Japan tourism tax: ओवरटूरिज्म की समस्या से निपटने के लिए जापान सरकार पर्यटकों से वसूले जाने वाले कर को बढ़ाने की योजना बना रही है. अभी तक जापान से बाहर जाने वाले यात्रियों से 1,000 येन (करीब 6.64 डॉलर) शुल्क लिया जाता है. लेकिन इसे बढ़ाकर 5,000 येन (करीब 33.20 डॉलर) करने पर विचार किया जा रहा है. सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी इस प्रस्ताव पर चर्चा कर रही है और इस अतिरिक्त आय को सही तरीके से खर्च करने के तरीकों पर विचार कर रही है.
पांच गुना वृद्धि को लेकर चिंतित..
सरकार का यह कदम ऑस्ट्रेलिया और मिस्र जैसे देशों की नीतियों से प्रेरित बताया जा रहा है. जो 7,000 येन और 3,750 येन का कर वसूलते हैं. हालांकि जापान का पर्यटन उद्योग इस कर में पांच गुना वृद्धि को लेकर चिंतित है. विशेषज्ञों का मानना है कि ओवरटूरिज्म एक गंभीर समस्या है. लेकिन इसका समाधान केवल टैक्स बढ़ाने से नहीं किया जा सकता. कीओटो स्थित Cerca Travel Co. के निदेशक केई तमुरा का कहना है हम जानते हैं कि कुछ शहरों में कुछ विशेष मौसम में भीड़ अधिक हो जाती है, लेकिन यह सबसे उपयुक्त समाधान नहीं है.
यात्रियों के लिए नकारात्मक..
तमुरा ने यह भी कहा कि कुछ देशों में सीमा पर टैक्स वसूलने का अनुभव यात्रियों के लिए नकारात्मक हो सकता है. उन्होंने बताया कि एक दक्षिण पूर्व एशियाई देश में इसी तरह का कर चुकाने के बाद उन्हें अच्छा महसूस नहीं हुआ था. उनका मानना है कि यात्रा के अंत में इस तरह का अनुभव यात्रियों के लिए खराब यादगार बन सकता है.
जापान ने वित्तीय वर्ष 2023 में इस "एक्ज़िट टैक्स" से 39.9 अरब येन (करीब 264.9 मिलियन डॉलर) की आय अर्जित की. जो पिछले वर्ष की तुलना में तीन गुना अधिक थी. यह राशि मुख्य रूप से पर्यटन को बढ़ावा देने और बड़े रिसॉर्ट्स के विकास के लिए खर्च की जाती है. अनुमान है कि 2024 में जापान में 40 मिलियन पर्यटक आएंगे जो पिछले रिकॉर्ड 36.9 मिलियन से अधिक होगा. सरकार का लक्ष्य 2040 तक यह संख्या 60 मिलियन तक पहुंचाने का है. जिससे पांच गुना कर वृद्धि से लगभग 300 अरब येन (करीब 1.99 बिलियन डॉलर) की अतिरिक्त कमाई हो सकती है.
बढ़ती भीड़ एक बड़ी समस्या...
हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि यह पैसा सही तरीके से खर्च किया जाना चाहिए. टोक्यो ओसाका और हिरोशिमा जैसे शहरों में बढ़ती भीड़ एक बड़ी समस्या बन रही है. पर्यटन विश्लेषक एश्ले हार्वे का मानना है कि सरकार को केवल छोटे छोटे उपायों के बजाय एक व्यापक योजना बनानी होगी. उनका सुझाव है कि सरकार को एक स्वतंत्र एजेंसी बनानी चाहिए जो पर्यटन नीतियों को सही दिशा में ले जाए. उन्होंने कहा सिर्फ कर बढ़ाना और वादे करना काफी नहीं होगा. अगर इस पर सही कदम नहीं उठाए गए तो ओवरटूरिज्म की समस्या और भी गंभीर हो जाएगी.