लद्दाख, जहां ऊंची चोटियां, शांत झीलें और दुर्गम हाइलैंड्स हैं, हमेशा भारत की सांस्कृतिक और रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है. लेकिन दशकों तक इस क्षेत्र को अपनी भौगोलिक कठिनाइयों और कठोर जलवायु की वजह से शिक्षा, बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन के विकास में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले कुछ वर्षों में, लद्दाख ने विकास की एक प्रेरक यात्रा शुरू की है. शिक्षा, संस्थानों के निर्माण और स्थानीय मानव संसाधन के सशक्तिकरण पर केंद्रित यह यात्रा अब फल देने लगी है और यह पूरे भारत में एक उदाहरण बन गया है कि कैसे दूरदराज के क्षेत्रों में भी सर्वांगीण विकास संभव है.
शैक्षिक सशक्तिकरण की इस यात्रा को ऐतिहासिक रूप से फरवरी 2019 में मजबूती मिली, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया. यह लद्दाख का पहला विश्वविद्यालय है और यह एक क्लस्टर विश्वविद्यालय के रूप में कार्य करता है, जो लेह, कारगिल, नुब्रा, ज़ांस्कर, द्रास और खाल्तसी के डिग्री कॉलेजों को एक साथ जोड़ता है. यह विश्वविद्यालय सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं बल्कि क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है. युवा लद्दाखियों के लिए यह क्रांतिकारी कदम था, क्योंकि अब उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने गृह प्रदेश को छोड़ने की आवश्यकता नहीं थी.
सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय
इसी गति को आगे बढ़ाते हुए, 2023 में लद्दाख में सिंधु केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुई. पहले शैक्षणिक वर्ष में ही इस विश्वविद्यालय ने तीन प्रमुख स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू किए: एमटेक ऊर्जा प्रौद्योगिकी और नीति, एमटेक वायुमंडलीय और जलवायु विज्ञान, और एमए पब्लिक पॉलिसी. ये कार्यक्रम विशेष रूप से इस क्षेत्र की पर्यावरणीय चुनौतियों और भारत के व्यापक विकास लक्ष्यों के अनुरूप तैयार किए गए हैं. ऊर्जा, जलवायु और प्रशासनिक शिक्षा में विशेषज्ञता हासिल करने वाले छात्र अब स्थानीय और राष्ट्रीय दोनों स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं.
सिविल सेवा और सरकारी नौकरियां
शिक्षा के साथ-साथ, लद्दाख में सिविल सेवा उम्मीदवारों को भी अभूतपूर्व समर्थन मिला. लेह में पहला अलग यूपीएससी/सिविल सेवा परीक्षा केंद्र स्थापित किया गया, जिससे उम्मीदवार अब प्रारंभिक परीक्षा अपने ही क्षेत्र में दे सकते हैं. इससे पहले, युवा प्रतिभाओं को परीक्षा देने के लिए दूर-दराज के शहरों में यात्रा करनी पड़ती थी. इसके अलावा, केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर कैडर अधिकारियों के लिए जो विशेष प्रोत्साहन थे, उन्हें लद्दाख में सेवा देने वाले IAS अधिकारियों के लिए भी लागू किया. साथ ही, स्थानीय B & C श्रेणी की SSC परीक्षाएँ भी अब लेह में आयोजित की जाती हैं, जिससे सरकारी नौकरी की संभावना स्थानीय युवाओं के लिए अधिक सुलभ हो गई.
तकनीकी शिक्षा में प्रगति
तकनीकी शिक्षा की महत्ता को देखते हुए, लद्दाखियों को प्रीमियर संस्थानों तक पहुँच आसान करने के लिए एनआईटी श्रीनगर में स्नातक कार्यक्रमों के लिए 5% सीटें स्थानीय छात्रों के लिए आरक्षित की गईं. यह न केवल उच्च-स्तरीय तकनीकी शिक्षा का अवसर देता है, बल्कि युवा लद्दाखियों को इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और अनुप्रयुक्त विज्ञान के क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित करता है.
लद्दाख का पहला मेडिकल कॉलेज
लद्दाख में पहला मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का सपना भी साकार होने जा रहा है. 2025 में केंद्र सरकार ने 100 MBBS सीटों वाला लद्दाख मेडिकल कॉलेज मंजूर किया. वर्षों तक लद्दाख के छात्र चिकित्सा शिक्षा के लिए बाहर जाते थे, जिससे उन्हें व्यक्तिगत और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था. इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना से न केवल स्वास्थ्य सेवा में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय चिकित्सा प्रतिभा को भी बढ़ावा मिलेगा. यह कदम क्षेत्र में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों की स्थायी और कुशल टीम बनाने में मदद करेगा.
पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता की उपलब्धि
शिक्षा और पेशेवर अवसरों के साथ-साथ, लद्दाख ने साक्षरता और कार्यात्मक शिक्षा में भी शानदार प्रगति की है. 24 जून 2024 को लद्दाख को पूर्ण कार्यात्मक साक्षर घोषित किया गया, जिसमें 97% से अधिक साक्षरता हासिल की गई. यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि क्षेत्र में हर नागरिक को पढ़ने-लिखने और समाज में सक्रिय भागीदारी करने में सक्षम बनाया गया है. साक्षरता केवल शिक्षा का माध्यम नहीं, बल्कि जागरूक नागरिकता, आर्थिक विकास और सामाजिक कल्याण का आधार है.
मानव संसाधन और स्थानीय विकास
इन पहलों का संयुक्त प्रभाव—विश्वविद्यालयों की स्थापना, स्नातकोत्तर कार्यक्रम, स्थानीय सिविल सेवा परीक्षा केंद्र, तकनीकी शिक्षा के लिए आरक्षित सीटें, मेडिकल कॉलेज और पूर्ण साक्षरता—ने लद्दाख में एक समृद्ध मानव संसाधन इकोसिस्टम तैयार किया है. युवा अब बड़े सपने देखने, उच्च शिक्षा प्राप्त करने और अपने क्षेत्र के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित हैं. महिलाओं और कमजोर वर्गों को भी शिक्षा और अवसरों में समान रूप से सशक्त बनाया जा रहा है.
लद्दाख की प्रेरक यात्रा
लद्दाख की विकास कहानी केवल बुनियादी ढांचे या संस्थानों तक सीमित नहीं है; यह मानव संसाधन की क्षमता को उजागर करने की कहानी है. शिक्षा और पेशेवर अवसरों में निवेश करके, लद्दाख एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहा है, जो स्थानीय चुनौतियों और वैश्विक समस्याओं जैसे जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा प्रबंधन और सतत विकास के समाधान में सक्षम होगी.
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3 weeks ago
