढ़ महीने है. मेले में जब लोग इस दंपति कुत्ते के साथ घूमते हुए देख रहे थे, तो कुछ ने इसे अजीब समझा, लेकिन कई लोग उनके इस पशु प्रेम की तारीफ भी कर रहे थे. (फोटो-केसी कुंदन)
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पति नीतीश कुमार, जो बेंगलुरु में आरसीबी टीम के लिए टी-शर्ट बनाने का काम करते हैं, ने बताया कि उनकी पत्नी को जानवरों से खास लगाव है. उन्होंने कहा, "मैंने आंचल से कई बार कहा कि हम कोई विदेशी नस्ल का कुत्ता ला सकते हैं, लेकिन उन्हें देसी कुत्ते ही पसंद है.उन्होंने कहा कि यह जानवर भी प्यार और देखभाल के हकदार हैं, इसलिए हमें इन्हें अपनाना चाहिए. आंचल और नीतीश की यह सोच कि सड़क पर बेसहारा घूम रहे जानवरों की मदद करनी चाहिए. (फोटो-केसी कुंदन)
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मेले में आए लोगों को बहुत प्रभावित कर रही दंपती का मानना है कि हर किसी को ऐसे जानवरों की देखभाल करनी चाहिए, जो बेसहारा हैं और जिन्हें कोई अपनाने को तैयार नहीं होता. (फोटो-केसी कुंदन)
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जब मेले में कई लोग उन्हें घूर-घूर कर देखने लगे, तो आंचल ने मुस्कुराते हुए कहा, "लोगों का काम है देखना, हमें फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि हमें पता है कि हम सही कर रहे हैं. उनके इस जवाब ने वहां मौजूद कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया. (फोटो-केसी कुंदन)