Mossad new Chief: दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद को अपना नया कमांडर मिल गया है, जिनका नाम रोमन गोफमैन है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने इसी मिलिट्री सेक्रेटरी जनरल को मोसाद का अगला प्रमुख घोषित किया है. नेतन्याहू ने हाल ही में मेजर जनरल रोमन की नियुक्ति मोसाद के चीफ पद पर होने का ऐलान किया था. रोमन इजराइली डिफेंस फोर्स और यहूदियों के लिए एक सफल व्यक्ति हैं. ये फैसला लेने से पहले नेतन्याहू ने ताबड़तोड़ इंटरव्यू किए फिर चुना एक ऐसा नाम, जिसकी बहादुरी युद्ध के सात मोर्चों पर अपनी चमक बिखेर चुकी है. हमास से जंग में गोफमैन ने जो काबिलियत दिखाई, उसके बाद वो नेतन्याहू के करीबियों की सूची में टॉप पर पहुंच गए.
मोसाद का इतिहास
इजरायल की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को डेविड बेन गुरियोन के आदेश पर हुई थी. रोमन गोफमैन मोसाद के चौदहवें डायरेक्टर बनाए गए हैं. लेकिन इन सबके बीच रोमन गोफमैन की नियुक्ति को लेकर खूब चर्चा भी हो रही है.इजरायल में नेतन्याहू के फैसले पर उठ रहे सवालों के पीछे की पूरी वजह भी आपको बताएंगे.लेकिन उससे पहले आपको नए मोसाद चीफ रोमन गोफमैन के बारे में बताते हैं.
कौन हैं रोमन गोफमैन
रोमन गोफमैन इजरायली डिफेंस फोर्स का जाना माना नाम हैं.
.रोमन गोफमैन का जन्म 1976 में बेलारूस में हुआ था.
.गोफमैन 14 साल की उम्र में बेलारूस छोड़कर इजरायल आ गए थे.
.गोफमैन ने इजराइल में अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद 1995 में सेना ज्वॉइन की और लंबा करियर बनाया.
.7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमास के हमले के वक्त गोफमैन नेशनल इन्फ्रेंट्री ट्रेनिंग सेंटर के कमांडर थे.
.7 अक्टूबर 2023 को रोमन गाजा बॉर्डर के पास दक्षिणी इजरायल के शहर सेदरोत में हमास से युद्ध में गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
.उसके बाद गोफमैन अप्रैल 2024 में नेतन्याहू के ऑफिस कैबिनेट का हिस्सा बने.
.कहा जाता है कि गोफमैन ने सात मोर्चों पर युद्ध की रणनीति में मुख्य भूमिका निभाई है.
.गोफमैन का PMO यानी नेतन्याहू, मोसाद और IDF सभी से सीधा तालमेल रहा है. जिसके चलते उन्हे मोसाद का चीफ बनाया गया है.
फैसले पर सवाल
लेकिन गोफमैन की नियुक्ति के ऐलान के बाद से इजराइल में नेतन्याहू के फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है कि गोफमैन का इंटेलिजेंस में कोई बैकग्राउंड ना होना. इजरायली मीडिया के मुताबिक नेतन्याहू को मोसाद चीफ के लिए एजेंसी के बाहर से किसी को चुनने का मतलब है कि उन्होंने बार्निया के सुझाए गए दो कैंडिडेट को नजरअंदाज किया.
दुनिया के नक्शे में छोटा सा दिखने वाला इजराइल के लिए मोसाद एक बहुत बड़ी शील्ड है. माना जा रहा है गोफमैन के कमान संभालने के बाद मोसाद में नया दौर शुरू होगा. नई रणनीति बनेगी जो नए नेतृत्व के साथ काम करेगी. इसके पहले के चीफ का नाम सुनकर भी दुश्मन देशों के सेनाध्यक्षों की रूह कांपने लगती थी.
मोसाद चीफ की सूची
रोमन गोफमैन से पहले जो तेरह हेड थे उनमें रूवेन शिलोआ मोसाद के सबसे पहले निदेशक थे. जिन्होंने 1949 से 1953 तक अपनी सेवाएं दीं. दूसरे चीफ इस्सर हरेल थे. जो 1953 से 1963 तक एजेंसी के हेड रहे. तीसरे मोसाद डायरेक्टर मीर एमिट थे जो 1963 से 1968 तक मोसाद के डायरेक्टर थे. चौथे चीफ थे ज़वी ज़मीर जो 1968 से 1973 तक मोसाद के टॉप कमांडर थे. मोसाद के पांचवे डायरेक्टर थे यित्ज़ाक होफी. जिन्होंने 1973 से 1982 तक मोसाद की कमान संभाली. नहूम अदमोनी ने 1982 से 1989 तक मोसाद के छठवें निदेशक के तौर पर कमान संभाली. सातवें की बात करें तो शबताई शावित 1989 से 1996 तक मोसाद के निदेशक बने. आठवें मोसाद डायरेक्टर के तौर पर डैनी याटोम ने 1996 से 1998 तक अपनी सेवाएं दीं. मोसाद के नौवें चीफ एफ़्रैम हेलेवी थे, जिन्होंने 1998 से 2002 तक इस पद पर रहे. दसवें निदेशक के चौक रक मीर डेगन थे, जो 2002 से 2011 तक मोसाद के चीफ रहे. आगे ये जिम्मेदारी तामिर पार्डो को मिली जिन्होंने 2011 से 2016 तक मोसाद के चीफ के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाई. मोसाद के बारहवें डारयेक्टर योसी कोहेन थे जो 2016 से 2021 तक पद पर रहे. वर्तमान में डेविड बार्निया मोसाद चीफ हैं जो 2021 से इस पद पर हैं और अगले साल जून में उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है.

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