Last Updated:April 15, 2025, 09:30 IST
Murshidabad Violence : पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा जारी है. हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों गिरफ्तार हो चुके हैं. भाजपा का आरोप है कि टीएमसी लोगों को भड...और पढ़ें

पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के खिलाफ हिंसा, मुर्शिदाबाद में तनाव.
हाइलाइट्स
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़की.हिंसा में तीन लोगों की मौत, 200 से अधिक गिरफ्तार.कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया.Murshidabad Violence : वक्फ बिल अब कानून का रूप ले चुका है. संसद में देश के सामने यह कानून बना. कानून से किसी को आपत्ति है तो सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. कई याचिकाएं गई भी हैं. सुप्रीम कोर्ट इसकी वैधता पर सुनवाई करेगा और अपना फैसला लेगा. ऐसे में किसी को भी हक नहीं कि वक्फ कानून की आड़ में देश के माहौल को खराब करे. मगर पश्चिम बंगाल में माहौल बिगड़ चुका है. मुर्शिदाबाद के एक इलाके से फैली हिंसा की आग अब धीरे-धीरे फैलती जा रही है. पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में हिंसक प्रदर्शन जारी हैं. वक्फ कानून के खिलाफ मुसलमान सड़कों पर हैं. उन्हें बरगलाया जा रहा है. इसकी वजह से सैकड़ों हिंदुओं का पलायन हो चुका है. तीन लोगों की जान भी जा चुकी है. अब सवाल है कि क्या पश्चिम बंगाल में ही सबसे अधिक मुसलमान हैं? क्या अन्य राज्यों के मुसलमानों को वक्फ कानून से कोई लेना-देना नहीं? आखिर यूपी-बिहार और महाराष्ट्र के मुसलमान क्यों बेफिक्र हैं? पश्चिम बंगाल में आखिर कौन दंगे की बार-बार साजिश रच रहा है?
सबसे पहले जानते हैं कि आखिर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में क्या हो रहा है. मुर्शिदाबाद हिंसा की आग में जल रहा है. वक्फ कानून के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन अब हिंसा का रूप ले चुका है. मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद से हिंदू परिवारों का पलायन हो रहा है. वक्फ कानून को लेकर बंगाल की सियासत ने इस हिंसा को और हवा दी है. इसकी वजह से ही बंगाल में अब मार-काट मच चुका है. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में 8 अप्रैल से ही प्रदर्शन और हिंसा का दौर जारी है. धुलियान, शमशेरगंज, सूती, जंगीपुर और निमतिता जैसे इलाकों में खूब हिंसा हुई है. हिंसा में तीन लोगों की मौत हुई, जिसमें एक पिता-पुत्र और एक नाबालिग शामिल हैं. अब तक 200 से अधिक लोग गिरफ्तार हुए हैं और कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का आदेश दिया है. अब साउथ 24 परगना में भी हिंसा हुई है.
क्यों मुर्शिदाबाद में हिंसा?
इसमें कोई शक नहीं कि मुर्शिदाबाद में मुस्लिमों की आबादी अधिक है. 2011 की जनगणना के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले की कुल आबादी में करीब 66.3 फीसदी मुस्लिम हैं. मुर्शिदाबाद हिंसा के पीछे कई वजहों में एक वजह यह भी है. हालांकि, इस हिंसा को सियासी दाना-पानी मिल रहा है.भाजपा का आरोप है कि टीएमसी वाले ही इस कानून के खिलाफ लोगों को भड़का रहे हैं. इसका नतीजा है कि लोग सड़कों पर आ रहे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते कुछ समय से मुर्शिदाबाद में हिंसा, आगजनी और पत्थरबाजी ने यह साबित कर दिया है कि बगैर सियासी घी के यह हिंसा नहीं हो सकती थी. मुर्शिदाबाद हिंसा का टूलकिट भी सामने आया है, जिसमें टेलीग्राम, व्हाट्सऐप और सिग्नल ऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से टूलकिट जारी किया जा रहा है. कहां-कैसे प्रदर्शन करना है, सब प्लानिंग हो रही है.
कहां-कहां अधिक मुसलमान
अब सबसे बड़ा सवाल है कि मुस्लिम तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में भी हैं. फिर यहां के मुसलमान इतने बेफिक्र क्यों हैं? क्या इन राज्यों में मुसलमान नहीं रहते? दरअसल, सारा खेल सियासी है. चलिए एक नजर इन राज्यों में रहने वाली मुस्लिम आबादी के डेटा पर नजर डालते हैं. 2011 की जनगणना की मानें तो भारत में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले पांच राज्य हैं- यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और असम.
राज्य | मुस्लिम आबादी | कुल आबादी में कितना? |
उत्तर प्रदेश | 3.84 करोड़ मुस्लिम | 19.26% |
पश्चिम बंगाल | 2.46 करोड़ मुस्लिम | 27.01% |
बिहार | 1.75 करोड़ मुस्लिम | 16.87% |
महाराष्ट्र | 1.29 करोड़ मुस्लिम | 11.54% |
असम | 1.06 करोड़ मुस्लिम | 34.22% |
ये सभी आंकड़े 2011 की जनगणना पर आधारित हैं
बंगाल को कौन जलाना चाहता?
अब सवाल है कि आखिर पश्चिम बंगाल में दंगे की साजिश कौन रच रहा? पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है. इस हिंसा के पीछे यह भी एक कारण है. सभी वोट बैंक की खातिर अपनी सियासी रोटी सेकने के चक्कर में इसे हवा दे रहे हैं. टीएमसी और भाजपा वक्फ मुद्दे पर आमने-सामने है. एक ओर टीएमसी बंगाल में लागू नहीं होने देने की बात कह रही है, दूसरी ओर कुछ नेता स्थानीय लोगों को भड़का रहे हैं कि वक्फ कानून से उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे. खुफिया एजेंसियों की मानें तो बंगाल में वक्फ कानून के विरोध में फैली हिंसा का पैटर्न साल 2019 में CAA के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों की तरह है. मुर्शिदाबाद में हिंसा फैलाने के लिए उसी टूकिट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका प्रयोग सीएए के खिलाफ हुए विरोध-प्रदर्शनों में किया गया था.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
April 15, 2025, 09:30 IST