वंतारा कानून का पालन कर रहा, इसे बदनाम न करें: SIT रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट

1 hour ago

Last Updated:September 15, 2025, 13:50 IST

Supreme Court On Vantara: सुप्रीम कोर्ट ने वंतारा जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को SIT जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है. शीर्ष अदालत ने संचालन को पारदर्शी और कानून के अनुरूप बताया है.

 SIT रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्टवंतारा को सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दे दी है.

Supreme Court On Vantara: सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर में स्थित वंतारा जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को विशेष जांच टीम (SIT) की जांच के बाद क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने SIT की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद कहा, “वंतारा पूरी तरह से कानूनों का पालन कर रहा है; इसे बदनाम न करें.” जस्टिस पंकज मिठाल और जस्टिस पीबी वाराले की बेंच ने शुक्रवार को जमा की गई इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लिया और सोमवार को इसका अध्ययन किया.

कोर्ट ने कहा कि वह रिपोर्ट के विस्तृत विश्लेषण के बाद दिन में एक विस्तृत आदेश पारित करेगा. बेंच ने नोट किया कि प्राधिकरणों ने वंतारा में अनुपालन और नियामक उपायों पर संतुष्टि व्यक्त की है.सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को वंतारा के खिलाफ कथित अनियमितताओं की जांच के लिए एक चार सदस्यीय SIT का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता एक पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज कर रहे थे. यह जांच दो जनहित याचिकाओं (PIL) के आधार पर शुरू की गई थी, जिसमें वंतारा पर भारत और विदेशों से, विशेष रूप से हाथियों की खरीद में कानूनों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.

याचिकाओं में मीडिया, सोशल मीडिया और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGO) व वन्यजीव संगठनों की शिकायतों का हवाला दिया गया था. 14 अगस्त को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता सी.आर. जया सुकिन की याचिका को ‘पूरी तरह अस्पष्ट’ करार दिया था. सुकिन ने वंतारा में बंदी हाथियों को उनके मूल मालिकों को लौटाने के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने की मांग की थी. उन्होंने दावा किया था कि एक-एक करके मंदिरों के हाथियों को ले जाया जा रहा है. इस पर कोर्ट ने जवाब दिया, “यदि हाथियों का अधिग्रहण कानून के अनुसार और सभी प्रावधानों का पालन करते हुए किया गया है, तो कोई मुद्दा नहीं है. इस तरह के सामान्य बयानों पर विचार नहीं किया जा सकता.”

वंतारा के बारे में

वंतारा रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और रिलायंस फाउंडेशन के बोर्ड में निदेशक अनंत अंबानी की पहल है. यह गुजरात के जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के ग्रीन बेल्ट के भीतर 3,000 एकड़ में फैला हुआ है. यह केंद्र विशेष रूप से वन्यजीवों, खासकर हाथियों, के बचाव और पुनर्वास के लिए बनाया गया है. इसमें अत्याधुनिक आश्रय, वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए दिन-रात के बाड़े, हाइड्रोथेरेपी पूल, जलाशय और हाथियों में गठिया के इलाज के लिए एक बड़ा हाथी जकूज़ी शामिल है. वंतारा का उद्देश्य जानवरों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण प्रदान करना है, जहां उनकी देखभाल और पुनर्वास पर विशेष ध्यान दिया जाता है.

SIT की रिपोर्ट

SIT की रिपोर्ट ने वंतारा के संचालन को पारदर्शी और कानून के अनुरूप पाया है. यह केंद्र न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी वन्यजीव संरक्षण के लिए एक मॉडल के रूप में उभर रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत में वन्यजीव पुनर्वास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो जैव विविधता संरक्षण और जिम्मेदार प्रबंधन को बढ़ावा देता है. कोर्ट के इस फैसले से वंतारा के खिलाफ उठाए गए सवालों पर विराम लग गया है. यह न केवल केंद्र के संचालन को मजबूती देगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में ऐसी सुविधाओं पर बेवजह सवाल न उठाए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट का यह रुख स्पष्ट करता है कि कानूनी अनुपालन के साथ संचालित होने वाली संस्थाओं को अनावश्यक विवादों से बचाया जाना चाहिए.इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का अंतिम आदेश आने वाले समय में इस मुद्दे पर और स्पष्टता लाएगा. यह फैसला वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ निजी क्षेत्र की ऐसी पहलों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा, जो पर्यावरण और जैव विविधता के संरक्षण में योगदान दे रही हैं. वंतारा का यह मॉडल भविष्य में अन्य राज्यों और संगठनों के लिए प्रेरणा बन सकता है, जो वन्यजीवों के कल्याण के लिए काम करना चाहते हैं.

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।

First Published :

September 15, 2025, 13:48 IST

homenation

वंतारा कानून का पालन कर रहा, इसे बदनाम न करें: SIT रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट

Read Full Article at Source