Deepfake of Indonesia President: नई तकनीक जहां लोगों के काम को आसान करती हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोगों के मुसीबत भी बनकर आ जाती है. कम जानकार लोगों से पैसे ऐंठने के लिए लोग नई-नई तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसकी हालिया मिसाल इंडोनेशिया में देखने को मिली है, जहां राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के नाम पर ही लोगों से भारी-भरकत रकम वसूल कर ली गई है. इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए इस वीडियो में प्रबोवो पारंपरिक काले कपड़े पहने हुए हैं और लोगों से पूछ रहे हैं कि वे उनकी क्या मदद कर सकते हैं. किसे मेरी मदद नहीं मिली? आपको अभी क्या जरूरत है?'
लोगों से मांग रहे हैं फीस
हालांकि यह राष्ट्रपति प्रबोवो का यह वीडियो नकली था, यह एक डीपफेक था, जिसे ठगों ने लोगों को दोखा देने के मकसद से बनाया था. इस वीडियो में लोगों से कहा गया कि वे व्हाट्सएप नंबर से संपर्क करें और 2.5 लाख से 10 लाख इंडोनेशियाई रुपये (लगभग 1300 से 6000 रुपये) तक की फीस जमा करें, ताकि वे उन्हें आर्थिक मदद मिल सके. हालांकि ऐसा कुछ भी नहीं होता था, क्योंकि बहुत से लोगों ने ऐसा किया और आखिर में उन्हें कुछ भी नहीं मिलता था.
एक आरोपी ने ऐंठे 65 लाख
इंडोनेशिया में पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डीपफेक वीडियो का इस्तेमाल उम्मीदवारों के पक्ष या विपक्ष में किया गया, लेकिन अब इसका इस्तेमाल अपराधी लोगों से पैसा ऐंठने के लिए कर रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसने इस धोखाधड़ी से 65 लाख रुपये (4 लाख भारतीय रुपये) कमाए थे. दूसरा आरोपी भी पकड़ा गया, लेकिन उसने कितने पैसे ठगे, इसकी जानकारी नहीं दी गई.
TikTok ले रहा एक्शन
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तरह के प्रबोवो के नकली वीडियो बड़ी तादाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. TikTok पर 'Prabowo shares blessings' नामक हैशटैग के साथ कई वीडियो चल रहे हैं. कम से कम 22 TikTok अकाउंट्स यह धोखाधड़ी कर रहे हैं. TikTok ने एक वीडियो और अकाउंट को हटा दिया और कहा कि वे ऐसे वीडियो हटाते रहेंगे. Facebook (Meta) ने इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
असली-नकली में फर्क करना मुश्किल
बता दें कि कई मशहूर हस्तियों के डीपफेक वीडियो बनाकर लोग दुनियाभर में ठगी कर रहे हैं. पहले की तुलना में डीपफेक वीडियो की क्वालिटी बहुत बेहतर हो गई है. असली और नकली वीडियो में फर्क करना मुश्किल हो गया है. इतनी बड़ी तादाद में ये वीडियो आ रहे हैं कि इन्हें रोकना चुनौती बन गया है. पीड़ितों ने कहा कि लोगों को सावधान रहना चाहिए और नकली वादों के झांसे में नहीं आना चाहिए.
वीडियो कॉल पर बात की
56 वर्षीय आर्यानी ने बताया कि उन्होंने एक जाने-माने कारोबारी के नकली डीपफेक वीडियो को देखकर 2 लाख रुपये भेज दिए. उन्होंने कहा,'मुझे पैसे की जरूरत थी, लेकिन मुझे खुद पैसे भेजने को कह दिया. उन्होंने मेरे साथ वीडियो कॉल भी किया, जिससे ऐसा लगा कि मैं हकीकत में उनसे बात कर रही हूं.'