वक्फ कानून पर 'सुप्रीम' आदेश से किसका बढ़ेगा वोट बैंक, किसका होगा नुकसान?

1 month ago

Last Updated:September 15, 2025, 12:31 IST

Supreme Court on Waqf Law: सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर कुछ संशोधनों के साथ अमल का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के वक्फ बोर्ड पर आए इस फैसले के बाद बिहार चुनाव 2025 में मुस्लिम वोट बैंक का झुकाव किस तरफ हो जाएगा? क्या एनडीए और महागठबंधन दोनों इसे भुनाएंगे?

वक्फ कानून पर 'सुप्रीम' आदेश से किसका बढ़ेगा वोट बैंक, किसका होगा नुकसान?सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर बड़ा फैसला सुना दिया है.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून पर एक अहम फैसला सुनाकर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने संसद द्वारा पारित वक्फ कानून को कुछ संसोधनों के साथ लागू करने का आदेश दिया है. वक्फ बोर्ड पर आए इस फैसले ने एक ऐसे मुद्दे को हवा दी है, जो सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय के वोट बैंक से जुड़ा है. यह कानून एनडीए सरकार द्वारा संसद में पारित किया गया था, जिसका विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध किया था. तीन दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद आए इस फैसले ने जहां एक तरफ सत्ता पक्ष को राहत दी है, वहीं मुस्लिम पक्ष को भी कुछ हद तक सुकून मिला है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि इस फैसले का बिहार चुनाव 2025 में क्या असर होगा? अगर असर होगा तो कितना असर होगा और किस पार्टी को नुकसान और किस पार्टी को फायदा पहुंचेगा?

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में वक्फ कानून पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई है, बल्कि कुछ संशोधनों के साथ इसे अमल में लाने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा है कि वक्फ की संपत्ति से जुड़े विवादों का निपटारा कानून के दायरे में ही होना चाहिए, लेकिन उन प्रावधानों पर पुनर्विचार होना चाहिए, जिन पर याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाए थे. यह फैसला न तो एनडीए के लिए पूरी तरह जीत है और न ही विपक्ष के लिए पूरी तरह हार. दोनों ही खेमे इसे अपने-अपने तरीके से जनता के बीच भुनाने की कोशिश करेंगे.

मुस्लिम वोट बैंक पर फैसले का असर

बिहार की राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक हमेशा से ही निर्णायक भूमिका निभाता रहा है. यह माना जाता है कि मुस्लिम मतदाता पारंपरिक रूप से गैर-एनडीए दलों, खासकर आरजेडी के साथ खड़े रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय में यह संदेश जा सकता है कि अदालत ने उनकी चिंताओं को सुना और उन्हें राहत दी. आरजेडी यह भुनाएगी कि उन्होंने मुस्लिमों के मुद्दे को संसद से सड़क और सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने का काम किया.

बिहार चुनाव में कितना असर?

हालांकि, मुस्लिम पक्ष ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उन्हें कुछ राहत मिली है. यह दिखाता है कि वे पूरी तरह से नाखुश नहीं हैं. यह एक ऐसी स्थिति है जिसका फायदा दोनों ही खेमे उठा सकते हैं. एनडीए इस फैसले को अपनी जीत के रूप में पेश करेगा. वह जनता को यह संदेश देगा कि उसने जो कानून बनाया था, उसे देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी सही ठहराया है. बीजेपी यह भी दावा करेगी कि उसने किसी भी समुदाय के खिलाफ कोई काम नहीं किया और उसका मकसद सिर्फ और सिर्फ न्याय सुनिश्चित करना है.

महागठबंधन इस फैसले का विरोध जारी रखेगा, लेकिन उनका फोकस अब उन ‘संशोधनों’ पर होगा, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सुझाया है. वे यह तर्क देंगे कि अगर उनकी लड़ाई नहीं होती, तो सुप्रीम कोर्ट को कानून में हस्तक्षेप नहीं करना पड़ता. वे खुद को मुस्लिम समुदाय के सच्चे हितैषी के रूप में पेश करते रहेंगे. ऐसे में वक्फ कानून पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला बिहार चुनाव से पहले एक बड़ा गेम चेंजर बन सकता है. वोट वाइव के सर्वे रिपोर्ट में 70 मुस्लिम वोटरों का रुझान महागठबंधन की तरफ है. इस फैसले के बाद हो सकता है कुछ और मुस्लिम वोटर्स का रुझान महगठबंधन की तरफ हो जाए. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए अपनी जीत साबित करने में कितना सफल होता है और महागठबंधन इस फैसले को अपने फायदे में कैसे बदल पाता है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

September 15, 2025, 12:31 IST

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