Last Updated:July 14, 2025, 18:24 IST

निमिषा प्रिया को यमन ने मौत की सजा सुनाई है.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यमन में केरल की नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती. अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच के सामने कहा कि इस मामले में सरकार ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं है. जितनी कोशिश की जा सकती थी, सरकार ने उतनी की. यमन दुनिया के दूसरे देशों जैसा नहीं है. ब्लड मनी पूरी तरह से निजी समझौता है.
अटॉर्नी जनरल ने आगे कहा, “एक दायरे के तहत भारत सरकार जहां तक जा सकती है, हम वहां तक गए हैं. यमन दुनिया के किसी भी दूसरे हिस्से जैसा नहीं है. हम सार्वजनिक रूप से बात करके स्थिति को और जटिल नहीं बनाना चाहते. हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं. कुछ शेख और वहां के प्रभावशाली लोगों के जरिए ये सब किया जा रहा है.” उन्होने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति को जटिल नहीं करना चाहती और निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने बताया कि सरकार ने यमनी अधिकारियों से फांसी की सजा को टालने का अनुरोध किया था, लेकिन कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला.
एजी वेंकटरमणी ने कहा, “हमें अनौपचारिक रूप से सूचना मिली थी कि फांसी को कुछ समय के लिए रोका जा सकता है, लेकिन यह काम करेगा या नहीं, यह पक्का नहीं है.” जस्टिस नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल’ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें विदेश मंत्रालय से निमिषा की फांसी रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयास करने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया कि शरिया कानून के तहत ‘दिया’ (खून का पैसा) देकर मौत की सजा को टाला जा सकता है.
भारतीय नागरिक निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो मेहद की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. वे पिछले तीन साल से जेल में है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यमनी राष्ट्रपति राशद अल-अलीमी के आदेश के बाद उनकी फांसी बुधवार को हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने विदेशी देश में फांसी रोकने का आदेश देने में असमर्थता जताते हुए मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 जुलाई तय की है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र से उस तारीख को नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वे निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों के जरिए हस्तक्षेप करें. निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी (57) अपनी बेटी की सजा माफ कराने के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. उन्होंने पीड़ित परिवार को खून का पैसा देने के लिए सना की यात्रा भी की है. उनके प्रयासों को यमन में रहने वाले एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं के समूह ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ का समर्थन प्राप्त है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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