राजस्थान में जड़ें जमा रहा था अल कायदा, आतंकियों ने किराये पर ले रखे थे कमरे

3 weeks ago
सारेकलां गांव की इस बिल्डिंग में कुल 120 कमरे हैं और यहां सभी किराएदार  बिना किसी आईडी के रह रहे हैं.सारेकलां गांव की इस बिल्डिंग में कुल 120 कमरे हैं और यहां सभी किराएदार बिना किसी आईडी के रह रहे हैं.

अलवर. भिवाड़ी के चौपानकी थाना इलाके में आतंकवादी संगठन अल कायदा के ट्रेनिंग कैम्प का खुलासा होने के बाद अब इसमें बड़ा अपडेट सामने आया है. यहां से पकड़े गए 6 संदिग्ध आतंकवादी सारेकलां गांव में मजदूरों के लिए बने आवासीय कॉम्प्लेक्स में दो कमरों में किराए पर रहते थे. उन्होंने ये कमरे 2 महीने पहले ही किराए लिए थे. ये लोग अक्सर अपने कमरों के गेट बंद रखते थे. आसपास रहने वाले लोगों से कोई संबंध नहीं रखते थे. किसी से बातचीत भी नहीं करते थे. वे कब आते थे और कब जाते थे पड़ोसियों को भी भनक तक नहीं लग पाती थी.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से इस पूरे मामले के खुलासे के बाद अब स्थानीय पुलिस ने भी जांच पड़ताल तेज कर दी है. इस दौरान सामने आया कि अल कायदा आतंकी मॉड्यूल के 6 संदिग्ध आरोपियों ने सारेकलां गांव में 2 कमरे किराए पर ले रखे थे. उन्होंने ये कमरे चोपानकी थाने से महज 600 मीटर दूरी पर स्थित सारेकलां गांव में बने आवासीय कॉम्प्लेक्स में ले रखे थे. वहां कमरा नंबर 83 और 84 में ये रहते थे. उन्होंने ये कमरे 3 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से किराए पर ले रखे थे.

बिल्डिंग में कुल 120 कमरे हैं
इस बिल्डिंग में कुल 120 कमरे हैं. संदिग्ध आतंकियों के ये कमरे बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर स्थित है. पुलिस जब उनके कमरा नंबर 83 में पहुंची तो वहां कुछ खास सामान नहीं मिला. दिल्ली पुलिस ने इन कमरों को सील नहीं किया है. 83 नंबर के कमरे में एक जोड़ी जूते, एक जोड़ी चप्पल, पानी की पांच खाली बोतलें, भीगे हुए चने, बिरयानी के चावल, प्लेट, पांच तकिए और गद्दे पड़े हुए मिले हैं. इसके अलावा कमरे के बाथरूम में एक बाल्टी और मग मिला है.

यहां कमरे बिना आईडी के ही किराए पर दिए हुए हैं
रसोई में खाना बनाने का कोई सामान नहीं था. इससे जाहिर है के वे खाना बाहर से लेकर खाते थे या बाहर ही खाकर आते थे. संदिग्धों के दूसरे कमरा नंबर 84 में एक जोड़ी चप्पल के अलावा कुछ नहीं था. इस बिल्डिंग में ज्यादातर में फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर ही रहते हैं. कॉम्प्लेक्स संचालकों ने किराए पर रहने वाले किसी भी किरायेदार का पहचान पत्र नहीं ले रखा है. बिल्डिंग के अधिकांश कमरे बिना आईडी के ही किराए पर दिए हुए हैं.

किसी भी किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन नहीं है
किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया है. वहां सुरक्षा के मानदंडों का कोई पालन नहीं किया जा रहा है. फायर सेफ्टी सिस्टम और सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगाए हुए हैं. लेबर के लिए बनाए गए ये कॉम्पलेक्स सुरक्षा की दृष्टि से बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं. इन कमरों के आस-पास रहने वाले लोगों ने संदिग्ध आतंकियों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से अनभिज्ञता जाहिर की है. केयर टेकर और दुकानदार निजामुद्दीन ने बताया आरोपियों ने दो महीने के लिए 3 हजार रुपए में कमरा किराए पर लिया था. उन्होंने उन लोगों के चाल चलन पर कभी ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उनके कमरे अक्सर बंद ही देखे गए हैं.

Tags: Al Qaeda terrorist organization, Alwar News, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED :

August 24, 2024, 10:48 IST

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