Last Updated:September 15, 2025, 11:08 IST

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को लेकर अपना अहम फैसला सुना दिया है. हालांकि, अदालत ने इस कानून पर पूरी तरह से रोक लगाने से इनकार कर दिया है. उसने कहा है कि पूरे कानून को स्टे करने का कोई आधार नहीं है. कुछ सेक्शन पर विवाद है. इसको लेकर कोर्ट आगे की सुनवाई कर रही है. शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि जहां तक संभव हो वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुस्लिम होना चाहिए. साथ ही न्यायालय ने गैर-मुस्लिम को सीईओ नियुक्त करने संबंधी संशोधन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
इस फैसले की 10 अहम बातें
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 की उस प्रावधान पर रोक लगा दी है, जिसमें वक्फ बनाने के लिए किसी व्यक्ति का 5 वर्षों तक इस्लाम का अनुयायी होना आवश्यक बताया गया था. यह प्रावधान तब तक स्थगित रहेगा जब तक राज्य सरकारें यह तय करने के लिए नियम नहीं बना लेतीं कि कोई व्यक्ति इस्लाम का अनुयायी है या नहीं.
कलेक्टर के अधिकारों पर
सुप्रीम कोर्ट ने कलेक्टर के अधिकारों पर कहा कि उसका फैसला अंतिम फैसला नहीं होगा. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की इस दलील को मान लिया.
कानून पर सीजेआई ने कहा
सीजेआई ने कहा कि हमने यह माना है कि किसी भी कानून की संवैधानिकता के पक्ष में हमेशा एक अनुमान होता है और हस्तक्षेप सिर्फ अत्यंत विरल मामलों में ही किया जा सकता है. हमने प्रत्येक धारा को लेकर प्रारंभिक चुनौती पर विचार किया है. हमें यह नहीं लगा कि पूरे अधिनियम के प्रावधानों पर रोक लगाने का कोई आधार है. लेकिन कुछ धाराओं को सुरक्षा की आवश्यकता है.
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First Published :
September 15, 2025, 11:08 IST