मुंबई. महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जबरदस्त जुबानी जंग शुरू हो गई है. दोनों तरफ से एक से बढ़कर एक बयानों के बाण छोड़े जा रहे हैं. इस लड़ाई में कोई भी पार्टी उन्नीस नहीं रहना चाहती है. अपने आपको बीस साबित करने के चक्कर में पार्टियां राजनीतिक मर्यादाएं भी लांघने लगी हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान से जो सिसायत शुरू हुई थी, वह अब कुत्ता, चोर, लुटेरा, औरंगजेब और आतंकवादी तक पहुंच चुकी है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का सीएम योगी की भाषा की एक आंतकी से तुलना करना बता रहा है कि कांग्रेस में बौखलाहट है और बीजेपी ने अपना एजेंडा सेट कर दिया है. सीएम योगी के इस बयान के बाद विपक्ष के साथ-साथ देवेंद्र फडणवीस और हिमंता बिस्व सरमा जैसे नेता भी महाराष्ट्र और झारखंड में एक अलग नैरेटिव सेट करने में लग गए हैं.
दरअसल, तीन महीने पहले ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगरा की एक सभा के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म को लेकर ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाला बयान दिया था. तब सीएम योगी को भी शायद पता नहीं होगा कि यह बयान आने वाले दिनों में भारत की राजनीति को नई दिशा और धार दे सकती है. योगी के इस बयान को न केवल आरएसएस, बल्कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे दिग्गज नेताओं ने भी स्वीकार कर लिया. पीएम मोदी ने कई मौकों पर अलग-अलग संदर्भों से जोड़कर ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान को दोहराया है.
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान के समर्थन में अब तो पूरी बीजेपी आ गई है.
योगी के ‘धुन’ पर नाच रहे हैं पक्ष-विपक्ष
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान के समर्थन में अब तो पूरी बीजेपी आ गई है. झारखंड बीजेपी प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा तो इस बयान को पहले से ही झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठिये के खिलाफ प्रमुख हथियार बना रखा है. लेकिन, सीएम योगी के महाराष्ट्र में चुनावी सभाओं के बाद इस बयान पर बवाल मचा हुआ है. योगी की इस बयान की अहमियत यह है कि अजित पवार के ऐतराज को भी बीजेपी ने तवज्जो नहीं दिया. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने इसे अब अपना प्रमुख अस्त्र बना लिया है. फडणवीस तो अपनी सभाओं में इस बयान की आड़ में असदुद्दीन ओवैसी पर खूब हमला कर रहे हैं. इससे वोटों का ध्रुवीकरण होने की संभावना बढ़ गई है, जिससे बीजेपी को फायदा पहुंच सकता है.
कांग्रेस की बौखलाहट या फिर कोई चाल?
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की बीते दो दिनों में सीएम योगी पर दो बार हमला बताता है कि कांग्रेस में बौखलाहट शुरू हो गई है. खरगे ने महाराष्ट्र की रैली में रविवार को सीएम योगी को गेरुआ वस्त्र त्यागकर खाकी वस्त्र पहनने की सलाह दी. वहीं, सोमवार को सीएम योगी की भाषा को ‘एक आतंकी की भाषा’ बताकर तूफान मचा दिया. महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ तो एक कदम आगे बढ़ गए और बीजेपी को ‘कुत्ता’ बनाने की बात करने लगे. ऐसे में सवाल उठता है कि सीएम योगी के इस बयान के बाद विपक्षी नेता अभद्र भाषा का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं? क्या बीजेपी के गेम प्लान में कांग्रेस फंस गई है? महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस और झारखंड में हिमंता बिस्वा सरमा ने जो पिच तैयार किया था, क्या उसी पिच पर अब कांग्रेस भी बैटिंग करने लगी है?
खरगे की बीते दो दिनों में दो बार योगी पर हमला बताता है कि कांग्रेस में बौखलाहट शुरू हो गई है.
महाराष्ट्र और झारखंड की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार नीरज कुमार कहते हैं. ‘देखिए, यह बीजेपी के गेम प्लान का हिस्सा है. बीजेपी पूर्व के चुनावों में भी कांग्रेस पार्टी को इसी तरीके से अपने एजेंडे में फंसा चुकी है. योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नारे के जरिए हिंदू वोट बैंक में विभाजन को रोकने की कोशिश हो रही है. बीजेपी पूरी तरह समझ चुकी है कि जातीय राजनीति की वजह से उसे महाराष्ट्र और झारखंड में साल 2024 के लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था. बीजेपी उस गलती को इस चुनाव में दोहराना नहीं चाहती है और हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने के लिए योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले नैरेटिव को पूरी तरह सेट करने में जुट गई है. बीजेपी को यह काफी सूट कर रहा है. लेकिन, विपक्ष खासकर कांग्रेस भी समझ गई है बीजेपी को अब उसी के अंदाज में जवाब देना है.’
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FIRST PUBLISHED :
November 12, 2024, 15:40 IST