'रहने लायक नहीं बेंगलुरू', खराब रोड-ट्रैफिक जाम से तंग दिग्गज कंपनी की घोषणा

3 hours ago

Last Updated:September 17, 2025, 10:55 IST

Bengaluru News: BlackBuck ने बेंगलुरु के ORR से ऑफिस शिफ्ट करने का फैसला किया है. कंपनी के चीफ राजेश यबाजी ने इसके लिए खराब सड़कें और ट्रैफिक को जिम्मेदार ठहराया. मोहन दास पाई और किरण मजूमदार शॉ ने भी इसके लिए सरकार को घेरा है.

'रहने लायक नहीं बेंगलुरू', खराब रोड-ट्रैफिक जाम से तंग दिग्गज कंपनी की घोषणाबेंगलुरु की सड़कें और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह चरमरा गई है.

Bengaluru News: भारत की सिलिकॉन वैली कहे जाने वाले बेंगलुरु की सिविक समस्याओं ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं. खराब रोड, ट्रैफिक जाम और जल जमाव की समस्या से यहां के लोग और कंपनियां तंग आ चुकी हैं. ऐसे में अब उनका इस शहर से मोहभंग भी होने लगा है. इसकी शुरुआत भी हो गई है. लॉजिस्टिक्स टेक प्लेटफॉर्म ब्लैकबक (BlackBuck) के को-फाउंडर राजेश यबाजी ने शहर के आउटर रिंग रोड (ORR) से अपनी कंपनी को बाहर ले जाने का ऐलान कर दिया है. यबाजी ने खराब सड़कों, गड्ढों और भारी ट्रैफिक को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि ऑफिस आने जाने में उनके कर्मचारियों को औसतन रोज तीन घंटे का समय लगता है. पूरी सड़क धूल और मिट्टी से भरी है. वह हर जगह टूटी हुई है. ऐसे में अब यहां से कामकाज जारी रखना बहुत मुश्किल है.

उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा- सड़कें गड्ढों और धूल से भरी हैं और इन्हें ठीक करने का कोई इरादा नहीं दिख रहा है. अगले पांच सालों में बदलाव की उम्मीद नहीं है. यह कंपनी पिछले नौ सालों से बेल्लंदूर इलाके में स्थित है. अब वह ORR से बाहर शिफ्ट हो रही है. उनके इस पोस्ट से हंगामा मच गया है. एक्स पर कई लोग इसके लिए बेंगलुरु के प्रशासन और कर्नाटक सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

बेंगलुरु की समस्या

ब्लैकबक का यह फैसला बेंगलुरु की बढ़ती इंफ्रास्ट्रक्चर समस्याओं का ताजा उदाहरण है, जहां ट्रैफिक जाम, गड्ढों और बाढ़ जैसी मुश्किलें रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा हैं. ब्लैकबक ट्रकिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की एक प्रमुख कंपनी है. उसका यह कदम अन्य कंपनियों के लिए चेतावनी साबित हो सकता है. यबाजी के बयान ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी, जहां कई यूजर्स ने शहर की सड़कों की दुर्दशा पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा- अगर कंपनियां भाग रही हैं, तो टैक्स देने का क्या फायदा? बेंगलुरु की सड़कें देश में सबसे खराब मानी जाती हैं, जहां 2024 में एक इंडेक्स ने इसे ट्रैफिक के मामले में तीसरे सबसे खराब शहर का दर्जा दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक गट्टाहल्ली रोड जैसी टेक कॉरिडोर की सड़कें करीब 10 साल से खराब हैं और मरम्मत से भी गड्ढे ठीक नहीं हो रहे हैं.

दिग्गजों के निशाने पर राज्य सरकार

इस घटना पर इंफोसिस के पूर्व सीएफओ मोहन दास पाई ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने X पर ट्वीट करते हुए इसे बेंगलुरु में गवर्नेंस की बड़ी असफलता करार दिया. पाई ने मिनिस्टर डीके शिवकुमार, मुख्यमंत्री, जीबीए चीफ कमिश्नर, प्रियंक खरगे और सांसद पीसी मोहन को टैग करते हुए लिखा- कंपनियां ORR से बाहर जा रही हैं. स्थिति उम्मीद से परे है. कृपया हस्तक्षेप करें. पाई का ट्वीट वायरल हो गया और इंडस्ट्री लीडर्स ने इसे सपोर्ट किया. बायोकॉन की किरण मजूमदार शॉ ने भी इमरजेंसी मेजर्स की मांग की. वह लिखती हैं कि निवासियों की शिकायतें जैसे स्ट्रीट प्रोटेस्ट्स अब अनसुनी नहीं रह सकतीं.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं सुधरा तो टैलेंट और कंपनियां अन्य शहरों की ओर रुख करेंगी. सरकार ने गड्ढों को भरने के लिए डेडलाइन दिए हैं, लेकिन रेजिडेंट्स का कहना है कि यह पर्याप्त नहीं. ब्लैकबक का एग्जिट बेंगलुरु के लिए वेक अप कॉल है, जहां बेहतरीन टैलेंट और मौसम के बावजूद इंफ्रा की कमी शहर की ग्रोथ को बाधित कर रही है.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

September 17, 2025, 10:53 IST

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