Last Updated:April 18, 2025, 17:37 IST
AI Teacher, Uttarakhand News: अगर आपसे कोई कहे कि एक सरकारी स्कूल में बच्चों को AI रोबोट टीचर पढ़ा रही है, तो शायद आपको भरोसा नही होगा, लेकिन ये सच है. हम आपको देश के एक ऐसे स्कूल के बारे में बताने जा रहे है...और पढ़ें

AI Teacher, AI in education, Uttrakhand News: उत्तराखंड के स्कूल में AI टीचर.
हाइलाइट्स
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में AI टीचर Eco पढ़ा रही है.चंद्रशेखर जोशी ने 4 लाख रुपये में AI टीचर Eco बनाई.देश में AI टीचर वाला पहला सरकारी स्कूल.AI Teacher: उत्तराखंड का पिथौरागढ़.यहां नेपाल बॉर्डर से सटे एक गांव है जाजर चिंगरी. इस गांव के सरकारी प्राइमरी स्कूल में AI टीचर सबके लिए आश्चर्य का विषय बन गई है. बच्चे तो बच्चे बूढ़े तक AI रोबोट टीचर को देखने जा रहे हैं. यहां बच्चों को एक AI रोबोट टीचर पढ़ा रही है, जिसका नाम Eco है. संभवत:यह देश का पहला सरकारी स्कूल है,जहां AI टीचर बच्चों को शिक्षा दे रही है.
कहां से आई ये टीचर
जाजर चिंगरी, पिथौरागढ़ से 40 किमी दूर, एक ऐसा इलाका है जहां 5G तो दूर, 4G सिग्नल भी मुश्किल से मिलता है.फिर भी यहां AI रोबोट टीचर का एक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाना आश्चर्यजनक है.अब सवाल यह उठता है कि एक प्राइमरी स्कूल में AI रोबोट टीचर की एंट्री हुई कहां से? तो आपको बता दें कि इस पहल के पीछे स्कूल के ही एक टीचर चंद्रशेखर जोशी हैं, जिन्होंने अपने दम पर AI रोबोट टीचर का सपना साकार किया है. जोशी ने 4 लाख रुपये की लागत से AI टीचर Eco को तैयार किया. यह रोबोट हर सवाल का तुरंत जवाब देता है और स्कूल के बरामदे में बच्चों को पढ़ाता है, जहां इंटरनेट सिग्नल थोड़ा बेहतर है.
कहां से आया ये आइडिया
चंद्रशेखर जोशी को यह आइडिया चीन में रहने वाले एक इंजीनियर दोस्त से मिला. जोशी ने बताया कि उनके दोस्त ने ही तीन पैकेज में रोबोट के पुर्जे भेजे और व्हाट्सएप के जरिए इसे असेंबल करने में मदद की. जोशी की मेहनत ने न सिर्फ गांव के बच्चों का भविष्य रोशन किया, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया.जाजर चिंगरी का यह छोटा सा स्कूल अब पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है.जानकारों का कहना है कि यह प्रयोग देश भर में शिक्षा की दिशा बदल सकता है.यह AI टीचर उन स्कूलों के लिए वरदान साबित हो सकता है,जहां शिक्षकों की कमी है.
First Published :
April 18, 2025, 16:50 IST